एमएसएमई ग्रोथ के असली हीरो बने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकः पीयूष गोयल

खबर सार :-
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के बयान से स्पष्ट है कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक एमएसएमई विकास की रीढ़ बन चुके हैं। सरकारी योजनाओं, एफटीए और मजबूत बैंकिंग प्रणाली के सहयोग से एमएसएमई को वित्त, बाजार और मार्गदर्शन मिल रहा है। आने वाले वर्षों में यही क्षेत्र भारत को वैश्विक आर्थिक शक्ति बनाने में निर्णायक भूमिका निभाएगा।

एमएसएमई ग्रोथ के असली हीरो बने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकः पीयूष गोयल
खबर विस्तार : -

MSME Growth: केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक (पीएसबी) अब पहले से कहीं अधिक मजबूत, सक्षम और प्रतिस्पर्धी बन चुके हैं। वे देश की आर्थिक प्रगति में निजी और विदेशी बैंकों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर योगदान दे रहे हैं। एमएसएमई बैंकिंग एक्सीलेंस अवॉर्ड्स कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने बैंकिंग क्षेत्र की भूमिका को देश की विकास यात्रा का महत्वपूर्ण स्तंभ बताया।

एमएसएमई को कर्ज देने में बैंकों की भूमिका

पीयूष गोयल ने कहा कि बैंकिंग प्रणाली सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को समय पर और पर्याप्त कर्ज उपलब्ध कराने में अहम भूमिका निभा रही है। बीते कुछ वर्षों में एमएसएमई को मिलने वाला कर्ज औसतन 14 प्रतिशत की वार्षिक दर से बढ़ा है। इससे रोजगार सृजन, उत्पादन और निर्यात को गति मिली है, जो देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान कर रहा है।

एफटीए से एमएसएमई को मिलेंगे नए अवसर

केंद्रीय मंत्री ने भारत द्वारा विभिन्न देशों के साथ किए गए मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए) का उल्लेख करते हुए कहा कि इससे एमएसएमई क्षेत्र को वैश्विक बाजारों तक पहुंच बनाने का बड़ा अवसर मिलेगा। उन्होंने उद्योग और बैंकिंग जगत से अपील की कि वे इन समझौतों से मिलने वाले लाभों का पूरा उपयोग करें और द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना, तिगुना और चौगुना करने का लक्ष्य रखें।

मुद्रा और पीएम स्वनिधि योजनाओं का असर

पीयूष गोयल ने कर्ज को आसान बनाने के लिए सरकार की विभिन्न योजनाओं का जिक्र किया। उन्होंने प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) को एक क्रांतिकारी पहल बताया, जिसके तहत लगभग 70 प्रतिशत ऋण महिलाओं को दिए गए और किसी गारंटी की आवश्यकता नहीं रही। इसके अलावा पीएम स्वनिधि योजना के माध्यम से पहले 10,000 रुपये, फिर समय पर भुगतान करने पर 20,000 और 50,000 रुपये तक का ऋण दिया गया। इससे छोटे दुकानदारों और रेहड़ी-पटरी वालों को साहूकारों के चंगुल से मुक्ति मिली।

बैंकिंग क्षेत्र की मजबूती

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वैश्विक स्तर पर भारत को 2047 तक 30–35 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर माना जा रहा है। यह देश के लिए आठ गुना विकास का अवसर है। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष बैंकों ने लगभग 3 लाख करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया, जो उनकी वित्तीय मजबूती और जिम्मेदार कर्ज वितरण क्षमता को दर्शाता है।

महामारी में सरकार का सहयोग

कोरोना महामारी के दौरान सरकार ने एमएसएमई ऋण की गारंटी स्वयं ली, जिससे बिना अतिरिक्त गारंटी के कर्ज उपलब्ध कराया जा सका। मंत्री ने बैंकों से आग्रह किया कि वे उदारता और जिम्मेदारी के साथ ऋण दें, प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाएं तथा एमएसएमई को पूंजी के साथ सही मार्गदर्शन भी दें।

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