भारत पर लगाए गए आयात शुल्कों में जल्द होगी कटौती: ट्रंप

खबर सार :-
भारत पर लगे भारी आयात शुल्कों को कम करने की अमेरिकी घोषणा दोनों देशों के बीच आर्थिक रिश्तों में नई शुरुआत का संकेत देती है। राष्ट्रपति ट्रंप के बयानों से स्पष्ट है कि अमेरिका भारत को न केवल एक प्रमुख व्यापारिक साझेदार बल्कि रणनीतिक सहयोगी के रूप में देखता है। यह कदम आने वाले वर्षों में भारत-अमेरिका संबंधों को और मजबूत करेगा।

भारत पर लगाए गए आयात शुल्कों में जल्द होगी कटौती: ट्रंप
खबर विस्तार : -

Trump Tariff: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को यह स्वीकार किया कि भारत पर लगाए गए आयात शुल्क (Import Duties) अत्यधिक हैं और जल्द ही इन शुल्कों में कटौती की जाएगी। उन्होंने यह बयान ओवल हाउस में भारत में नए अमेरिकी राजदूत सर्जियों गोर के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान दिया। ट्रंप ने कहा कि भारत पर ये भारी शुल्क इसलिए लगाए गए थे क्योंकि उसने रूस से तेल खरीदना जारी रखा था, जबकि पश्चिमी देशों ने रूस पर प्रतिबंध लगाए हुए हैं। हालांकि, अब भारत ने रूस से तेल खरीद में कमी की है और इसी कारण ट्रंप प्रशासन इन शुल्कों को घटाने की तैयारी कर रहा है। उन्होंने कहा कि भारत ने अब तेल की खरीद काफी हद तक कम कर दी है। हम उचित समय पर आयात शुल्कों में कमी करने जा रहे हैं। ये शुल्क रूस से तेल खरीदने के कारण लगाए गए थे।

रूस से तेल खरीद पर अमेरिका की सख्ती

ट्रंप प्रशासन ने यूक्रेन युद्ध के बाद रूस के खिलाफ सख्त रुख अपनाया था। भारत द्वारा रूस से तेल खरीद जारी रखने पर अमेरिका ने भारत के खिलाफ 50 प्रतिशत तक आयात शुल्क लगा दिए थे, जो अब तक किसी भी देश पर लगाए गए सबसे अधिक शुल्क थे। अमेरिका का तर्क था कि रूस से तेल खरीदने से यूक्रेन युद्ध में रूस को अप्रत्यक्ष रूप से आर्थिक मदद मिलती है। हालांकि, भारत ने बार-बार यह कहा कि वह अपने ऊर्जा सुरक्षा हितों को ध्यान में रखकर ही निर्णय लेता है।

ट्रंप का बयान: “भारत मुझे पसंद नहीं करता, लेकिन जल्द करेगा”

समारोह में ट्रंप ने पहली बार स्वीकार किया कि रूस से जुड़े प्रतिबंधों के कारण भारत में उनकी लोकप्रियता प्रभावित हुई है। उन्होंने हंसते हुए कहा कि भारतीय इस समय मुझे ज्यादा पसंद नहीं करते, लेकिन वे जल्द ही हमें फिर पसंद करने लगेंगे। उन्होंने आगे कहा कि अमेरिका और भारत एक “निष्पक्ष व्यापार समझौते (Fair Trade Deal)” की ओर बढ़ रहे हैं। ट्रंप के मुताबिक, पहले किए गए कई समझौते “अनुचित” थे, लेकिन नया समझौता दोनों देशों के हितों को समान रूप से संतुलित करेगा।

“भारतीय उत्कृष्ट वार्ताकार हैं”-ट्रंप

ट्रंप ने भारतीय लोगों की प्रशंसा करते हुए कहा कि भारतीय बहुत अच्छे वार्ताकार (Negotiators) हैं। वे समझदारी और धैर्य से बातचीत करते हैं। हम जल्द ही ऐसा व्यापार समझौता करने वाले हैं जो दोनों देशों के लिए लाभकारी होगा। उनके अनुसार, इस नए समझौते से व्यापार संतुलन सुधरेगा और रणनीतिक सहयोग को नया आयाम मिलेगा।

सर्जियों गोर ने संभाली भारत में अमेरिकी राजदूत की जिम्मेदारी

शपथ ग्रहण समारोह में ट्रंप ने सर्जियों गोर को भारत के राजदूत पद की शपथ दिलाई। गोर ट्रंप के करीबी माने जाते हैं और वे अमेरिकी राजनीति में लंबे समय से सक्रिय हैं। उन्हें कई वर्षों का सार्वजनिक सेवा और रणनीतिक कार्यों का अनुभव है। ट्रंप ने गोर को बधाई देते हुए कहा कि भारत दुनिया की सबसे पुरानी सभ्यताओं में से एक है और वहां का मध्यमवर्ग तेजी से बढ़ रहा है। भारत हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अमेरिका का सबसे महत्वपूर्ण साझेदार है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी प्रशंसा की और कहा कि उनके और मोदी के बीच “बेहतरीन रिश्ते” हैं। ट्रंप ने उम्मीद जताई कि गोर इन रिश्तों को रणनीतिक, आर्थिक और सुरक्षा के स्तर पर और मजबूत करेंगे।

गोर के लिए ट्रंप का विशेष संदेश

ट्रंप ने संकेत दिया कि गोर पहले ही प्रधानमंत्री मोदी के साथ दोस्ताना संबंध बना चुके हैं। उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि आप भारत में बेहद सफल रहेंगे। आपका काम हमारे आर्थिक और तकनीकी निवेश को बढ़ाना और सुरक्षा सहयोग को गहरा बनाना होगा। उन्होंने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा, गोर को कुछ लोग पसंद नहीं करते, लेकिन जो उन्हें पसंद करते हैं, वे उन्हें बहुत पसंद करते हैं। गोर ने ट्रंप को धन्यवाद देते हुए कहा कि वे दोनों देशों के रिश्तों को नई ऊंचाई पर ले जाने के लिए उत्साहित हैं। समारोह में उप राष्ट्रपति जे.डी. वेंस, विदेश मंत्री मार्को रूबियों, वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट, और सीनेटर लिंडसे ग्राहम सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

भारत-अमेरिका रिश्तों में नया मोड़

ट्रंप के इस बयान से यह संकेत मिलता है कि अमेरिका भारत के साथ अपने व्यापारिक और कूटनीतिक रिश्तों को पुनः मजबूत करना चाहता है। हाल के वर्षों में रूस-यूक्रेन युद्ध और चीन की बढ़ती सक्रियता के चलते हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत की भूमिका और अधिक महत्वपूर्ण हो गई है। नई व्यापार नीति और आयात शुल्कों में कमी से दोनों देशों के बीच व्यापार में नया अध्याय शुरू होने की उम्मीद है।

 

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