पहलगाम पर उजागर होता कांग्रेसी चरित्र

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पहलगाम में 26 निर्दोष पर्यटकों की हत्या से देशभर में शोक और आक्रोश है। जिसको लेकर सरकार ने सर्वदलीय बैठक कर विपक्ष से समर्थन मांगा, जिसे विपक्ष ने स्वीकारा। लेकिन कांग्रेस नेताओं के भड़काऊ और पाकिस्तान समर्थक बयानों से विवाद खड़ा हो गया। सिद्धारमैया, रॉबर

पहलगाम पर उजागर होता कांग्रेसी चरित्र

पहलगाम में आतंकवादियों द्वारा 26 निर्दोष पर्यटकों की नृशंस हत्या को लेकर देश में गम और गुस्सा है। हर कोई इस घटना के जिम्मेदार आंतकवादियों और उसके पोषक पाकिस्तान के विरुद्ध भी तत्काल और कड़ी कार्यवाही के लिये सरकार पर दबाब बना रहा है। घटना के बाद से ही सरकार सभी मोर्चे पर सक्रिय हैं। प्रधानमंत्री ने पहले सर्वदलीय बैठक बुलायी और रक्षामंत्री की अध्यक्षता में आहूत बैठक में सरकार की मंशा से अवगत कराते हुये सहयोग मांगा। बैठक में तमाम विपक्षी दलों के साथ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भी शामिल हुये थे। बैठक के बाद कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि इस हमले में बहुत से निर्दोष लोग मारे गये है। हम सभी ने मिलकर कहा है कि देश हित में सरकार जो भी निर्णय लेगी हम उन्हें सर्पोट करेगें। वहां जो भी हादसा हुआ है हम उसकी निंदा करते हैं। खरगे ने कहा कि हम देश को पैगाम देना चाहते है कि हम सब एक है।
    

विपक्षी दलों के इस सहयोगात्मक रुख से सरकार के साथ ही देशवासियों को लगा कि विपक्षी राजनीतिक दलों ने राष्ट्रविरोधियों को मुंहतोड़ जबाब दिया है परन्तु कांग्रेस का चरित्र हर बार की तरह इस बार भी  उजागर होने में बहुत समय नहीं लगा। सर्वदलीय बैठक में खरगे का बयान अभी सुर्खियों में ही था कि कर्नाटक में कांगे्रशी मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के बयान ने देशवासियों को चौंका दिया। सिद्धारमैया ने अपने बयान में कहा कि हम इस युद्ध के पक्ष में नहीं है। पाकिस्तान के विरुद्ध सैन्य कार्यवाही की आशंकाओ से जुड़े एक सवाल पर कांग्रेस के मुख्यमंत्री ने कहा हम युद्ध के पक्ष में नहीं है, पाक के साथ युद्ध करने की क्या जरुरत है ? इतना ही नहीं उन्होंने केन्द्र सरकार को नसीहत तक दे डाली कि वह सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करे। पार्टी लाइन से हट कर आये इस बयान को पाक मीडिया के साथ ही देश के तमाम लोग टैग करने लगे। कांग्रेस पार्टी की ओर से आया यह एकलौता बयान नहीं है बल्कि अब तो तमाम बयान सामने आ रहे है।
    

ऐसे मौके पर गांधी परिवार के  दामाद भी कहां चुप नहीं रहने वाले, उन्होंने कहा कि यह हमला इसलिये हुआ है क्योंकि मुसलमानों में यह भावना घर कर गई है कि उन्हें कमजोर किया जा रहा है। वह ऐसा महसूस करते है और इसी के चलते हमला हुआ है। यद्यपि बाद में पलटी मारते हुये राबर्ट वाड्रा ने कहा कि उनके बयान को गलत ढंग से प्रस्तुत किया गया है। वाड्रा की अपनी कोई राजनैतिक या सामाजिक हैसीयत नहीं है सिवाय यह कि वह राहुल गांधी के बहनोई है लेकिन उनका बयान भी चर्चा में है। महाराष्ट्र के पूर्व कांग्रेसी विधायक विजय वडेट्टीवार ने तो पर्यटकों को झूठा साबित करते हुये कहा कि आखिर आतंकवादियों के पास इतना समय कहां होता है कि वह किसी के कान में जाकर पूछे कि तुम्हारा धर्म क्या है ? उल्लेखनीय है कि घटना में मारे गये उ0प्र0, हरियाणा, बिहार, कर्नाटका के अधिकांश पर्यटकों के साथ रहे लोगों ने बताया कि आतंकवादियों ने पहले धर्म पूछा उसके बाद कलमा पढ़ने को कहा,कुछ लोगों की तो पैंट तक उतार कर देखा और फिर गोली मारी। इतना ही नहीं इस कांग्रेसी नेता ने एक्स पर तमाम प्रकार बेतुके सवाल भी उठाये है जिसमें गृहमंत्री के त्याग पत्र का देने का मुद्दा शामिल है। सर्वदलीय बैठक में राष्ट्रवादी बनने का नाटक करने वाले कांग्रेसी नेताओं नें इनमें से किसी पर कार्यवाही नहीं की है जिसका परिणाम है कि कांग्रेसी नेताओं के अनर्गल बयान देने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है।
  

