नई दिल्लीः भारतीय म्यूचुअल फंड निवेशकों के लिए जुलाई 2025 ऐतिहासिक रहा। एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) की ताज़ा रिपोर्ट के मुताबिक, जुलाई में सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) के ज़रिए 28,464 करोड़ का निवेश हुआ, जो अब तक का सबसे ऊंचा स्तर है। जून 2025 में SIP निवेश 27,000 करोड़ था, जिससे यह लगातार दूसरा महीना है जब निवेश रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा है। इस असाधारण वृद्धि के पीछे मुख्य वजह इक्विटी ओरिएंटेड म्यूचुअल फंड्स में निवेशकों की बढ़ती रुचि है। जुलाई में इक्विटी फंड्स में 42,672 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश हुआ, जो जून के 23,568 करोड़ रुपये से लगभग दोगुना है।
निवेशकों का झुकाव खासकर मिड-कैप और स्मॉल-कैप फंड्स की ओर रहा। मिड-कैप फंड्स में 5,182.5 करोड़ रुपये और स्मॉल-कैप में 6,484.4 करोड़ रुपये का निवेश हुआ, जो लार्ज-कैप फंड्स (2,125 करोड़) की तुलना में कहीं अधिक है।
डेटा के मुताबिक, सेक्टोरल/थीमैटिक फंड्स ने 9,426 करोड़ रुपये के शुद्ध निवेश के साथ बाज़ी मारी। इसके पीछे 7 नई योजनाओं का योगदान रहा, जिनसे कुल 7,404 करोड़ रुपये जुटाए गए।
फ्लेक्सी-कैप फंड्स को 7,654 करोड़ रुपये और लार्ज और मिड-कैप फंड्स को 5,035 करोड़ रुपये का निवेश प्राप्त हुआ। वहीं, ईएलएसएस फंड्स को 368 करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी का सामना करना पड़ा।
म्यूचुअल फंड उद्योग की एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) जुलाई में बढ़कर 75.36 लाख करोड़ हो गई, जो जून में 74.40 लाख करोड़ और मई में 72.19 लाख करोड़ रुपये दर्ज की गई थी। खुदरा निवेशकों की भागीदारी भी तेज़ी से बढ़ रही है। म्यूचुअल फंड फोलियो की संख्या जुलाई में बढ़कर 24.57 करोड़ हो गई, जो जून में 24.13 करोड़ थी।
गोल्ड ETF में निवेश घटकर 1,256 करोड़ रुपये रह गया, जो जून में 2,080.9 करोड़ रुपये था। दूसरी ओर, अन्य ETF में निवेश जून के 844 करोड़ से बढ़कर जुलाई में 4,476 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। ओपन-एंडेड डेट फंड्स में जुलाई में 1,06,801 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश हुआ। लिक्विड फंड्स में भी जून की निकासी के बाद जुलाई में 39,354 करोड़ रुपये का तगड़ा निवेश देखने को मिला।
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