जेल में निरुद्ध बंदी परीक्षार्थियों का शानदार प्रदर्शन, 2025 की यूपी बोर्ड परीक्षा में लहराया सफलता का परचम

खबर सार :-
उत्तर प्रदेश की जेलों में बंदियों ने 2025 बोर्ड परीक्षा में हाईस्कूल और इंटर में शानदार सफलता पाई, शिक्षा के ज़रिए बदला जीवन का मार्ग।

जेल में निरुद्ध बंदी परीक्षार्थियों का शानदार प्रदर्शन, 2025 की यूपी बोर्ड परीक्षा में लहराया सफलता का परचम
खबर विस्तार : -

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की विभिन्न जेलों में निरुद्ध बंदी परीक्षार्थियों ने वर्ष 2025 की यूपी बोर्ड  परीक्षाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। कारागार प्रशासन एवं सुधार विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षाओं में शामिल हुए बंदियों में से अधिकांश ने सफलता का स्वाद चखा है, जो उनकी शिक्षा के प्रति प्रतिबद्धता और जेल प्रशासन के सकारात्मक प्रयासों को दर्शाता है।
जारी तालिका के अनुसार, प्रदेश की विभिन्न जेलों से कुल 94 बंदी हाईस्कूल की परीक्षा में शामिल हुए, जिनमें से 91 ने शानदार सफलता प्राप्त करते हुए 96.81% का उत्तीर्ण प्रतिशत दर्ज किया। इसी प्रकार, इंटरमीडिएट की परीक्षा में 105 बंदी शामिल हुए और उनमें से 91 ने सफलता हासिल की, जिसका उत्तीर्ण प्रतिशत 86.67% रहा।
आगरा जेल के बंदियों ने हाईस्कूल में शत-प्रतिशत सफलता हासिल की, जहां 17 परीक्षार्थी शामिल हुए और सभी उत्तीर्ण रहे। इंटरमीडिएट में भी आगरा के 21 बंदियों में से 16 ने सफलता प्राप्त की, जो 76.19% का सराहनीय परिणाम है। फिरोजाबाद, मुजफ्फरनगर और मैनपुरी  जेलों से हाईस्कूल में कोई परीक्षार्थी शामिल नहीं हुआ, जबकि इंटरमीडिएट में इन जेलों का प्रदर्शन क्रमशः शून्य  रहा।
एटा जेल के एक बंदी ने हाईस्कूल और एक बंदी ने इंटरमीडिएट परीक्षा में सफलता हासिल की। मथुरा जेल के 7 बंदियों में से 6 ने हाईस्कूल (85.71%) और 5 में से 4 ने इंटरमीडिएट (80.00%) में सफलता प्राप्त की। अलीगढ़, मेरठ   की जेलों के बंदियों ने भी दोनों परीक्षाओं में शत-प्रतिशत सफलता दर्ज की, जिससे यह स्पष्ट होता है कि इन जेलों में शिक्षा के प्रति सकारात्मक माहौल है। गाजियाबाद में हाईस्कूल की परीक्षा में 15 में से 13 बंदियों ने सफलता पाई तो इंटरमीडिएट में 10 बंदियों ने परीक्षा दी थी और सभी पास हो गए। 

