कमजोर वैश्विक संकेतों से भारतीय शेयर बाजार गिरावट के साथ खुला

खबर सार :-
भारतीय शेयर बाजार वैश्विक नकारात्मक संकेतों और घरेलू चुनाव परिणामों के प्रभाव के कारण गिरावट के साथ खुला। हालांकि, मिडकैप और स्मॉलकैप स्टॉक्स में कुछ मजबूती रही। निवेशक जीडीपी और कंपनियों के परिणामों पर नजर बनाए रखेंगे। विदेशी और घरेलू निवेशकों के बीच सक्रिय खरीदारी का भी बाजार पर सकारात्मक असर रहा है।

कमजोर वैश्विक संकेतों से भारतीय शेयर बाजार गिरावट के साथ खुला
खबर विस्तार : -

Indian Stock Market: कमजोर वैश्विक संकेतों के कारण भारतीय शेयर बाजार शुक्रवार के कारोबारी सत्र में गिरावट के साथ खुला। सुबह 9:20 बजे, सेंसेक्स में 309 अंक की गिरावट आई और वह 84,182 पर था। वहीं, निफ्टी में 91 अंक की कमजोरी आई और वह 25,787 पर था।

सेंसेक्स और निफ्टी पर असर

लार्जकैप की अपेक्षा मिडकैप और स्मॉलकैप स्टॉक्स में मजबूती देखी जा रही थी। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स में 147 अंक की वृद्धि हुई और यह 60,839 पर था, जबकि निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स में 28 अंक की बढ़त रही और यह 18,212 पर था।

सेक्टोरल प्रदर्शन

सेक्टोरल आधार पर पीएसयू बैंक, फार्मा, मीडिया, एनर्जी, पीएसई और हेल्थकेयर में हरे निशान में कारोबार हुआ, जबकि ऑटो, आईटी, मेटल, एफएमसीजी, रियल्टी और इन्फ्रा सेक्टर लाल निशान में थे।

सेंसेक्स के प्रमुख गेनर्स और लूजर्स

सेंसेक्स पैक में बीईएल, इटरनल (जोमैटो), बजाज फाइनेंस, सन फार्मा, एक्सिस बैंक, ट्रेंट, एसबीआई, अदाणी पोर्ट्स, एशियन पेंट्स और एनटीपीसी टॉप गेनर्स रहे। वहीं, इन्फोसिस, टाटा स्टील, टेक महिंद्रा, एचसीएल टेक, टीसीएस, आईसीआईसीआई बैंक, मारुति सुजुकी, एचडीएफसी बैंक और एलएंडटी टॉप लूजर्स थे।

बाजार पर चुनावों का प्रभाव

बाजार के जानकारों के अनुसार, आज बिहार विधानसभा चुनावों के परिणामों पर बाजार का ध्यान केंद्रित रहेगा, लेकिन इसका असर सीमित होगा। हालांकि, लंबी अवधि में बाजार की दिशा जीडीपी की स्थिति और कंपनियों की आय पर निर्भर करेगी। ज्यादातर एशियाई बाजारों में गिरावट देखी जा रही थी। टोक्यो, शंघाई, बैंकॉक, हांगकांग और सोल में गिरावट थी, जबकि जकार्ता हरे निशान में था। अमेरिकी बाजार भी गुरुवार को लाल निशान में बंद हुए थे।

संस्थागत निवेशक गतिविधियां

संस्थागत मोर्चे पर, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने 13 नवंबर को 383 करोड़ रुपए की इक्विटी बेची, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने 3,000 करोड़ रुपए से अधिक की खरीदारी की, जिससे व्यापक बाजार की कमजोरी को कम करने में मदद मिली। इसके अतिरिक्त, कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि देखी गई है। ब्रेंट क्रूड 1.48 प्रतिशत बढ़कर 63.94 डॉलर प्रति बैरल पर और डब्लूटीआई क्रूड 1.60 प्रतिशत बढ़कर 59.63 डॉलर प्रति बैरल पर था।

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