अपनी बर्बादी की कहानी खुद लिख रहा पाकिस्तान

खबर सार : -
आतंकी अड्डों पर एयर स्ट्राइक से बौखलाया पाकिस्तान अब भारत के रिहायशी इलाकों और सैन्य संस्थानों को निशाना बना रहा है। इसका उसे मुंहतोड़ जवाब मिल रहा है और अब भारत उसके सैन्य एयरबैस के साथ ही सामरिक रूप से महत्वपूर्ण ठिकानों को मिट्टी में मिला रहा है।

खबर विस्तार : -

आदर्श प्रकाश सिंह

भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध जैसी स्थिति बन चुकी है। इसका ऐलान भले ही अभी नहीं हुआ है लेकिन परिस्थितियां उसी तरफ जा रही हैं। पिछले तीन दिन से जो हालात उभर कर सामने आए हैं, उसमे यही कहा जा सकता है कि पड़ोसी देश अपनी बर्बादी की कहानी खुद लिख रहा है। 06 और 07 मई की दरमियानी रात भारत ने सफलतापूर्वक ‘ऑपरेशन सिंदूर‘ को अंजाम दिया। इसके तहत  पाकिस्तान के 09 आतंकी ठिकाने ध्वस्त किए गए। भारत की इस कार्रवाई से पाकिस्तान इतना बौखला गया कि उसने रात के अंधेरे में सीमा से लगे भारतीय शहरों पर ड्रोन से हमला शुरू कर दिया। हमारी सेना पहले से ही तैयार थी। भारत को इस बात का अनुमान था कि पाकिस्तान बदले की कार्रवाई करेगा। जम्मू-कश्मीर, पंजाब और राजस्थान के कई शहर उसके निशाने पर थे, पर वह अपने मकसद में कामयाब नहीं हो पाया। भारतीय रक्षा प्रणाली एस-400 ने पाक के सभी ड्रोन और मिसाइलों को नष्ट कर दिया। पाकिस्तान के हर हमले का भारत करारा जवाब दे रहा है। एस-400 के अलावा हमारी स्वदेशी मिसाइल तकनीक ‘आकाश‘ ने भी अपनी ताकत का लोहा मनवाया है। पाकिस्तान के हमलों को हमारी सेना ने जिस सटीकता से नाकाम किया, उसमें ‘आकाश‘ ने महती भूमिका निभाई है। हमारे जांबाज सैनिकों ने पाक के 4 एयरबेस को पूरी तरह तबाह कर दिया है। 

दुश्मन देश ने 09 मई की रात फिर यह नापाक हरकत की लेकिन नाकाम रहा। पाकिस्तान ने अपने नागरिक विमानों की आड़ लेकर भारतीय शहरों पर हमले किए हैं यानी भारत पर हमला करते वक्त उसने अपने यात्री विमानों को उड़ने दिया। यह उसकी दुष्टता की पराकाष्ठा है। सबसे बड़ी बात यह कि भारत ने पाकिस्तान के नागरिकों को निशाना नहीं बनाया लेकिन यह आतंकी देश हमारे रिहायशी इलाकों पर हमले कर रहा है। 10 मई की सुबह भारतीय सेना ने अपनी ब्रीफिंग में इसे उकसाने वाली कार्रवाई बताया है। भारत का कहना है कि हम तनाव नहीं बढ़ाना चाहते, बशर्ते पाक भी ऐसा ही व्यवहार करे। जाहिर है, अब भारत के पास जवाबी कार्रवाई के अलावा कोई विकल्प नहीं था। इसी के तहत भारत ने पाकिस्तान के 05 एयरबेस और 03 सैन्य ठिकाने ध्वस्त कर दिए हैं। दुनिया जानती है कि भारत के सामने पाक टिक नहीं सकता। ‘ऑपरेशन सिंदूर‘ के जवाब में उसने जो हिमाकत की है, वह उसे बहुत भारी पड़ेगी। भारत ने संयम बरतते हुए अपने कदम उठाए हैं। यही नही पड़ोसी देश भारत के नुकसान की झूठी खबरें भी फैला रहा है। पाक ने शुक्रवार की रात हाईस्पीड मिसाइल का इस्तेमाल किया है। एक मिसाइल पंजाब के फिरोजपुर में कार पर गिरी। इसके बाद वहां आग लगने से तीन लोग घायल हो गए हैं।

