22 अप्रैल को पाक समर्थित आतंकवादियों ने पहलगाम में 26 निर्दोष लोगों की हत्या करके उनके परिजनों से चुनौती पूर्ण लहजे में कहा था कि ‘जाकर मोदी को बता देना’ तब उन्हें रंच मात्र का भी आभास नहीं रहा होगा कि मोदी उनके साथ साथ उनके आकाओं को भी ऐसी कड़ी सजा देगें जिसका जख्म सदियों हरा रहेेगा। घटना के बाद प्रधानमंत्री ने दो दिन तक कोई सार्वजनिक प्रतिक्रिया नहीं व्यक्त की, इस बीच विपक्ष सरकार पर हमलावर बना रहा। 24 अप्रैल को बिहार के मधुबनी में जब प्रधानमंत्री ने तेवर दिखाते हुये कहा कि अब आतंकवादियों की बची जमीन को मिट्टी में मिलाने का समय आ गया है। इस हमले में शामिल आतंकवादियों और साजिश रचने वालों को उनकी कल्पना से भी बड़ी सजा मिलेगी। हम बिहार की धरती से पूरी दुनियां को बताना चाहता हॅू कि भारत हर आतंकवादी और उनके आकांओं की पहचान करेगा,उन्हें खोजेगा और उन्हें सजा देगा। हम उन्हें धरती के किसी कोने तक खदेड़ेंगे, तभी यह आभास हो गया था कि इस बार पहले से कुछ अलग और गम्भीर होगा।
विश्व पटल पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आतंकवाद से भयमुक्त होकर निपटने वाले एक नये और प्रतिबद्ध चेहरे के रुप के उभर कर सामने आये हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सीमा पार आतंकवाद पर सदैव जीरो टालरेंस की नीति अपनाते आ रहे है जो उनकी दृढ इच्छा शक्ति को प्रदर्शित करती है। 2016 में पाक पोषित आतंकवादियों ने जम्मू कश्मीर के उरी सेक्टर में एक सैन्य शिविर पर हमला करके 19 भारतीय सैनिको को मार डाला था। हमला करने आये चारो आतंकी भी सेना द्वारा घटना स्थल पर ही मार दिये गये थे लेकिन मोदी के नेतृत्व में सरकार ने पहली बार सीमा पार बैठे आतंकवादियों को भी सबक सिखाया था। भारतीय सेना ने गुप्त सैन्य कार्यवाही के रुप में सर्जिकल स्ट्राइक करके आतंकी अड्डों को नष्ट किया था। पीओके स्थित कुल 7 आतंकी शिविरों पर किये गये हमले में 38 आतंकी मारे गये थे। 2019 में पुलवामा में आतंकी कार्यवाही में शहीद 40 सैनिकों की शहादत के बाद भारतीय सेना ने पाकिस्तान में घुस कर आतंकी ठिकानों पर हवाई हमले किये। इस एयर स्ट्राइक ने साबित किया कि भारत का नेतृत्व कर रहे मोदी आतंकी कार्यवाही पर चुप नहीं बैठेगें। 2019 के बाद अब 2025 में पहलगाम में हुये आतंकी हमले का जबाब मोदी द्वारा जिस दृढता से दिया गया वह विश्व पटल पर आतंकवाद से निपटने का उनका नया चेहरा है।
आपरेशन सिंदूर पर निर्णय लेना आसान नहीं था। पाकिस्तान की ओर से शक्ति सम्पन्नता के बड़े बड़े दावे किये जा रहे थे। शीर्ष नेतृत्व परमाणु हमले की धौंस दिखा रहा था। विश्व के तमाम रक्षा विशेषज्ञ मान रहे थे कि पाक से युद्ध की दशा में चीन और तुर्की जैसे तमाम इस्लामी देश पाकिस्तान के साथ खड़े हो जायेंगे लेकिन प्रधानमंत्री ने बिना अन्तर्राष्ट्रीय दबाब की परवाह किये आपरेशन सिंदूर की स्वीकृति देने में विलम्ब नहीं किया। यही कारण है कि विश्व में एक नया संदेश गया कि मोदी राष्ट्रीय सुरक्षा और नागरिकों की सुरक्षा के लिये प्रतिबद्ध हैं। वह एक ऐसे मजबूत नेता है जिसे राष्ट्रीय अस्मिता की रक्षा के लिये किसी के समर्थन या विरोध की कोई परवाह नहीं है।
आपरेशन सिंदूर के परिप्रेक्ष्य में सबसे खास बात यह दिखी कि प्रधानमंत्री मोदी ने तमाम कठिन और विपरीत स्थितियों में भी प्रभावी कार्यवाही का निर्णय लिया। एक परिपक्व नेता की तरह प्रधानमंत्री ने पहले सिंधु जल समझौता स्थगित किया, शार्ट टर्म वीजा पर भारत आये पाकिस्तानी नागरिकों को वापस भेजा, अटारी सीमा से होने वाले व्यापार पर रोक लगाई और उच्चायोग कार्मिको की संख्या घटाई। इसके कुछ दिन बाद आपरेशन सिंदूर शुरु किया। इस बीच विदेश मंत्रालय अपने मित्र राष्ट्रों को अपनी कार्यवाही से लगातार अवगत कराता रहा और उनका समर्थन प्राप्त करता रहा। यही कारण था कि अन्तर्राष्ट्रीय समुदाय में भारत की कार्यवही को लेकर किसी देश ने कोई कड़ी प्रतिक्रिया नहीं व्यक्त की। इसे