पैन को आधार से 31 दिसंबर से पहले जोड़े, नहीं तो हो सकता है निष्क्रिय

खबर सार :-
पैन को आधार से लिंक करने की आखिरी तारीख 31 दिसंबर है। जिन लोगों का आधार पैन से लिंक नहीं होगा उनका पैन इस तारीख के बाद डिएक्टिवेट हो जाएगा। आयकर विभाग की ओर से अप्रैल में नोटिफिकेशन जारी किया गया था कि जिन लोगों का पैन एक अक्टूबर 2024 के बाद आवंटित हुआ है, उन्हें 31 दिसंबर तक पैन को आधार से लिंक करना जरूरी है। पैन निष्क्रिय हो जाने पर आईटीआर भरने में दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा।

पैन को आधार से 31 दिसंबर से पहले जोड़े, नहीं तो हो सकता है निष्क्रिय
खबर विस्तार : -

नई दिल्ली : पैन को आधार से लिंक करने की आखिरी तारीख 31 दिसंबर है। ऐसे में जिन लोगों का आधार-पैन लिंक नहीं होगा, उनका पैन इस तारीख के बाद डिएक्टिवेट यानी निष्क्रिय हो जाएगा। आयकर विभाग की ओर से 3 अप्रैल 2025 को जारी किए गए नोटिफिकेशन में बताया था कि जिन लोगों को पैन एक अक्टूबर 2024 के बाद आवंटित हुए हैं, उन्हें इस साल के अंत तक यानी 31 दिसंबर तक पैन को आधार से लिंक करना जरूरी है। सभी लोगों के लिए पैन से आधार को लिंक करने की आखिरी तारीख 31 मई 2024 थी।

31 दिसंबर को पैन को आधार से लिंक करते हैं तो 1,000 रुपए जुर्माना

अगर आप 31 दिसंबर को पैन को आधार से लिंक करते हैं तो आपको 1,000 रुपए के जुर्माने का भुगतान करना है, क्योंकि लिंक करने की असली तारीख निकल चुकी है। अगर आपका पैन निष्क्रिय हो जाता है तो आपको कई मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा। आपको आईटीआर भरने में मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। अगर आपने आईटीआर भर दिया है और रिफंड का इंतजार कर रहे हैं तो ऐसे में पैन रद्द होने से आपका रिफंड अटक सकता है और फिर नया पैन लेने के बाद एक लंबी प्रक्रिया से गुजरना होगा। 

पैन से आधार लिंक न होने पर अधिक टीडीएस और टीसीएस का करना पड़ सकता है भुगतान

इसके अलावा, पैन से आधार लिंक न होने पर आपको अधिक टीडीएस और टीसीएस का भुगतान करना पड़ सकता है। साथ ही आप फॉर्म 26एएस का उपयोग नहीं कर पाएंगे और टीसीएस/टीडीएस सर्टिफिकेट भी उपलब्ध नहीं होंगे। आप बैंक अकाउंट नहीं खोल पाएंगे, क्रेडिट/डेबिट कार्ड नहीं ले पाएंगे, बैंक में 50,000 रुपए से ज्यादा कैश जमा नहीं कर पाएंगे या 10,000 रुपए से ज्यादा के बैंक ट्रांजैक्शन नहीं कर पाएंगे। इसके अलावा, आप केवाईसी आदि नहीं हो पाएगी और सरकारी सेवाओं से भी वंचित हो सकते हैं। साथ ही म्यूचुअल फंड और इक्विटी में भी निवेश रुक सकता है।
 

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