Dowry system के खिलाफ अनूठी पहलः समाज के लिए मिसाल बनी इस घर की शादी
Summary : वर पक्ष को दहेज में एक रुपया उपहार स्वरूप दिया गया, जिसे सहर्ष स्वीकार कर लिया गया। दूल्हे के दादा रूप सिंह पटेल ने दहेज को सामाजिक बुराई बताते हुए बड़ी विनम्रता से दहेज में सिर्फ एक लड़की और एक कलश स्वीकार कर समाज के सामने एक अनूठी मिसाल पेश की।
Dowry system: एक तरफ जहां बेटी के पैदा होने पर पिता के चहेरे पर दहेज देने की चिंता दिखने लगती है तो वहीं राजस्थान के दौसा जिले से ऐसी खबर आई है जो समाज के लोगों के लिए मिसाल बनी गई । परिवार के कदम की हर कोई तारीफ कर रहा है। जिले के गुर्जर सीमला निवासी एक परिवार ने अपने बेटे की शादी में एक रुपया लेकर दहेज प्रथा को रोकने की पहल की है। यह शादी गुर्जर समाज में समाज के लिए एक अनूठी मिसाल के रूप में पेश हुई है। चारों तरफ सकारात्मक चर्चा है कि सामाजिक बदलाव के दौर में दहेज प्रथा को रोकना जरूरी हो गया है।
दरअसल, मेहंदीपुर बालाजी क्षेत्र के गुर्जर सीमला निवासी विजय खटाना के पुत्र कुलदीप सिंह की शादी आभानेरी क्षेत्र के जस्सापाड़ा गांव निवासी शिवचरण बैंसला की पुत्री अर्चना के साथ तय हुई थी। ऐसे में तय कार्यक्रम के अनुसार सोमवार शाम को गुर्जर सीमला गांव से खटाना परिवार बारात लेकर जस्सापाड़ा गांव पहुंचा। जहां कुलदीप और अर्चना की शादी गुर्जर समाज की परंपराओं के अनुसार धूमधाम से संपन्न हुई।
शादी में बारात का जलपान के बाद स्वागत किया गया और वधू पक्ष की ओर से दहेज की परंपरा का निर्वहन किया गया। वर पक्ष को दहेज में एक रुपया उपहार स्वरूप दिया गया, जिसे सहर्ष स्वीकार कर लिया गया। दूल्हे के दादा रूप सिंह पटेल ने दहेज को सामाजिक बुराई बताते हुए बड़ी विनम्रता से दहेज में सिर्फ एक लड़की और एक कलश स्वीकार कर समाज के सामने एक अनूठी मिसाल पेश की।
दूल्हा कुलदीप सिंह वर्तमान में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा है और उसके पिता विजय खटाना खेती-किसानी से जुड़े हैं। ऐसे में एक सामान्य किसान परिवार द्वारा दहेज प्रथा को रोकने के लिए की गई इस पहल को विवाह समारोह में मौजूद सभी लोगों ने एक अनूठी और अनुकरणीय मिसाल बताया। दूल्हे के पिता ने कहा कि शादी में दुल्हन ही असली दहेज होती है और इसे साकार करने पर पूरा परिवार और रिश्तेदार खुश हैं। समाज में इस प्रकार की पहल को आसपास के क्षेत्र सहित पूरे जिले में एक सराहनीय कदम बताया गया है।
गुर्जर सिमला निवासी रूप सिंह पटेल के बेटे चरण सिंह और विजय खटाना की तीनों बेटियों की शादी करीब तीन साल पहले बाने का बरखेड़ा के कसाना परिवार और रानी का बास गांव के चेची परिवार में हुई थी। उस समय भी उनकी ओर से दहेज के रूप में एक रुपया दिया गया था, जिसे वर पक्ष ने खुशी-खुशी स्वीकार कर लिया था। उसके बाद अब उन्होंने अपने बेटे की शादी में भी दहेज के रूप में एक रुपया लेकर सामाजिक बदलाव की मिसाल कायम की है।
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