वर्तमान परिप्रेक्ष्य में भारत की बड़ी कूटनीतिक विजय के रुप मे देखा जा रहा है। विश्व पटल पर भारतीय पक्ष में आया यह नया बदलाव है जब लोगों ने भारतीय नेतृत्व की बातों को न केवल सुना अपितु उस भरोसा जताया है। इसका श्रेय केवल प्रधानमंत्री मोदी को जाता है। मोदी की बातों पर भरोसे का एक बड़ा कारण यह भी था कि सीमा पार से हो रही तमाम छोटी छोटी उकसावे की कार्यवाही पर मोदी शांत बने रहे और अन्तर्राष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान को बेनकाब करते रहे लेकिन जब पानी सिर के उपर से गुजरा तो करारा जबाब दिया।
अभी 2019 में जब सरकार ने बालाकोट एयर स्ट्राइक की थी तो तमाम सारे सवाल उठे और कुछ लोगों ने तो सरकार से एयर स्ट्राईक के सबूत तक मागें। इस बार भी पहले प्रधानमंत्री के सर्वदलीय बैठक में शामिल न होने तथा कार्यवाही में विलम्ब होने पर विपक्ष ने सवाल उठाये लेकिन जब आपरेशन सिंदूर शुरु हुआ तो सन्नाटा पसर गया। सेना की कार्यवाही पर विपक्ष की उत्साहित करने वाली प्रतिक्रिया सबसे पहले आती रही। यह मोदी की कुशल रणनीति थी जिसने विपक्षियों को साथ लिया। इससे देश में उनकी छबि मजबूत हुयी। सरकार ने इस बार आपरेशन सिंदूर का वीडियो भी जारी कर दिया ताकि कोई सबूत न मांगे।
इतने बड़े आपरेशन के बाद भी भारतीय बाजार में कहीं कोई उथल पुथल नहीं हुई। देश के किसी कोने से किसी भी सामग्री, जिसमें तेल,गैस जैसी महत्वपूर्ण वस्तुयंे शामिल है, के अभाव या कीमतों में उछाल कीे कोई खबरें नहीं आयी। जाहिर सी बात है कि नया भारत एक ऐसा सुद्ढ भारत भी है जो विपरीत स्थितियों में संघर्ष के लिये अपने को लम्बी अवधि के लिये तैयार किया है। विश्व ने देखा कि 90 घंटे तक चले आपरेशन के कारण पैदा हुये तनाव में भी भारतीय शेयर बाजार अपनी चाल में चलता रहा। यह भारत की सुद्ढ अर्थव्यवस्था के कारण संभव हुआ जिसको सबने देखा।
आपरेशन सिंदूर की सफलता ने प्रधानमंत्री मोदी को जिन प्रमुख मुद्दों पर मजबूत किया उनमें मेक इन इंडिया भी शामिल है। भारत सरकार के उपक्रम, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों आदि के द्वारा तैयार रक्षा उपकरणों ने सफलता में महत्वपूर्ण रोल अदा किया। इन उपकरणों का सबसे बड़ा लाभ भारत को यह मिला कि यह आयातित उपकरणों से बेहतर और सस्ते है तथा इनकी तकनीकी क्षमता से पाक जैसा देश अभी अंजान है। पाक स्थित आतंकी ठिकानों को जमींदोज करने में स्वदेशी उपकरणों की बड़ी भूमिका रही है। यही कारण है कि इस आपरेशन के बाद भारत से रक्षा उपकरणों की खरीद करने वाले देशों की संख्या में बढोत्तरी हो रही है। उल्लेखनीय है कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में भारत का रक्षा निर्यात रिकार्ड स्तर पर पंहुच गया है। भारत आज लगभग 80 देशों को रक्षा उपकरण निर्यात कर रहा है।
देश के शीर्ष नेतृत्व द्वारा कोई बड़ा निर्णय लिये जाने के बाद पहला सवाल उठता है कि देश के नागरिक उसे किस रुप में देख रहे है। खासकर जब सैन्य कार्यवाही या युद्ध से जुड़ा निर्णय हो। आपरेशन सिंदूर शुरु हुआ तो देश मोदी के साथ खड़ा हो गया। किसी ने इस निर्णय पर सवाल नहीं उठाये, देश का आम नागरिक हो या फिर सेना से सेवानिवृत सैन्य अधिकारी, सैनिक, सभी सेना के साथ साथ प्रधानमंत्री का हौसला बढाते रहे। यह दृश्य विश्व के तमाम देशों के लिये भी अकल्पनीय था। यह सब इस लिये सम्भव हो रहा है क्योंकि मोदी लोगों के भरोसे पर खरे उतरते आ रहे है। उनकी कथनी और करनी में एकरुपता लगातार दिखायी पड़ रही है। लोगों में भरोसा है कि हमारा प्रधानमंत्री राष्ट्रीय सुरक्षा और नागरिको की रक्षा के लिये प्रतिबद्ध और समर्पित है।
संक्षेप में कहा जाय तो आपरेशन सिंदूर के बाद मोदी राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय क्षितिज पर एक ऐसे शक्तिशाली व्यक्तित्व के रुप में उभर कर सामने आये है जिस पर देश और दुनियां दोनों को भरोसा है।
-हरि मंगल
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