Analysis: दीपावली से दीपावली तक सोना-चांदी बना निवेशकों का सोना: एक साल में 43 प्रतिशत तक का रिटर्न

खबर सार :-
पिछली दीपावली से अब तक सोने और चांदी की कीमतों में भारी उछाल आया है। सोना 43.46 प्रतिशत और चांदी 37.55 प्रतिशत महंगी हुई है। वैश्विक तनाव और औद्योगिक मांग इसके प्रमुख कारण हैं। सुरक्षित निवेश विकल्प के रूप में इनकी मांग बढ़ी है। त्योहारी सीजन में ऊंची कीमतों के बावजूद इनकी खरीदारी में रुचि बनी हुई है।

Analysis: दीपावली से दीपावली तक सोना-चांदी बना निवेशकों का सोना: एक साल में 43 प्रतिशत तक का रिटर्न
खबर विस्तार : -

नई दिल्ली: भारत में त्योहारों का मौसम न केवल खुशी और रौनक लेकर आता है, बल्कि निवेश के लिए भी यह समय बेहद अहम होता है। खासकर दीपावली का पर्व, जब परंपरागत रूप से लोग सोना-चांदी खरीदते हैं, तब इनकी कीमतों पर हर किसी की नजर टिकी होती है। पिछले साल की दीपावली से अब तक सोना और चांदी दोनों ने निवेशकों को शानदार रिटर्न दिया है। इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) के आंकड़ों के अनुसार, 24 कैरेट सोने की कीमत में 43.46 प्रतिशत का जबरदस्त उछाल आया है, जबकि चांदी ने 37.55 प्रतिशत का रिटर्न दिया है।

सोने और चांदी ने निवेशकों को किया आकर्षित

2024 में दीपावली 31 अक्टूबर को पड़ी थी, लेकिन उस दिन बाजार बंद रहने के कारण 30 अक्टूबर की कीमतें आधार मानकर तुलना की गई है। उस दिन 24 कैरेट सोने का भाव 79,681 रुपए प्रति 10 ग्राम था, जो अब (सितंबर 2025) बढ़कर 1,14,314 रुपए प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया है। इसी तरह 22 कैरेट सोना 72,988 रुपए से बढ़कर 1,04,712 रुपए प्रति 10 ग्राम हो गया है, और 18 कैरेट का दाम 59,761 रुपए से बढ़कर 85,736 रुपए हो गया है। सिर्फ सोना ही नहीं, चांदी ने भी निवेशकों को आकर्षक लाभ दिया है। पिछले साल दीपावली पर चांदी की कीमत 98,340 रुपए प्रति किलो थी, जो अब 1,35,267 रुपए प्रति किलो हो गई है। चांदी में 37.55 प्रतिशत का रिटर्न इस बात का संकेत है कि यह धातु भी सुरक्षित निवेश के रूप में तेजी से लोकप्रिय हो रही है।

मूल्य वृद्धि के पीछे वैश्विक कारण

इस जबरदस्त मूल्य वृद्धि के पीछे कई वैश्विक कारण हैं। रूस-यूक्रेन युद्ध, इजरायल-हमास संघर्ष और अमेरिका में व्यापार नीतियों को लेकर उठापटक जैसे कई भू-राजनीतिक तनावों ने दुनियाभर के निवेशकों को सोना-चांदी जैसे सुरक्षित विकल्पों की ओर मोड़ा है। वैश्विक अनिश्चितता के दौर में जब शेयर बाजार और क्रिप्टोकरेंसी जैसे निवेश साधनों में जोखिम बढ़ता है, तब सोना और चांदी जैसे एसेट्स को ज्यादा प्राथमिकता दी जाती है। इसके अलावा, चांदी की मांग में तेजी का एक बड़ा कारण टेक्नोलॉजी और इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में इसका बढ़ता उपयोग है। सोलर पैनल्स, स्मार्टफोन, मेडिकल उपकरणों सहित अनेक उत्पादों में चांदी का भारी मात्रा में उपयोग होता है। यही कारण है कि औद्योगिक मांग के साथ-साथ निवेशकों की मांग भी चांदी की कीमतों को ऊपर खींच रही है।

त्यौहारों पर खरीदारी बढ़ी

त्योहारों के सीजन में आमतौर पर सोने और चांदी की खरीदारी में बढ़ोतरी देखी जाती है। लेकिन अब कीमतें इतनी ऊंचाई पर पहुंच गई हैं कि कई लोग छोटे आभूषण या डिजिटल गोल्ड की ओर रुख कर रहे हैं। भले ही सोना और चांदी महंगे हो गए हों, लेकिन उनका रिटर्न बता रहा है कि जिन्होंने पिछले दीपावली पर इन धातुओं में निवेश किया था, वे आज काफी फायदे में हैं।

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