मुंबईः भारतीय शेयर बाजार ने गुरुवार को हरे निशान के साथ मजबूत शुरुआत की है, जिससे निवेशकों में एक नई उम्मीद जगी है। वैश्विक अस्थिरता और एफआईआई की बिकवाली के बावजूद घरेलू बाजार में सकारात्मक रुख देखने को मिला। प्रमुख बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ही मामूली बढ़त के साथ खुले। सुबह 9:24 बजे सेंसेक्स 61 अंकों की तेजी के साथ 81,777 पर और निफ्टी 27 अंकों की बढ़त के साथ 25,084 पर कारोबार कर रहा था।
भारतीय शेयर बाजार की तेजी में सबसे अहम भूमिका मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों ने निभाई। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 215 अंक यानी 0.37 प्रतिशत की तेजी के साथ 58,140 पर था, जबकि निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 65 अंक यानी 0.37 प्रतिशत की मजबूती के साथ 18,135 पर पहुंच गया। यह संकेत करता है कि रिटेल निवेशकों और डीआईआई की दिलचस्पी इन शेयरों में बढ़ रही है। सेक्टोरल प्रदर्शन की बात करें तो निफ्टी पीएसयू बैंक, फाइनेंशियल सर्विसेज, फार्मा, एफएमसीजी, मेटल, एनर्जी और इन्फ्रा इंडेक्स में खरीदारी देखने को मिली। वहीं निफ्टी आईटी, ऑटो, रियल्टी और मीडिया इंडेक्स में कुछ कमजोरी रही।
सेंसेक्स के टॉप गेनर्स में बीईएल, भारती एयरटेल, आईसीआईसीआई बैंक, एलएंडटी, आईटीसी, इन्फोसिस, अदाणी पोर्ट्स, एचडीएफसी बैंक, एचयूएल, टेक महिंद्रा और कोटक महिंद्रा बैंक शामिल रहे। जबकि टॉप लूजर्स में टाटा मोटर्स, एशियन पेंट्स, टाइटन, मारुति सुजुकी, एचसीएल टेक, टीसीएस, पावर ग्रिड और अल्ट्राटेक सीमेंट प्रमुख रहे। चॉइस ब्रोकिंग के अनुसार, निफ्टी 25,000 के ऊपर ट्रेड कर रहा है जो तकनीकी रूप से एक मजबूत संकेत है। यदि यह तेजी बरकरार रहती है, तो अगला प्रतिरोध स्तर 25,100 और फिर 25,250 हो सकता है। अगर बाजार में गिरावट आती है, तो 24,900 और 24,800 पर मजबूत सपोर्ट देखा जा रहा है।
वैश्विक स्तर पर एशियाई बाजारों में मिलाजुला रुख है। टोक्यो, शंघाई, हांगकांग और बैंकॉक के बाजार हरे निशान में रहे, जबकि सोल और जकार्ता में कमजोरी रही। अमेरिकी बाजार बुधवार को गिरावट के साथ बंद हुए थे, जिससे वैश्विक अनिश्चितता की स्थिति बनी हुई है। कच्चे तेल की कीमतों में भी गिरावट देखी गई। डब्ल्यूटीआई क्रूड 0.38 प्रतिशत की गिरावट के साथ 64.74 डॉलर प्रति बैरल पर और ब्रेंट क्रूड 0.35 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 69.07 डॉलर प्रति बैरल पर ट्रेड कर रहा था। इससे भारत जैसे तेल आयातक देश को राहत मिल सकती है।
एफआईआई (विदेशी संस्थागत निवेशक) ने 24 सितंबर को लगातार तीसरे दिन बिकवाली की और कुल 2,425 करोड़ रुपये के शेयर बाजार से निकाले। इसके विपरीत, डीआईआई (घरेलू संस्थागत निवेशक) ने बाजार को संभालते हुए 1,211 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे। इस प्रकार, घरेलू निवेशकों की भागीदारी और मिड-स्मॉल कैप में दिख रही मजबूती ने बाजार को सहारा दिया है। आगे के दिनों में, वैश्विक संकेतक, एफआईआई की गतिविधियां और कच्चे तेल की कीमतें बाजार की दिशा तय कर सकती हैं।
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