Jhansi: 12 दिसंबर को होगा नगर निगम के उपसभापति पद के लिए चुनाव

खबर सार :-
बहु प्रतीक्षित नगर निगम के उपसभापति पद के लिए चुनाव 12 दिसंबर को होगा। बता दें कि नगर निगम कार्यकारिणी के सदस्यों का कार्यकाल 2 वर्ष का होता है। चुनाव को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।

Jhansi: 12 दिसंबर को होगा नगर निगम के उपसभापति पद के लिए चुनाव
खबर विस्तार : -

झांसीः नगर निगम के उपसभापति के चुनाव की तारीख आखिरकार 12 दिसंबर तय हो गई है। अब BJP पार्षदों के बीच चेयरमैन पद को लेकर चर्चा तेज हो गई है। नगर निगम कार्यकारिणी चुनाव 9 जून 2025 को होने थे। इसके तुरंत बाद उपसभापति का चुनाव होना था, लेकिन कई वजहों से इसे जून में टाल दिया गया था। यह चुनाव इतना टाला गया कि छह महीने बाद भी उपसभापति की सीट खाली रही, जिससे कुछ खींचतान भी हुई।

बीजेपी पार्षदों के बीच चर्चा तेज

इस बीच, पार्षदों ने बार-बार चुनाव की तारीख की मांग की, लेकिन तारीख तय नहीं हुई। इससे उपसभापति पद के दावेदारों का उत्साह काफी कम हो गया। मेयर बिहारी लाल आर्य ने अब चुनाव के लिए 12 दिसंबर की तारीख तय की है। चुनाव की तारीख का ऐलान होते ही BJP पार्षदों के बीच चर्चा तेज हो गई है। उपसभापति के चुनाव के बाद कार्यकारिणी मीटिंग करने की तैयारी शुरू हो गई है।

इसी महीने होगी सदन की मीटिंग

फिलहाल इसकी तारीख तय नहीं हुई है। शुक्रवार को चुनाव के बाद दूसरे शनिवार और रविवार को छुट्टी है। इसके बाद 15 दिसंबर को ऑफिस खुलेगा, इसलिए इसी तारीख पर विचार किया जा रहा है। सदन की मीटिंग भी इसी महीने होने की संभावना है। देखा जा रहा है कि आधा कार्यकाल बीत जाने के बाद होने जा रहे उपसभापति के चुनाव को लेकर कार्यकारिणी सदस्य में ज्यादा उत्साह नहीं है, लेकिन जिन सदस्य का कार्यकाल सिर्फ 7 महीने बचा है, वे इस पोस्ट के लिए कोशिश कर सकते हैं।

कार्यकारिणी मीटिंग की तैयारी

नगर निगम कार्यकारिणी सदस्य का कार्यकाल 2 साल का होता है। पहले साल लॉटरी के जरिए 6 सदस्य को हटाकर उनकी जगह नए सदस्य चुने जाते हैं। लेकिन इसके बाद हर बार 2 साल का कार्यकाल पूरा करने वाले कार्यकारिणी सदस्य को हटा दिया जाता है। नगर निगम के उपसभापति के चुनाव के बाद कार्यकारिणी मीटिंग करने की तैयारी चल रही है। यह मीटिंग 15 दिसंबर को हो सकती है। छह महीने बाद उपसभापति चुनने के अचानक फैसले को रिवाइज्ड बजट पास करने की मजबूरी बताया जा रहा है। असल में रिवाइज्ड बजट 30 सितंबर के बाद पास होता है। इसके लिए कार्यकारिणी और सदन की मीटिंग जरूरी है।

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