यूबीएस रिपोर्टः 2026 तक दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा कंज्यूमर मार्केट बन जाएगा भारत

खबर सार :-
यूबीएस की रिपोर्ट भारत की आर्थिक प्रगति को लेकर बेहद सकारात्मक संकेत देती है। मजबूत घरेलू मांग, नीति समर्थन और डिजिटल विस्तार के चलते भारत आने वाले वर्षों में दुनिया के शीर्ष उपभोग बाजारों में शामिल होने जा रहा है। हालांकि वैश्विक ट्रेड पॉलिसी और अमेरिकी टैक्स संरचना जैसे कारक कुछ जोखिम पैदा कर सकते हैं, फिर भी भारत की विकास गति मजबूत बनी हुई है।

यूबीएस रिपोर्टः 2026 तक दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा कंज्यूमर मार्केट बन जाएगा भारत
खबर विस्तार : -

UBS Report: स्विस इन्वेस्टमेंट बैंक यूबीएस (UBS) की एक ताज़ा रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत अगले दो वर्षों में वैश्विक उपभोग के क्षेत्र में ऐतिहासिक छलांग लगाने वाला है। रिपोर्ट के अनुसार, भारत 2026 तक दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा कंज्यूमर मार्केट और 2028 तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है।

पिछले एक दशक में भारत का घरेलू उपभोग (Domestic Consumption) चीन, अमेरिका और जर्मनी जैसे विकसित देशों को पछाड़ते हुए दोगुना बढ़ा है। वर्ष 2024 में यह आंकड़ा 2.4 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच गया है, जिसमें 7.9 प्रतिशत की सीएजीआर (CAGR) दर्ज की गई है। यूबीएस का अनुमान है कि भारत का उपभोग बाज़ार अगले दो वर्षों में और तेज़ी से बढ़ेगा, जिससे यह दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा मार्केट बन जाएगा।

तेजी से बढ़ती जीडीपी और मजबूत घरेलू मांग

रिपोर्ट के अनुसार, भारत की वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर वित्त वर्ष 2027 में 6.4 प्रतिशत और वित्त वर्ष 2028 में 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है। मजबूत घरेलू मांग, सरकारी नीतियों का सपोर्ट और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर में निरंतर निवेश भारत को एशिया-प्रशांत क्षेत्र की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना सकता है। यूबीएस का कहना है कि 2027 में भारत 6.4 प्रतिशत जीडीपी वृद्धि दर के साथ शीर्ष पर रहेगा, जबकि फिलीपींस 6.1 प्रतिशत और इंडोनेशिया 5.1 प्रतिशत की वृद्धि दर के साथ इसके बाद रहेंगे। वहीं अमेरिका और चीन जैसी बड़ी अर्थव्यवस्थाओं की वृद्धि दर तुलनात्मक रूप से धीमी रहने की संभावना है।

वैश्विक जोखिम और नीतिगत अनिश्चितता

रिपोर्ट में यह भी चेतावनी दी गई है कि अमेरिकी ट्रेड पॉलिसी और भारत की नीति प्रतिक्रिया से जुड़ी अनिश्चितताएं भारत की आर्थिक गति को थोड़ा प्रभावित कर सकती हैं। अगर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा 50 प्रतिशत ट्रेड टैरिफ लागू रहता है, तो इससे भारत की वृद्धि दर वित्त वर्ष 2027 में 50 बेसिस प्वाइंट तक कम हो सकती है। इसके अलावा, यूएस कंपनियों द्वारा विदेशी आउटसोर्सिंग सेवाओं पर 25 प्रतिशत टैक्स लगाने का प्रभाव भी भारत की जीडीपी पर देखा जा सकता है। रिपोर्ट के अनुसार, इससे वित्त वर्ष 2027 में जीडीपी वृद्धि में 90 बेसिस प्वाइंट तक की गिरावट संभव है।

आरबीआई की भूमिका और नीतिगत कदम

यूबीएस ने अनुमान लगाया है कि भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) विकास दर को बनाए रखने के लिए मौद्रिक नीति में नरमी जारी रख सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक, आरबीआई चालू वित्त वर्ष में ब्याज दरों में 25 बेसिस प्वाइंट की अतिरिक्त कटौती कर सकता है ताकि निवेश और उपभोग दोनों को बढ़ावा दिया जा सके।

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