पाकिस्तान छोड़कर जा रही दिग्गज कंपनियां, बढ़ता आतंकवाद और भ्रष्टाचार बना वजह: रिपोर्ट

खबर सार :-
पाकिस्तान से माइक्रोसॉफ्ट, यामाहा और प्रॉक्टर एंड गैंबल जैसी दिग्गज कंपनियों का पलायन आर्थिक और राजनीतिक अस्थिरता का गंभीर संकेत है। बढ़ता आतंकवाद, भ्रष्टाचार और नियामकीय बाधाएं कारोबारी माहौल को विषाक्त बना रही हैं। बेरोजगारी और सरकारी विफलताओं से जूझती जनता के बीच असंतोष गहराता जा रहा है। यह देश के अंतरराष्ट्रीय छवि और निवेश भविष्य पर बड़ा सवाल खड़ा करता है।

पाकिस्तान छोड़कर जा रही दिग्गज कंपनियां, बढ़ता आतंकवाद और भ्रष्टाचार बना वजह: रिपोर्ट
खबर विस्तार : -

नई दिल्लीः दुनियाभर में आतंकवाद का गढ़ कहे जाने वाले कंगाल पाकिस्तान को ताबड़तोड़ झटके लग रहे हैं। दुनिया भर की बड़ी-बड़ी कंपनियां पाकिस्तान से अपना बिजनेस समेटकर निकल रही हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान से बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनियों के बाहर जाने को लेकर इस्लामाबाद में चिंता बढ़ रही है। भ्रष्टाचार, आतंकवाद और नियामक बाधाओं ने इन कंपनियों के लिए देश में काम करना मुश्किल बना दिया है।

पाकिस्तान की सरकार की चिंताएं बढ़ने का सबसे बड़ा कारण नामचीन कंपनियों के देश छोड़कर जाने से हो रही बदनामी है। यहां की मीडिया रिपोर्ट में भी बहुराष्ट्रीय कंपनियों के देश छोड़ने का जिक्र लगातार किया जा रहा है, जिसकी वजह से जनता में सरकार की कार्यप्रणाली को लेकर काफी गुस्सा नजर आ रहा है। यहां बेरोजगारी और भुखमरी से जूझ रहे लोगों की समस्याएं खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही हैं। बता दें कि पाकिस्तान दुनिया का पांचवां सबसे अधिक आबादी वाला देश है। यहां 24 करोड़ से ज्यादा लोग रहते हैं, इसके बावजूद ये कंपनियां देश छोड़ रही हैं।

माइक्रोसॉफ्ट, यामाहा और प्रॉक्टर एंड गैंबल ने समेटा कारोबार

वैश्विक स्तर पर मशहूर दिग्गज टेक कंपनी माइक्रोसॉफ्ट ने महीने भर पहले पाकिस्तान में अपना दुकान समेट लिया। इसके बाद यामाहा और फिर हालिया अपडेट में प्रॉक्टर एंड गैंबल भी पाकिस्तान से निकल गई। इसके अलावा शेल (एलएनजी की ओर वैश्विक झुकाव के तहत खुदरा ईंधन से बाहर निकलना), उबर और फाइजर ने भी पाकिस्तान को टाटा बाय-बाय बोल दिया। इसका मुख्य कारण आर्थिक अस्थिरता, अनियंत्रित मुद्रास्फीति, मुद्रा अवमूल्यन, नीतिगत अराजकता और सुरक्षा संबंधी मुद्दों जैसी व्यापक चिंताएं हैं। प्रमुख वैश्विक वित्तीय विशेषज्ञ यूसुफ नजर के अनुसार, इसका मुख्य कारण बाजार की दीर्घकालिक क्षमता का आकलन है।

क्षेत्रीय केंद्रों में स्थानांतरण बड़ी वजहः विश्लेषक

विश्लेषकों का कहना है कि कुछ कंपनियों का बाहर जाना वैश्विक रणनीतियों का हिस्सा है। कुछ कंपनियां बेहतर आर्थिक पैमाने के लिए दुबई या सिंगापुर जैसे क्षेत्रीय केंद्रों में स्थानांतरित हो सकती हैं। ये फैसले अभी भी पाकिस्तान के कारोबारी माहौल में ‘अविश्वास प्रस्ताव’ को दर्शाते हैं, जहां भारी कर मुनाफे को कम करते हैं और मुनाफे की वापसी में बाधा डालते हैं। विशेषज्ञों का सुझाव है कि इस प्रवृत्ति में सीधे पलायन के बजाय स्वामित्व परिवर्तन शामिल है, जिसमें सऊदी अरामको, गनवोर ग्रुप और बैरिक गोल्ड (खनन में 9 अरब डॉलर का निवेश) जैसे नए प्रवेशकर्ता अंतराल को भरने के लिए आगे आ रहे हैं।

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