एमपी और राजस्थान के बाद इस राज्य में भी बैन हुई ‘कोल्डरिफ’ कफ सिरप, कई बच्चों की हुई मौत

खबर सार :-
मध्य प्रदेश और राजस्थान में "कोल्ड्रिफ" कफ सिरप पर पूरी तरह से बैन लग गया है और इसको बनाने वाली कंपनी भी जांच के घेरे में हैं। ऐसे में पश्चिम बंगाल सरकार ने भी इस कप सिरप की बिक्री पर रोक लगा दी है। इतना ही नहीं सरकार द्वारा दवा विक्रेताओं के साथ एक बैठक बुलाई गई है।

एमपी और राजस्थान के बाद इस राज्य में भी बैन हुई ‘कोल्डरिफ’ कफ सिरप, कई बच्चों की हुई मौत
खबर विस्तार : -

कोलकाताः मध्य प्रदेश में कथित तौर पर "कोल्ड्रिफ" कफ सिरप के सेवन से कई बच्चों की मौत के बाद, पश्चिम बंगाल में इसकी बिक्री पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया गया है। बंगाल केमिस्ट्स एंड ड्रगिस्ट्स एसोसिएशन (बीसीडीए) ने राज्य के सभी खुदरा और थोक दवा विक्रेताओं को कफ सिरप की बिक्री बंद करने का निर्देश जारी किया है।

बीसीडीए के सचिव पृथ्वी बसु ने शुक्रवार को बताया कि मध्य प्रदेश की घटना में शामिल दवा की खेप पश्चिम बंगाल नहीं पहुँची है, लेकिन एहतियात के तौर पर सभी दवा विक्रेताओं को इसकी स्टॉकिंग और बिक्री रोकने को कहा गया है। उन्होंने आगे कहा कि और कड़े दिशानिर्देश जारी करने के लिए 11 अक्टूबर को दवा विक्रेताओं के साथ एक बैठक बुलाई गई है।

दवा निर्माता गिरफ्तार

यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब देश भर में बिना डॉक्टरी पर्चे के मिलने वाले कफ सिरप की गुणवत्ता को लेकर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। "कोल्ड्रिफ" सिरप तमिलनाडु की एक दवा कंपनी द्वारा निर्मित किया जाता है, जिसके निर्माता को बच्चों की मौत के बाद गिरफ्तार कर लिया गया है। इस घटना ने पश्चिम बंगाल सहित कई राज्यों में दहशत फैला दी है।

खतरनाक रसायन होने का दावा

रिपोर्टों के अनुसार, इस सिरप में प्रोपिलीन ग्लाइकॉल, ग्लिसरीन और सोर्बिटोल जैसे रसायन पाए गए हैं। पश्चिम बंगाल राज्य औषधि नियंत्रण प्राधिकरण ने निर्देश जारी किए हैं कि इन रसायनों की आपूर्ति केवल प्रमाणित विक्रेताओं से ही की जाए और मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं में इनका परीक्षण किया जाए। परीक्षण रिपोर्ट औषधि नियंत्रण बोर्ड के लाइसेंसिंग प्राधिकारी को प्रस्तुत की जानी चाहिए।

इस बीच, बाल रोग विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि असली खतरा सिरप में मौजूद डायथिलीन ग्लाइकॉल और एथिलीन ग्लाइकॉल जैसे तत्वों की मौजूदगी में हो सकता है, जो किडनी को गंभीर नुकसान पहुँचाने के लिए जाने जाते हैं।

अभिभावकों को दी गई सलाह

बाल स्वास्थ्य संस्थान के प्राचार्य डॉ. जयदेव रॉय ने कहा, "यह पहली बार नहीं है जब ऐसी घटना हुई हो। सावधानी ही एकमात्र उपाय है।" उन्होंने अभिभावकों को सलाह दी कि वे बिना चिकित्सकीय सलाह के बच्चों को कफ सिरप न दें। उन्होंने कहा कि बच्चे अक्सर सिरप के प्रभाव से पतले हुए बलगम को बाहर नहीं निकाल पाते, जिससे जोखिम बढ़ जाता है। इंटरनेट से जानकारी के आधार पर दवाइयाँ खरीदने का चलन बेहद चिंताजनक है।

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