कई जिलों में नहीं बैठा एक भी परीक्षार्थी जो कुछ जिलों में 100 फीसदी रिजर्ट

मुरादाबाद, उन्नाव, झांसी, गोरखपुर और जौनपुर से एक भी बंदी हाईस्कूल की परीक्षा में जबकि पीलीभीत, रायबरेली, इटावा, और बहराइच से एक भी बंदी इंटरमीडिएट की परीक्षा देने नहीं बैठा। इंटरमीडिएट में मुरादाबाद, उन्नाव, गोरखपुर  के 2-2,  झांसी,  जौनपुर से 1-1 और बिजनौर के 3 बंदियों ने शत-प्रतिशत सफलता प्राप्त की। रामपुर, बरेली, शाहजहांपुर, पीलीभीत, खीरी, सीतापुर, हरदोई, लखनऊ, उन्नाव, रायबरेली, कानपुर नगर, फर्रुखाबाद, इटावा, झांसी, प्रतापगढ़, प्रयागराज, अमरोहा, बहराइच, गोरखपुर, जौनपुर, और वाराणसी की जेलों के बंदियों ने भी हाईस्कूल और इंटरमीडिएट दोनों स्तरों पर उल्लेखनीय प्रदर्शन किया है।
कुछ जिलों हाईस्कूल की परीक्षा में जैसे आगरा, एटा, अलीगढ़, मेरठ, बिजनौर, रामपुर, बरेली, शाहजहांपुर, पीलीभीत, खीरी, सीतापुर, हरदोई, लखनऊ, रायबरेली, कानपुर नगर, फर्रुखाबाद, इटावा, झाँसी, प्रतापगढ़, प्रयागराज, बहराइच, गोरखपुर, जौनपुर और वाराणसी में सम्मिलित सभी बंदी परीक्षार्थी उत्तीर्ण हुए हैं, जिसका उत्तीर्ण प्रतिशत 100% है। वहीं, मथुरा और गाजियाबाद में भी उत्तीर्ण प्रतिशत क्रमशः 85.71% और 86.67% रहा है, जो कि संतोषजनक है। मुजफ्फरनगर और अयोध्या ऐसे जनपद रहे जहाँ कोई भी बंदी परीक्षार्थी परीक्षा में सम्मिलित नहीं हुआ।
इंटरमीडिएट की परीक्षा कुछ जिलों जैसे मैनपुरी, मथुरा, अलीगढ़, गाजियाबाद, मेरठ, बिजनौर, रामपुर, शाहजहांपुर, पीलीभीत, खीरी, सीतापुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, इटावा, झाँसी, प्रतापगढ़, अयोध्या, बहराइच, गोरखपुर, जौनपुर और वाराणसी में सम्मिलित सभी बंदी परीक्षार्थी उत्तीर्ण हुए हैं, जिसका उत्तीर्ण प्रतिशत 100% है। वहीं, एटा में 80%, बरेली में 69.23%, कानपुर नगर में 50% और प्रयागराज में 75% उत्तीर्ण प्रतिशत रहा है। आगरा और मुजफ्फरनगर ऐसे जनपद रहे जहाँ सम्मिलित बंदी परीक्षार्थियों का उत्तीर्ण प्रतिशत क्रमशः 76.19% और 0% रहा। लखनऊ में भी कोई बंदी परीक्षार्थी इंटरमीडिएट की परीक्षा में सम्मिलित नहीं हुआ।
यह परिणाम मिश्रित प्रतिक्रिया दर्शाता है। जहाँ कई जिलों में बंदियों ने शत-प्रतिशत सफलता प्राप्त की है, वहीं कुछ जिलों में परिणाम अपेक्षाकृत कम रहा है। यह इंगित करता है कि बंदियों की शैक्षिक पृष्ठभूमि, अध्ययन सामग्री की उपलब्धता और जेल के भीतर शैक्षिक माहौल जैसे कारकों में भिन्नता हो सकती है।

जेलों में शिक्षा कार्यक्रमों को और अधिक सुदृढ़ किया जाएगा: कारागार महानिरीक्षक

कारागार महानिरीक्षक ने इस उत्कृष्ट प्रदर्शन पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि यह बंदियों की कड़ी मेहनत, जेल प्रशासन के समर्पित शिक्षकों और सकारात्मक वातावरण का परिणाम है। उन्होंने यह भी कहा कि जेलों में शिक्षा कार्यक्रमों को और अधिक सुदृढ़ किया जाएगा ताकि अधिक से अधिक बंदियों को शिक्षा के माध्यम से बेहतर भविष्य की ओर प्रेरित किया जा सके। 
यह परिणाम न केवल बंदियों के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, बल्कि समाज के लिए भी एक सकारात्मक संदेश है कि यदि अवसर और सही मार्गदर्शन मिले तो सुधार और विकास हर परिस्थिति में संभव है।

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