फेड की ब्याज दर कटौती की आहट और वैश्विक तनाव से चमका सोना-चांदी, रिकॉर्ड ऊंचाई पर कीमतें

खबर सार :-
सोने और चांदी की रिकॉर्डतोड़ तेजी के पीछे फेड की ब्याज दर कटौती की उम्मीदें, डॉलर की कमजोरी और वैश्विक भू-राजनीतिक तनाव प्रमुख कारण हैं। सुरक्षित निवेश की बढ़ती मांग और सीमित आपूर्ति ने कीमतों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि निकट भविष्य में कीमती धातुओं में मजबूती बनी रह सकती है।

फेड की ब्याज दर कटौती की आहट और वैश्विक तनाव से चमका सोना-चांदी, रिकॉर्ड ऊंचाई पर कीमतें
खबर विस्तार : -

MCX Gold Prices: वैश्विक स्तर पर बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव और अमेरिका में अगले साल फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदों ने कीमती धातुओं को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया है। हफ्ते के तीसरे कारोबारी दिन बुधवार को सोने और चांदी की कीमतों ने अब तक के सभी पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए। अंतरराष्ट्रीय और घरेलू, दोनों ही बाजारों में जबरदस्त तेजी देखने को मिली, जिससे निवेशकों का रुझान सुरक्षित निवेश विकल्पों की ओर और मजबूत हुआ है।

अंतरराष्ट्रीय बाजार में ऐतिहासिक उछाल

अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमत 0.5 प्रतिशत से अधिक की तेजी के साथ 4,500 डॉलर प्रति औंस के पार निकल गई। यह स्तर अब तक का सबसे ऊंचा माना जा रहा है। वहीं, चांदी की कीमत भी तेजी से बढ़ते हुए 72 डॉलर प्रति औंस के ऊपर पहुंच गई। डॉलर इंडेक्स में करीब 0.20 प्रतिशत की गिरावट ने भी इस तेजी को बल दिया, क्योंकि डॉलर कमजोर होने से अन्य मुद्राओं में सोना और चांदी सस्ते हो जाते हैं, जिससे उनकी मांग बढ़ती है।

एमसीएक्स पर सोना-चांदी ने बनाया नया कीर्तिमान

भारतीय बाजार में मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर फरवरी कॉन्ट्रैक्ट वाला सोना 1,38,676 रुपये प्रति 10 ग्राम के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। इसी तरह मार्च कॉन्ट्रैक्ट वाली चांदी 2 प्रतिशत से ज्यादा की उछाल के साथ 2,24,300 रुपये प्रति किलोग्राम के सर्वकालिक उच्च स्तर पर कारोबार करती नजर आई। खबर लिखे जाने तक एमसीएक्स पर सोना 625 रुपये की तेजी के साथ 1,38,510 रुपये और चांदी 4,207 रुपये की बढ़त के साथ 2,23,860 रुपये प्रति किलोग्राम पर ट्रेड कर रही थी।

सुरक्षित निवेश की ओर बढ़ा झुकाव

एचडीएफसी सिक्योरिटीज के प्राइम रिसर्च प्रमुख देवर्ष वकील के अनुसार, वैश्विक अनिश्चितता और अमेरिका में ब्याज दरों में संभावित कटौती के चलते निवेशक सुरक्षित संपत्तियों की ओर रुख कर रहे हैं। सोना और चांदी पारंपरिक रूप से सुरक्षित निवेश माने जाते हैं, यही वजह है कि इनकी कीमतों में लगातार तेजी देखी जा रही है। उन्होंने बताया कि केवल दिसंबर महीने में ही चांदी की कीमतों में करीब 24 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है, जबकि सालाना आधार पर यह उछाल 135 प्रतिशत तक पहुंच चुका है।

मांग और आपूर्ति का असंतुलन

विशेषज्ञों का मानना है कि चांदी की कीमतों में जबरदस्त तेजी के पीछे मांग और आपूर्ति का असंतुलन भी एक बड़ा कारण है। औद्योगिक मांग बढ़ने के बावजूद आपूर्ति सीमित बनी हुई है। दूसरी ओर, केंद्रीय बैंकों द्वारा सोने की आक्रामक खरीदारी ने भी कीमतों को मजबूत सहारा दिया है। घरेलू बाजार में इस साल अब तक सोने की कीमतों में 76 प्रतिशत से ज्यादा की बढ़ोतरी हो चुकी है, जबकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में यह बढ़त 70 प्रतिशत से अधिक रही है।

भू-राजनीतिक तनाव का असर

अमेरिका और वेनेजुएला के बीच बढ़ते तनाव ने भी कीमती धातुओं की चमक बढ़ाई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिकी कोस्ट गार्ड ने प्रतिबंधों के तहत वेनेजुएला का तेल ले जा रहे एक सुपर टैंकर को जब्त किया, जिससे दोनों देशों के रिश्तों में और खटास आई। इसके अलावा, रूस में एक सैन्य अधिकारी की बम धमाके में मौत जैसी घटनाओं ने वैश्विक अस्थिरता को बढ़ाया, जिसका सीधा फायदा सोने और चांदी जैसी सुरक्षित धातुओं को मिला।

अन्य कीमती धातुओं में भी तेजी

सोने और चांदी के साथ-साथ प्लेटिनम की कीमतें भी कई दशकों बाद पहली बार 2,300 डॉलर प्रति औंस के ऊपर पहुंच गई हैं। पैलेडियम में भी मजबूती देखने को मिली है। विशेषज्ञों के अनुसार, गोल्ड और सिल्वर ईटीएफ में मजबूत निवेश, अमेरिकी टैरिफ को लेकर चिंता और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता आने वाले समय में भी कीमतों को ऊंचे स्तर पर बनाए रख सकती है।

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