प्रदेश सरकार की इस योजना में किसानों को अनुदान के साथ मिलेगा सब्सिडी का लाभ, सभी जनपदों में बनेंगी 1000 फूड प्रोसेसिंग इकाइयां

खबर सार : -
यूपी के हर जिले में एक हजार फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाने का काम शुरू हो चुका है। उत्तर प्रदेश में 17 हजार से ज्यादा फूड प्रोसेसिंग यूनिट लग चुकी हैं। इसकी यूनिट लगाने वालों को पीएम खाद्य उन्नयन योजना के तहत 30 लाख रुपए तक का लोन और 35 फीसदी तक की सब्सिडी मिल रही है।

खबर विस्तार : -

लखनऊ: सूबे में खेती अब सिर्फ पेट भरने का जरिया नहीं रही। आमदनी के साथ-साथ खेती रोजगार और निर्यात का भी जरिया बन गई है। यूपी के हर जिले में एक हजार फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाने का काम शुरू हो चुका है। अब तक उत्तर प्रदेश में 17 हजार से ज्यादा फूड प्रोसेसिंग यूनिट लग चुकी हैं। इसकी यूनिट लगाने वालों को पीएम खाद्य उन्नयन योजना के तहत 30 लाख रुपए तक का लोन और 35 फीसदी तक की सब्सिडी मिल रही है।

इन इकाइयों में नर्सरी, पौधरोपण, तुड़ाई, ग्रेडिंग, पैकिंग, लोडिंग, अनलोडिंग और विपणन जैसे कई अन्य कार्यों में भी रोजगार मिल सकेगा। कोरोना काल के बाद लोगों में अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता काफी बढ़ी है। जिसके चलते फल-सब्जियों की डिमांड भी तेजी से बढ़ी है। एक रिपोर्ट के अनुसार पिछले 10 वर्षों में प्रति व्यक्ति फल और सब्जियों की उपलब्धता 7 से बढ़कर 12 किलोग्राम प्रति वर्ष हो गई है। इसमें उत्पादन और खपत के मामले में उत्तर प्रदेश देश में पहले स्थान पर है।

राजधानी लखनऊ के नादरगंज औद्योगिक क्षेत्र में गामा रेडिएशन प्लांट भी बनकर तैयार हो गया है। इस प्लांट के जरिए फलों व सब्जियों को संक्रमण से बचाया जा सकेगा और उनकी सेल्फ लाइफ भी बढ़ाई जा सकेगी। प्रदेश में अब पारम्परिक खेती को पीछे छोड़ वैज्ञानिक तरीके से मुनाफा वाली खेती को बढ़ावा देने पर जोर दिया जा रहा है। इसके चलते प्रच्छन्न बेरोजगारी कम हुई है और किसानों को भी मुनाफा हो रहा है। आम तौर पर यह देखने को मिल रहा है कि परम्परागत फसलों के मुकाबले फलों व सब्जियों की खेती में दो से ढ़ाई गुना अधिक लाभ प्राप्त हो रहा है। साथ ही श्रम प्रधानता के चलते इससे बड़े स्तर पर रोजगार भी पैदा हो रहा है। 

उत्पादों को हाई स्टैंडर्ड बाजारों तक पहुंचाने की कवायद 

प्रदेश सरकार इस दिशा में कई महत्वपूर्ण काम करने जा रही है। इसके तहत बाराबंकी में त्रिवेदीगंज इलाके में इंडो-डच सेंटर फॉर एक्सीलेंस खोलने की योजना है। यहां पर फूलों और सब्जियों की उन्नत किस्म की खेती पर शोध के साथ प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। नीदरलैंड के सहयोग से इस सेंटर का निर्माण कराया जाएगा। इस उ्देश्य फलों व सब्जियों के उत्पादन को वैज्ञानिक बनाने के साथ निर्यात योग भी बनाना है। इसके अलावा प्रदेश सरकार जेवर एयरपोर्ट के समीप एक अत्याधुनिक एक्सपोर्ट हब भी बनाएगी। यह एक्सपोर्ट हब बनाने का मकसद प्रदेश के उत्पादों को यूरोप और अमेरिका जैसे हाई स्टैंडर्ड बाजारों तक पहुंचाना है। 

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