प्रशासन ने पराली जलाने से रोकने के लिए उठाए कड़े कदम, दिए निर्देश

खबर सार :-
राष्ट्रीय हरित अभिकरण के सख्त रुख के बाद अब प्रशासन को पराली जलने की चिंता सताने लगी है। पराली को ना जलने देने के लिए प्रशासन ने इस बार पूरी तरीके से ग्राम प्रधान और लेखपाल साथ में थानेदार को भी जिम्मेदार बनाया है।

प्रशासन ने पराली जलाने से रोकने के लिए उठाए कड़े कदम, दिए निर्देश
खबर विस्तार : -

झांसीः अब धीरे-धीरे शीत ऋतु का आगमन होने जा रहा है और साथ ही खरीफ फसल कटाई का भी समय नजदीक आ गया है। प्रशासन के लिए पराली एक बहुत बड़ी समस्या बन गई है। पिछले कुछ समय में जनपद के मौठ चिरगांव और बड़ा गांव विकासखंड के गांव में धान के क्षेत्रफल में काफी बढ़ोतरी हुई है जिसकी अब शीघ्र ही कटाई की जाएगी। 

किसानों पर लगाया जाएगा जुर्माना

पिछले कुछ वर्ष के अनुभव बताते हैं कि इन इलाकों में खेतों पर परली जलाई गई थी।  इसके लिए अब जिला प्रशासन ने खेतों पर पराली की रखवाली की जिम्मेदारी क्षेत्रीय लेखपाल और थानेदारों को सौंप दी है, जिससे की पराली को खेतों पर ना जलाया जा सके इसके बाद भी यदि पराली जलती है तो किसान पर जुर्माना लगाया जाएगा और संबंधित कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। 

लेखपाल और थानेदारों को दिए गए निर्देश

अब जैसा कि एनजीटी ने निर्देश दिया है की केंद्रीय सरकार राष्ट्रीय राजधानी और निकटवर्ती क्षेत्रों में वायुमंडल गुणवत्ता प्रबंधन आयोग अधिनियम में संशोधन किया गया है। इन आदेशों के बाद जिला प्रशासन ने ग्राम प्रधान लेखपाल और थानेदारों को यह निर्देश दिया है कि किसानों को समझाएं कि खेतों में आग लगने से अथवा कृषि अवशेष को जलाने से वायुमंडल तो खराब होता ही है खेत के लिए जो अच्छी कीट है वह भी मर जाते हैं मिट्टी के पोषक तत्वों की क्षती भी होती है कृषकों के खेत से गौशाला तक पराली ढूलाई का उत्तरदायित्व ग्राम प्रधान  को दिया जाए ग्राम प्रधान ऐसे काश्तकारों को चिन्हित करें और सुनिश्चित करें। 

संबंधित अधिकारियों पर होगी सख्त कार्रवाई

इसके साथ ही पराली को गौशाला स्थल में पशुओं के बिछौना या अन्य उपयोग में भी लाया जा सकेगा। इस व्यवस्था में ग्राम प्रधान को खेतों से गौशाला तक पराली पहुंचाने का दायित्व भी सौंपा गया है। इसके बाद भी अगर कहीं आग लगती है तो सख्त कार्रवाई होगी। पराली जलाने पर किसान से ₹30000 तक जुर्माना वसूला जाएगा। 

2 एकड़ से कम क्षेत्र के लिए ₹5000, दो से 5 एकड़ क्षेत्र के लिए ₹10000, 5 एकड़ से अधिक के लिए ₹30000 की जुर्माना राशि तय की गई है और जुर्माना इसी स्लैब के अंतर्गत वसूला जाएगा। जिलाधिकारी श्री मृदुल चौधरी ने जनपद के समस्त कंबाइन हार्वेस्टर मालिकों एवं एफपीओ के साथ एक बैठक करते हुए कहा कि अब कंबाइन हार्वेस्टर सुपर स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम के बिना संचालित नहीं होंगे। इसके बाद भी यदि यह संचालित किए जाते हैं तो कंबाइन हार्वेस्टर को जब्त किया जाएगा। इन सब व्यवस्थाओं के बाद भी अगर कहीं पराली जलाई जाती है तो संबंधित लोगों पर सख्त एवं कड़ी कार्रवाई होगी।

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