सफल ऑपरेशन सिंदूर के बाद जहां भारत आतंकवाद के मुद्दे पर पूरे विश्व में पाकिस्तान को बेनकाब करने निकल चुका है वहीं पाकिस्तान को अनेक वैश्विक मंचों पर अपमान का सामना करना पड़ रहा है। उदाहरण स्वरुप पहले आईएमएफ ने पाकिस्तान को लोन स्वीकृत कर दिया किंतु अब उस पर 11 नई शर्तें लगाकर पाकिस्तान को मुसीबत में डाल दिया जबकि विश्व बैंक ने पाकिस्तान ने अपना पुराना बकाया लैटाने को कह दिया। विश्व स्वास्थ्य संगठन की बैठक में भी भारत ने पाकिस्तान के आतंकी मसूबों को बेनकाब किया और पाकिस्तान को शर्मिंदगी उठानी पड़ी । अब आश्चर्यजनक रूप से पाकिस्तान को अपने मित्र राष्ट्र चीन से भी चीन की ही धरती पर भी अपमानित होना पड़ रहा है।
ऑपरेशन सिंदूर की सफलता और पाकिस्तान के गिड़गिड़ाने पर हुए सीजफायर के बाद पाकिस्तान के उपप्रधानमंत्री इशाक डार के तीन दिवसीय चीन दौरे की शुरुआत बहुत ही अपमानजनक रही। चीन की राजधानी बीजिंग के एयरपोर्ट पर कोई वरिष्ठ चीनी अधिकारी या मंत्री उनका स्वागत करने के लिए नहीं पहुंचा। उनके स्वागत के लिए मात्र कुछ कनिष्ठ अधिकारी ही उपस्थित रहे। जिसके चलते पाकिस्तानी मीडिया व सोशल मीडिया में उनका जमकर मजाक उड़ाया जा रहा है। पाकिस्तानी सोशल मीडिया यूजर्स पाकिस्तानी मंत्रियों के लिए मित्र राष्ट्र चीन में ही रेड कार्पेट न बिछने पर सवाल खड़ा कर रहे हैं। इतना ही नहीं चीन में पाकिस्तान के उपप्रधानमंत्री इशाक डार की हालत यह थी कि चीन के अधिकारी उन्हें कार में नहीं अपितु एक बस में बिठाकर ले गये।
चीन में पाकिस्तान का अपमान होने के कारण स्पष्ट हैं । इस बार भारत ने पहलगाम आतंकी हमले का बदला लेने के लिए ऑपरेशन सिंदूर लांच किया । मात्र 22 मिनट में 9 आतंकी अड्डे समाप्त होने के बाद पाकिस्तान ने चीनी विमानों व हथियारों से भारत पर हमला बोल दिया उसके बाद जो दृष्य बना उससे चीन के हथियारों की पोल खुल गई है जिसके कारण चीन बहुत शर्मिंदगी की अनुभूति कर रहा है और अपनी शर्मिंदगी छुपाने के लिए पाकिस्तान की बेइज्जती कर रहा है।
भारतीय सैन्य बल पाकिस्तानी दुस्साहस का करारा जवाब दे रहे थे । उन्होंने पाकिस्तान के रहीम यार खान समेत 11 एयरबेस तबाह कर दिये, इस दौरान पाकिस्तान ने चीनी हथियारों जैसे पीएल -15 मिसाइल, चीनी एयर डिफेंस सिस्टम और चीनी जेएफ -17 फाइटर जेट्स का इस्तेमाल किया किंतु ये सभी नाकाम सिद्ध हुए और चीनी हथियारों की विश्वसनीयता पर सवाल उठ खड़े हुए। इसके बाद चीन के रक्षा कंपनियों के शेयर्स में 11 प्रतिशत की भारी गिरावट देखने को मिली जिसके कारण चीन छटपटा कर रह गया है।
चीन ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान को रडार और सैटेलाइट सहायता दी लेकिन वह भी पाकिस्तान की सुरक्षा नहीं कर सके।भारत ने चीन के हथियारों का बुरा हाल कर दिया, जिसका असर पूरी दुनिया में दिख रहा है क्योंकि पाकिस्तान 80 फीसदी हथियार चीन से ही खरीदता है और वह सभी भारत के पलटवार के दौरान फुस्स हो गये। भारत -पाकिस्तान का यह संघर्ष चीन के एक बड़े हथियार एक्सर्पोटर बनने का सपना चूर -चूर कर रहा है। वर्ष 2020 से 2024 के मध्य ग्लोबल आर्म्स एक्स्पोर्ट में चीन की 5.9 फीसदी हिस्सेदारी थी और यह आंकड़ा 2015 से 2019 की अवधि की की तुलना में कम रहा है।
चीन दुनियाभर में अपने हथियारों का बाजार व उनके खरीदार बढ़ाना चाहता है किन्तु दुनिया के कई देश राजनैतिक व सामारिक कारणों से चीन से हथियारों का सौदा नहीं करते हैं। ऑपरेशन सिन्दूर में चीनी हथियारों के असफल होने के बाद चीन के इस सपने को बड़ा झटका लगा है। वहीं भारत की स्वदेशी तकनीक पर आधारित मिसाइलों ने खरीददारों को आकर्षित किया है।
चीन द्वारा पाकिस्तान को अपमानित किये जाने के बाद भी ये सत्य अटल है कि लाख विफलताओं के बाद भी भारत के विरुद्ध चीन और पाकिस्तान एक हैं । उनके बीच गहरी मैत्री है तथा दोनों मिलकर भारत के खिलाफ एक बार फिर गहरी साजिश रचने में जुट गये है । भारत को इन तात्कालिक व्यवहारों से भ्रमित होने की आवश्यकता नहीं है।
मृत्युंजय दीक्षित
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