पाक सेना है असली खलनायक

भारत ने जो जवाबी हमला किया है, उससे पाकिस्तान के आयुध भंडार, कमांड कंट्रोल सिस्टम और ड्रोन के लॉन्चिंग पैड को नुकसान पहुंचा है। रावलपिंडी का नूर खान एयरबेस और सरगोधा एयरबेस तबाह हो गया है। दरअसल, भारत यही चाहता है कि पाकिस्तान की सैन्य ताकत खत्म कर दी जाए। वास्तव में पाकिस्तान की सेना ही खलनायक है। सेना प्रमुख जनरल मुनीर ही तनाव की जड़ है। उसके भड़काऊ बयानों से आतंकियों को शह मिलती है। डर के मारे मुनीर ने अपना परिवार पहले ही विदेश भेज दिया है। पाकिस्तान में सरकार से ज्यादा सेना की चलती है। यही कारण है कि वहां हमेशा अराजक स्थिति बनी रहती है।

चौकस है भारत की सरकार और सेना

मौजूदा हालात पर दिल्ली में बैठकों का दौर जारी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सेना के प्रमुखों के साथ जिस तरह बैठकें कर रहे हैं, उससे पता चलता है कि भारत पूरी तरह चौकस है। किसी भी स्थिति से निपटने के लिए सेना को पूरी छूट दे दी गई है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर कूटनीतिक रूप से पाकिस्तान को घेरने के लिए अनेक देशों के विदेश मंत्रियों से बात कर चुके हैं। अमेरिका ने शनिवार को भारत और पाक दोनों से बात करके तनाव कम करने पर जोर दिया है। दिलचस्प यह कि अमेरिकी विदेश मंत्री ने पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल मुनीर से बात की है। इससे भी यह संकेत मिलता है कि पाकिस्तान में सेना का वर्चस्व अधिक है। पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ खुद प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को समझा रहे हैं कि बात को आगे न बढ़ाओ। बता दें कि नवाज पीएम शहबाज के बड़े भाई हैं। पाकिस्तान की जनता पहले ही महंगाई से परेशान है। कई देशों की मदद से वहां की अर्थव्यवस्था चल रही है। यदि युद्ध ने विकराल रूप धारण किया, तो इस आतंकी देश को तिल-तिल कर मरना पड़ेगा। 

आतंकवाद को समर्थन देने की चुकानी पड़ेगी कीमत

तुर्किए, मलेशिया और कुछ हद तक चीन के अलावा सभी देश भारत की कार्रवाई का समर्थन कर रहे हैं। यहां तक कि अरब के देश भी जानते हैं कि आतंकवाद को पालने-पोसने का अंजाम क्या होता है ? आतंकवाद का नासूर कैंसर बन चुका है और इसकी जड़ पाकिस्तान में है। इसकी कीमत तो उसे अवश्य चुकानी पड़ेगी। अमेरिका, रूस, इजरायल, जर्मनी, जापान और ब्रिटेन इस मामले में पूरी तरह भारत के साथ हैं। ये देश जानते हैं कि आतंकवाद का दंश पाक में ही फलता-फूलता है। ओसामा बिन लादेन पाकिस्तान में ही छुपा हुआ था। अमेरिकी सेना ने 2013 में उसे वहां घुस कर मारा था। इस तरह पाक की कलई खुल चुकी है। भारत आतंकवाद समाप्त करने को प्रतिबद्ध है इसलिए अब आर या पार की लड़ाई हो जानी चाहिए।  
 

अन्य प्रमुख खबरें