Judge Impeachment Controversy : जज पर महाभियोग के विपक्षी कदम पर अमित शाह का तीखा हमला, कहा, यह न्यायपालिका पर दबाव बनाने की पहली कोशिश

खबर सार :-
Judge Impeachment Controversy : अमित शाह ने विपक्ष द्वारा मद्रास हाई कोर्ट के जज जीआर स्वामीनाथन के खिलाफ लाए गए महाभियोग प्रस्ताव को अभूतपूर्व बताते हुए आलोचना की। उन्होंने कहा कि यह कदम न्यायपालिका पर दबाव बनाने और वोट बैंक राजनीति का उदाहरण है।

Judge Impeachment Controversy : जज पर महाभियोग के विपक्षी कदम पर अमित शाह का तीखा हमला, कहा, यह न्यायपालिका पर दबाव बनाने की पहली कोशिश
खबर विस्तार : -

नई दिल्ली: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बुधवार को विपक्ष की उस पहल पर कड़ी आपत्ति जताई, जिसमें मद्रास हाई कोर्ट के एक न्यायाधीश के खिलाफ महाभियोग (Judge Impeachment Controversy) प्रस्ताव लाया गया है। शाह ने इसे आजाद भारत के इतिहास की अभूतपूर्व घटना बताया। उन्होंने कहा कि विपक्षी दल अपने राजनीतिक हित साधने के लिए न्यायपालिका को दबाव में लेने की कोशिश कर रहे हैं।

Judge Impeachment Controversy :  फैसले से असहमति पर महाभियोग, लोकतंत्र के लिए खतरनाक शुरुआत

लोकसभा में चुनाव सुधारों पर चर्चा के दौरान बोलते हुए शाह ने कहा कि यह पहली बार हो रहा है कि किसी जज के फैसले को लेकर सीधे महाभियोग की पहल की गई है। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद पहली बार कोई जज फैसला सुनाए, और उसके खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाया जाए। सिर्फ वोट बैंक को संतुष्ट करने के लिए हाई कोर्ट के जज पर कार्रवाई की जा रही है। विपक्ष के नेताओं ने इस पर हस्ताक्षर भी कर दिए, यहां तक कि उद्धव ठाकरे ने भी। शाह के मुताबिक, यह कदम न केवल लोकतांत्रिक परंपराओं पर आघात है, बल्कि न्यायपालिका की स्वतंत्रता को भी कमजोर करने वाला है। उन्होंने कहा कि देश की जनता ऐसे प्रयासों का समर्थन कभी नहीं करेगी।

Judge Impeachment Controversy : तिरुप्परनकुंद्रम पहाड़ी पर दीप जलाने संबंधी आदेश

जिस निर्णय के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव दिया गया है, वह मद्रास हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति जी.आर. स्वामीनाथन का आदेश है। न्यायमूर्ति ने हाल ही में तिरुप्परनकुंद्रम पहाड़ी पर स्थित सुब्रमण्यम स्वामी मंदिर के अधिकारियों को पहाड़ी के समीप स्थित दरगाह के पास एक दीपस्तंभ पर दीप जलाने की अनुमति देने का निर्देश दिया था। विपक्ष का आरोप है कि यह आदेश धार्मिक आस्थाओं के बीच विवाद को बढ़ा सकता है। इसी आदेश को आधार बनाते हुए विपक्षी गठबंधन के 100 से अधिक सांसदों ने न्यायमूर्ति स्वामीनाथन के खिलाफ महाभियोग नोटिस दिया है और उनकी पद से हटाने की मांग की है। अमित शाह ने कहा कि न्यायपालिका की स्वतंत्रता लोकतंत्र की मूल आत्मा है और यदि राजनीतिक दल अपने हितों के लिए जजों को निशाना बनाना शुरू कर देंगे, तो यह एक खतरनाक परंपरा का जन्म होगा। उन्होंने कहा कि न्यायाधीशों पर इस प्रकार का दबाव न्यायिक प्रक्रिया को कमजोर करता है और संविधान की भावना के विरुद्ध है।
 

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