ECI Guidelines 2025: विहार में होने वाले विधानसभा चुनावों से पूर्व निर्वाचन आयोग अपने कील-कांटे दुरुस्त करने में जुटा हुआ है। चुनाव आयोग ने मतगणना प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी, सुचारू और एकरूप बनाने की दिशा में एक अहम पहल करते हुए नए निर्देश जारी किए हैं। ये निर्देश डाक मतपत्रों (Postal Ballots) की बढ़ती संख्या और उससे जुड़ी जटिलताओं को ध्यान में रखते हुए जारी किया गया है। निर्वाचन आयोग का यह 30वां बड़ा कदम है, जो पिछले छह महीनों में किए गए चुनावी सुधारों की श्रृंखला का हिस्सा है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि वोटों की गिनती में कोई भी देरी न हो और सभी चरण एक सुनियोजित प्रक्रिया के अंतर्गत पूरे हों।
डाक मतपत्रों की संख्या में वृद्धि का कारण हालिया सुधार हैं, जैसे कि 85 वर्ष से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों और विकलांग (PWD) मतदाताओं को घर बैठे मतदान की सुविधा देना। इन मतपत्रों की गिनती अब और अधिक औपचारिक तरीके से की जाएगी। नए निर्देशों के मुताबिक, किसी भी मतगणना केंद्र पर तब तक ईवीएम और वीवीपैट की अंतिम चरण की गिनती शुरू नहीं की जाएगी, जब तक डाक मतपत्रों की गिनती पूरी न हो जाए।
इस नए निर्देश के अनुसार, जहां डाक मतपत्रों की संख्या अधिक है, वहां रिटर्निंग ऑफिसर (RO) को पर्याप्त टेबल और गिनती कर्मियों की व्यवस्था सुनिश्चित करनी होगी। इससे यह तय किया जाएगा कि मतगणना में कोई विलंब न हो और प्रक्रिया अधिक सटीक और व्यवस्थित बने। चुनाव आयोग का कहना है कि यह बदलाव मतदाताओं के विश्वास को और मजबूत करेगा तथा चुनाव प्रणाली की निष्पक्षता को और सुदृढ़ बनाएगा। यह कदम आयोग की तकनीकी सशक्तिकरण, मतदाता सुविधा, और राजनीतिक पारदर्शिता की दिशा में प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
निर्वाचन आयोग की तरफ से चुनावी प्रक्रिया को बेहतर बनाने और जनता का विश्वास बनाये रखने को लेकर लगातार प्रयास किए जाते रहे हैं। इससे पूर्व भी निर्वाचन आयोग ने पिछली पहलों से उल्लेखनीय सुधार किए हैं, जिनमें 808 गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को सूची से हटाना, प्रत्येक मतदान केंद्र पर अधिकतम 1200 मतदाताओं की सीमा तय करना, बीएलओ को स्टैंडर्ड फोटो आईडी कार्ड जारी करना, देशभर में 4,719 सर्वदलीय बैठकें आयोजित करना औऱ ईसीआईनेट डिजिटल प्लेटफॉर्म की शुरुआत करना शामिल है। ये सारे कदम चुनाव प्रक्रिया में आधुनिक तकनीकों के बेहतर उपयोग और नागरिकों को अधिक सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से उठाए गए हैं।
डाक मतपत्रों पर विशेष ध्यान देना यह दर्शाता है कि आयोग हर मतदाता की आवाज को महत्व देता है, चाहे वह घर से वोट कर रहा हो या बूथ पर जाकर। इस निर्देश से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि मतगणना प्रक्रिया के सभी चरण पारदर्शी और एकरूप हों, जिससे किसी भी पक्षपात की संभावना समाप्त हो। चुनाव आयोग की यह पहल आने वाले चुनावों में एक मानक स्थापित कर सकती है।
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