वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूतः आरबीआई गवर्नर

खबर सार :-
आरबीआई गवर्नर के बयान से स्पष्ट है कि वैश्विक चुनौतियों के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत आधार पर खड़ी है। कम महंगाई, तेज जीडीपी वृद्धि और मजबूत बैंकिंग प्रणाली ने देश को स्थिरता प्रदान की है। सुधारों और संतुलित नीतियों के जरिए आने वाले समय में भारत के विकास की संभावनाएं और उज्ज्वल दिख रही हैं।

वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूतः आरबीआई गवर्नर
खबर विस्तार : -

Indian Economy: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा है कि वैश्विक स्तर पर आर्थिक चुनौतियां और अनिश्चितताएं बने रहने के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूती से आगे बढ़ रही है। दिसंबर बुलेटिन में उन्होंने कहा कि भारत ने कम महंगाई, तेज विकास और मजबूत बैंकिंग प्रणाली के सहारे खुद को एक स्थिर अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित किया है। आने वाले समय में भी देश तेजी से विकास करने की स्थिति में है।

कम महंगाई से विकास को मिला अवसर

गवर्नर के अनुसार महंगाई के नियंत्रण में आने से सरकार और आरबीआई को विकास को बढ़ावा देने का अहम अवसर मिला है। उन्होंने कहा कि आरबीआई आगे भी समय और जरूरत के अनुसार नीतिगत कदम उठाता रहेगा ताकि आर्थिक स्थिरता बनी रहे और विकास की रफ्तार कायम रहे। कम महंगाई का सीधा लाभ उपभोक्ताओं, उद्योगों और निवेशकों को मिला है।

2025 की चुनौतियों के बावजूद संतोषजनक प्रदर्शन

संजय मल्होत्रा ने कहा कि वर्ष 2025 कई मायनों में चुनौतीपूर्ण रहा, लेकिन इसके बावजूद अर्थव्यवस्था का प्रदर्शन संतोषजनक रहा। इस दौरान महंगाई नियंत्रण में रही, बैंकिंग व्यवस्था और अधिक मजबूत हुई और वित्तीय प्रणाली में सुधार देखने को मिला। उन्होंने बताया कि बैंकिंग नियमों में किए गए सुधारों से व्यापार करना आसान हुआ और ग्राहकों की सुरक्षा भी बढ़ी।

रिकॉर्ड स्तर पर पहुंची महंगाई में गिरावट

आरबीआई गवर्नर ने बताया कि अक्टूबर में लागू नीतियों के बाद महंगाई में तेजी से गिरावट दर्ज की गई है। फ्लेक्सिबल इन्फ्लेशन टारगेटिंग को अपनाने के बाद पहली बार वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही में औसत महंगाई दर 1.7 प्रतिशत रही, जो अब तक का सबसे निचला स्तर है। अक्टूबर 2025 में यह घटकर केवल 0.3 प्रतिशत रह गई।

तेज जीडीपी वृद्धि से बढ़ा भरोसा

वर्तमान वित्तीय वर्ष की दूसरी तिमाही में भारत की जीडीपी वृद्धि 8.2 प्रतिशत तक पहुंच गई। गवर्नर के अनुसार त्योहारी सीजन में बढ़े खर्च और जीएसटी दरों में सुधार से आर्थिक गतिविधियों को गति मिली। पहले छह महीनों में औसत महंगाई 2.2 प्रतिशत और विकास दर 8.0 प्रतिशत रही, जिसे उन्होंने ‘गोल्डीलॉक्स पीरियड’ बताया।

घरेलू कारक बनेंगे विकास की ताकत

मल्होत्रा ने कहा कि अच्छी खेती, मजबूत कंपनियां, कम महंगाई और बेहतर बैंकिंग व्यवस्था जैसे घरेलू कारक आने वाले समय में अर्थव्यवस्था को और मजबूती देंगे। सुधारों को जारी रखने से विकास को नई गति मिलेगी और भारत वैश्विक स्तर पर अपनी आर्थिक स्थिति और मजबूत करेगा।

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