प्रत्येक बच्चे का होगा स्वास्थ्य परीक्षण

Summary : महिला कल्याण विभाग की ओर से जिला लखनऊ में संचालित राजकीय एवं स्वैच्छिक संस्थाओं के सुचारू रूप से संचालन कराने एवं उनका स्थलीय निरीक्षण के लिए पूर्व में एक समिति गठित की गयी थी।

लखनऊः महिला कल्याण विभाग की ओर से जिला लखनऊ में संचालित राजकीय एवं स्वैच्छिक संस्थाओं के सुचारू रूप से संचालन कराने एवं उनका स्थलीय निरीक्षण के लिए पूर्व में एक समिति गठित की गयी थी। इस समिति में संबंधित अपर नगर मजिस्ट्रेट, उप जिलाधिकारी, समाज कल्याण अधिकारी, पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी, अल्प संख्यक कल्याण अधिकारी, दिव्यांगजन कल्याण अधिकारी, प्रोबेशन अधिकारी, प्रभारी चिकित्साधीक्षक एवं खाद्य सुरक्षा अधिकारी को शामिल किया गया था।

जिम्मेदारी मिलने के बाद इन अधिकारियों ने संबंधित संस्थाओं निरीक्षण कर एक रिपोर्ट भी तैयार की थी। इन अधिकारियों की एक टीम ने संस्थाओं में निवासरत प्रत्येक बच्चे की व्यक्गित स्वास्थ्य संबंधी पत्रावली एवं हेल्थ रिपोर्ट कार्ड भी तैयार कराया था। अधिकारियों के द्वारा एक आख्या जिलाधिकारी कार्यालय को उपलब्ध कराया गया। बीते दिनों इसकी समीक्षा कलेक्ट्रेट सभागार में डीएम विशाख जी अय्यर की मौजूदगी में हुई। इसमें भी कई और निर्णय लिए गए। 

समीक्षा में पाया गया कि छह राजकीय और नौ स्वैच्छिक संस्थाओं में अधिकारियों ने दस्तक दी थी। उनमें आवासित संवासिनियों एवं बच्चों के स्वास्थ्य परीक्षण कराकर स्वास्थ्य पत्रावली तैयार करा दी गई। बैठक में जिला क्षय रोग अधिकारी को निर्देश दिया गया कि संस्थानों में टीबी से संबंधित जो भी रोगी है, उसके उपचार की मॉनिटरिंग कराई जाए।

अधिकारियों को करना होगा निरीक्षण

यह भी कहा गया कि मुख्य चिकित्साधिकारी के माध्यम से संस्थानों के लिए आवंटित चिकित्सकों द्वारा रोस्टर के आधार पर नियमित भ्रमण करना सुनिश्चित करें। इसके अतिरिक्त यदि किसी संस्थान को विशेषज्ञ चिकित्सक की आवश्यकता है तो इसे संस्थान को चिन्हित करते हुए विशेषज्ञ चिकित्सक की ड्यूटी लगाई जाए। डीएम ने कहा कि प्रत्येक संस्थान में सप्ताह में एक दिन निकटवर्ती सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से एक तिथि नियत करें। इसमें स्वास्थ्य परीक्षण पर सारा ध्यान दें।

नए निर्देशों के अनुसार अब संस्थानवार रूटीन इम्यूनाइजेशन, डी वार्मिंग टेबलेट, सप्लीमेंट्स का वितरण कराते हुए उसका चार्ट भी मेंटेन करना होगा। साथ ही अब समस्त अपर नगर मजिस्ट्रेट द्वारा संस्थानों का मासिक निरीक्षण के अलावा संबंधित संस्था में पर्याप्त साफ-सफाई, पेयजल, खान-पान, शौचालय, शयन कक्ष की व्यवस्था, सुरक्षा एवं शिक्षा की उचित व्यवस्था करनी होगी। मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देशित किया गया कि सभी संस्थानों के लिए मेडिकल रेफरल फैसिलिटी चिन्हित करते हुए उसकी सूची उपलब्ध कराएं। संस्थानों के किचन के फूड लाइसेंस में किसी प्रकार का फेरबदल या मनमानी भी अब नहीं चलने वाली है।

जिला प्रोबेशन अधिकारी ने बताया कि अभी तक चार संस्थानों के किचन के लाइसेंस जारी किए जा चुके है, जबकि बाकी संस्थानों के आवेदन प्रक्रिया पूर्ण करा दिए गए है। इस संबंध में निर्देश हैं कि शीघ्र ही प्रक्रियाओं को पूर्ण कराकर सभी संस्थानों के लाइसेंस बनवाना होगा। गर्मी के समय संस्थानों में आरओ के पानी की सैंपलिंग, फायर इक्यूपमेंट की रिफिलिंग, शौचालय और चेंबर की सफाई और जल निकासी की पर्याप्त व्यवस्था के अलावा संस्थानों को फायर एनओसी लेना होगा। इस बैठक में अपर जिलाधिकारी नगर पूर्वी, समस्त उप जिलाधिकारी, समस्त अपर नगर मजिस्ट्रेट, खाद्य सुरक्षा अधिकारी, संस्थाओं के संचालकगण सहित विभिन्न अधिकारी उपस्थित रहे।
 

अन्य प्रमुख खबरें