मई 2023 में मणिपुर हाईकोर्ट के एक फैसले के बाद मैतेयी और कुकी समुदायों के मध्य भड़की हिंसा से अब तक 260 लोग मारे जा चुके हैं तथा 60 हजार से अधिक लोग विस्थापित हो चुके हैं। इस संघर्ष के आरम्भ से ही भारत के सभी विपक्षी दल निरंतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व सरकार पर हमलावर थे, उनका एक ही प्रश्न था कि मोदी जी मणिपुर कब जाएंगे ? मणिपुर को लेकर संसद ठप रखी गई। मणिपुर में महिलाओं पर हिंसा के बाद सुप्रीम कोर्ट ने हस्तक्षेप किया। सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की खंडपीठ ने मणिपुर की स्थिति का जायजा लेने के लिए वहां का दौरा किया। कांग्रेस नेता राहुल गांधी व अन्य नेतागण अपनी अपनी राजनीति चमकाने के लिए मणिपुर के हालातों को हथियार बनाते रहे। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने भी कई अवसरों पर मणिपुर पर अपनी चिंता व्यक्त की। विरोधी दलों के भारी दबाव के कारण भाजपा को अपनी ही सरकार हटाकर राष्ट्रपति शासन लागू करना पड़ा।
अब प्रधानमंत्री मोदी ने अपने मणिपुर दौरे से सभी को उचित उत्तर दे दिया है किंतु अब विरोधी दलों को इसमें रुचि नहीं रही क्योंकि उनका मणिपुर नैरेटिव फिलहाल समाप्त होता दिख रहा है। जिस समय भारत में मणिपुर हिंसा पर राजनीति चरम पर थी उस समय यूरोपीय संघ की संसद में मणिपुर को लेकर एक प्रस्ताव पारित हुआ था जिसे केंद्र सरकार ने भारत के आंतरिक मामले में हस्तक्षेप बताते हुए खारिज कर दिया था अतः मणिपुर को लेकर कांग्रेस ने जो देश विरोधी वैश्विक नैरेटिव चलाया था वह भी अब ध्वस्त हो गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुकी बहुल हिंसा से सर्वाधिक प्रभावित चुराचांदपुर के लिए 7,300 करोड़ रुपए से अधिक और मैतेई बहुल इंफाल के लिए 1,200 करोड़ रुपए की परियोजनाओं की घोषणा करके यह संदेश देने का प्रयास किया कि सरकार ही नहीं अपितु संपूर्ण भारत उनके साथ है। प्रधानमंत्री मोदी ने मणिपुर यात्रा के दौरान हिंसा पीड़ितों से भेंट करते हुए उन्हें सुरक्षा शांति तथा विकास का भरोसा दिया।
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने मणिपुर को भारत की मणि बताते हुए कहा कि मणिपुर में उम्मीद और विश्वास की नई सुबह दस्तक दे रही है। किसी भी स्थान पर विकास के लिए शांति बहुत अनिवार्य है। आपसी संवाद और भरोसे से ही विवाद को समाप्त किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार मणिपुर के विभिन्न समुदायों के बीच आपसी संवाद, सम्मान और समझौते को महत्व देते हुए शांति की स्थापना के लिए निरंतर प्रयास रही है।
मणिपुर में अभी शांति के लिए कई अहम पड़ाव आने हैं । मैतेयी ओर कुकी समुदाय के बीच कुछ मतभेद अभी भी बरकरार हैं जिनको सुलझाने के प्रयास जारी हैं। इसमें कुकी समुदाय के लोग मणिपुर की छत के नीचे ही अपने लिए एक अलग व्यवस्था की मांग कर रहे हैं फिर भी अब मणिपुर की समस्या का उचित समाधान निकलने की आस जग गई है। प्रधानमंत्री मोदी ने विकास कार्यों के लोकार्पण के बाद एक रैली को संबोधित किया जिसमें लाखों लोगों की भीड़ उमड़ी जो मोदी -मोदी के नारे लगा रही थी । ऐसा प्रतीत हो रहा था कि जनसमुदाय मान चुका है कि प्रधानमंत्री मोदी के आने से मणिपुर में विकास और शांति लाने वाली एक नयी भोर हुई है।
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