India Pakistan Conflict: 1947 के बंटवारे से 2025 के पहलगाम हमले तक खून, आंसू और संघर्ष की कहानी

खबर सार : -
India Pakistan Conflict: 1947 के विभाजन से लेकर 2025 के पहलगाम आतंकवादी हमले तक भारत-पाकिस्तान दुश्मनी की पूरी घटनाक्रम, जिसमें 26 लोगों की जान चली गई और तनाव फिर से भड़क गया।

खबर विस्तार : -

India Pakistan Conflict: 22 अप्रैल 2025 को जब कश्मीर की पहलगाम घाटी में आतंकवादियों ने 26 निर्दोष सैलानियों को अपनी गोली का शिकार बनाया था, तब एक बार फिर भारत और पाकिस्तान के बीच पुरानी दुश्मनी का लहूलुहान अध्याय खुल गया। हमले की जिम्मेदारी लेते हुए आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा की शाखा 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' (TRF) ने साफ कर दिया कि यह सिर्फ हमला नहीं, बल्कि एक राजनीतिक संदेश भी था "कश्मीर घाटी के जनसांख्यिकीय परिवर्तनों का विरोध।  लेकिन यह नफरत और हिंसा की कहानी आज की नहीं है। यह शृंखला 1947 में भारत के बंटवारे से शुरू हुई थी, जब दो राष्ट्र अस्तित्व में आए एक धर्मनिरपेक्ष भारत और दूसरा इस्लामिक पाकिस्तान।

1947: आज़ादी और बंटवारे की आग: भारत के विभाजन ने उपमहाद्वीप को धार्मिक आधार पर बाँट दिया। तकरीबन डेढ़ करोड़ लोग विस्थापित हुए और लाखों लोग सांप्रदायिक हिंसा की भेंट चढ़ गए। इसके बाद कश्मीर को लेकर पहली जंग छिड़ी जिसमें राजा हरि सिंह के भारत में विलय के बाद पाकिस्तान ने हमला किया।

1948, 1965 और 1971: तीन युद्ध, तीन जख्म: 1948 का युद्ध संयुक्त राष्ट्र की मध्यस्थता से युद्धविराम पर रुका लेकिन कश्मीर का मुद्दा अधूरा रह गया। 1965 में फिर टकराव हुआ और ताशकंद समझौते में समाप्त हुआ। 1971 में पाकिस्तान का विभाजन हुआ और बांग्लादेश का जन्म हुआ—भारत की निर्णायक भूमिका के चलते पाकिस्तान को भारी अपमान झेलना पड़ा।

1989: आतंक का नया अध्याय: कश्मीर घाटी में पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद ने जन्म लिया। भारत ने जवाब में कड़े कदम उठाए, लेकिन घाटी से कश्मीरी पंडितों का पलायन एक भावनात्मक जख्म बनकर रह गया।

1999: कारगिल की ऊँचाइयों पर मौत की बर्फ: कारगिल की पहाड़ियों में पाकिस्तानी घुसपैठ और भारत की जवाबी कार्रवाई ने दुनिया को परमाणु युद्ध की आशंका में डाल दिया। अमेरिका के दखल से युद्ध रुका, लेकिन अविश्वास की खाई और गहरी हो गई।

2008: मुंबई में आतंक का समुंदर: 26/11 हमलों ने पाकिस्तान से आए 10 आतंकवादियों की दरिंदगी को दुनिया के सामने ला दिया। भारत ने कसाब को जिंदा पकड़कर एक मजबूत संदेश दिया, लेकिन पाकिस्तान ने आज तक दोषियों पर कार्यवाही नहीं की।

2016 और 2019: सर्जिकल और एयर स्ट्राइक: उरी हमले और पुलवामा विस्फोट के बाद भारत ने पाकिस्तान के भीतर घुसकर आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। यह घटनाएं 'नया भारत' और 'रोक के बदले चोट' की रणनीति का प्रतीक बनीं।

2025: पहलगाम हमले के बाद फिर तनाव चरम पर: 22 अप्रैल 2025 को बैसरन घाटी में हुए नरसंहार ने भारतीय जनता को झकझोर दिया। इसमें मारे गए सैलानी मुख्यतः हिन्दू थे और इसका मकसद स्पष्ट था—कश्मीर घाटी में हो रहे सांस्कृतिक और जनसांख्यिकीय बदलावों का खून से विरोध। इस जघन्य वारदात के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि रोकने की घोषणा की और पाकिस्तानी नियंत्रित क्षेत्रों पर मिसाइल हमले किए। एक बार फिर परमाणु शक्ति संपन्न दोनों देशों के बीच तनाव की रेखा खिंच गई है।

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