अयोध्याः अयोध्या में जल संकट के प्रति जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से सामाजिक कार्यकर्ता अभिषेक सावंत ने "जल को जीवन दो" के लिए मौन सत्याग्रह शुरू किया। यह सत्याग्रह भूजल सप्ताह के अवसर पर आयोजित किया गया, जिसमें अभिषेक ने उपेक्षित तालाब के भीतर जल में बैठने का संकल्प लिया। हालांकि, प्रशासन ने उन्हें तालाब के भीतर जाने से रोक दिया, जिससे उनकी इस प्रयास को एक नई दिशा मिली।
प्रशासनिक रोक के बावजूद, अभिषेक ने अपने संकल्प को नहीं तोड़ा और तालाब के समीप स्थित पुलिया पर बैठकर एकल मौन सत्याग्रह किया। उन्होंने कहा, "जल को जीवन दो", यह न केवल उनकी भावना है, बल्कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की मंशा भी है। उनका उद्देश्य जल के महत्व को समझाना और लोगों को इसके संरक्षण के लिए जागरूक करना था।
सावंत ने बताया कि उनका यह प्रयास शांत, गैर-राजनीतिक और जिम्मेदार नागरिकता का प्रतीक है, जिसे स्थानीय लोगों, छात्रों और बुद्धिजीवियों से सकारात्मक समर्थन मिला। उन्होंने उल्लेख किया कि प्रशासन ने उन्हें जल में उतरने से रोका, लेकिन उनके संकल्प को नहीं रोक पाया।
अभिषेक ने चेतावनी दी है कि अगर उनके द्वारा उठाई गई 5 प्रमुख मांगों पर 28 जुलाई तक ठोस कार्रवाई नहीं की जाती है, तो वह अनिश्चितकालीन धरने पर बैठेंगे। यह सत्याग्रह इसलिए विशेष महत्व रखता है क्योंकि यह जल संकट की गंभीरता को उजागर करता है और इसके प्रति लोगों को सजग करने का प्रयास है। उनका यह कदम जल संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण सामाजिक संदेश देने का प्रयास है, जिसमें आने वाली पीढ़ियों के लिए जल के अस्तित्व को बचाने की आवश्यकता को रेखांकित किया गया है।
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