जम्मू कश्मीर के कांग्रेस नेता और पूर्व केन्द्रीय मंत्री सैफुद्दीन सोज पर भी पार्टी के बड़े नेताओं का कोई अंकुश नही है। उन्होंने तो पाकिस्तानी राजनेताओं के सुर मे सुर मिलाते हुये कहा कि अगर पाकिस्तान कह रहा है कि वह पहलगाम हमले में शामिल नहीं हैं तो इसे अभी के लिये हमें स्वीकार कर लेना चाहिये। अर्थात हमारी जांच एजेंसी की रिर्पोट और सबूत बेकार है। सोज आगे भी सलाह देते है कि पड़ोसी होने के नाते दोनों देश के बीच बातचीत के अलावा कोई रास्ता नहीं है। एक ओर भारत पाकिस्तान के आतंकवाद पोषण से संबंधित सबूत तमाम राष्ट्रों को सौंप कर उसे बेनकाब कर रहा है तो दूसरी ओर कांगे्रश अपनी मुस्लिम परस्त नीतियों से विरत होने को तैयार नहीं है। छत्तीसगढ़ के पूर्व कांग्रेसी विधायक यूडी मिंज ने तो अपने फेसबुक पर पाकिस्तान के समर्थन में देश विरोधी पोस्ट लिख डाली। मिंज ने फेसबुक पोस्ट  में लिखा कि जो आज पाकिस्तान के विरुद्ध निर्णायक युद्ध की बात कर रहे है वह जान लें कि इस बार पाकिस्तान के साथ साथ भारत को चीन से भी लड़ना होगा और ऐसी स्थिति में भारत की हार निश्चित है। मिंज की इस विवादास्पद पोस्ट पर मचे तुफान पर भाजपा प्रवक्ता ने मिंज को गद्दार और राष्ट्रविरोधी बताते हुये कार्यवाही की बात कही है। सबसे उल्लेखनीय तथ्य यह है कि छत्तीसगढ़ के पर्यटक दिनेश मिरानियां उन 26 लोगों में शामिल है जिनकी आतंकवादियों ने हत्या की है।
    

कांग्रेसी नेताओं के आहत करने वाले बयान से इतर एक ताजे मामले की बात करे तो कांग्रेस की ओर से प्रधानमंत्री पर हमला बोलते हुये ‘गायब’ पोस्टर रिलीज किया गया है जिसमें प्रधानमंत्री की बिना सिर वाली तस्वीर ट्वीट की गई है। भाजपा ने इस पोस्टर को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। भाजपा ने कहा है कि एक ओर प्रधानमंत्री पाकिस्तान को कड़ा संदेश दे रहे है तो दूसरी ओर कांग्रेस जैसे राजनैतिक दल ‘सर तन से जुदा’ की मानसिकता प्रदर्शित कर रही है। उल्लेखनीय है कि कांग्रेस के इस ट्वीट को पाक के लोग टैग कर अपना पक्ष मजबूत कर रहे है।
    

देश के सबसे पुराने राजनैतिक दल कांग्रेस, जो आज संसद में विपक्षी दल है,के द्वारा विरोध किया जाना अथवा सरकार की आलोचना किया जाना तो समीचीन लगता है लेकिन प्रधानमंत्री की फोटो के साथ ऐसा अनर्गल और ओछी हरकत उसकी विकृत मानसिकता का द्यौतक प्रतीत होती है। दरअसल कांग्रेस के बारे में कहा जाता है कि जब भी आतंकवाद का मामला आता है, एकता अखंडता की बात आती है अथवा देश की सुरक्षा के मामले पर कांग्रेस घिती है तो वह सरकार और देश के साथ खड़ी होती दिखायी पड़ती है लेकिन जैसे वह बाहर निकल पाती है वह अपने पुराने चरित्र पर लौट आती है। ऐसी ही इस बार हुआ है। पहलगाम पर कांग्रेस को सरकार के साथ दिखना मजबूरी थी लेकिन उसके बाद उसके नीचे के नेता पार्टी की मूल विचारधारा के अनुसार चलते रहते है उन पर कार्यवाही या अंकुश नहीं लगाया जाता है जैसा कि इस बार दिख रहा है। कांग्रेस का यही दोगला चरित्र आज उसे ले डूब रहा है।
 

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