पहलगाम में 26 निर्दोष लोगों की हत्या के बाद भारत द्वारा शुरु किये गये आपरेशन सिंदूर को लेकर देश में एकता और उत्साह का अदभुत दृश्य दिखायी पड़ा। जाति,धर्म, सम्प्रदाय की दीवारें टूट गईं, पक्ष और विपक्ष एक मंच पर खड़े होकर ’जय हिन्द’ का नारा लगा कर सेना और सरकार का उत्साहवर्धन कर रहे थे लेकिन दूसरी ओर देश में अब ऐसे गद्दार बेनकाब हो रहे है जो आपरेशन सिंदूर के समय भी दुूश्मन देश पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई को संवेदनशील सूचनायें विभिन्न माध्यमों से उपलब्ध करा कर राष्ट्रीय अस्मिता प्रहाऱ कर रहे थे। अब तक जम्मू कश्मीर, पंजाब और हरियाणा से लगभग दर्जनभर लोग गिरफ्तार किये गये है जो किसी न किसी रुप में देश के सैन्य प्रतिष्ठानों ,सेना की गतिविधियों जुड़ी सूचनायें दुश्मन को बेफिक्र होकर उपलब्ध करा रहे थे।
हरियाणा के हिसार की रहने वाली ज्योति मल्होत्रा को 17 मई को जब जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया तो उसके तमाम फालोवर भौचक्के हो गये। ज्योति रानी मल्होत्रा के यूट्यूब और सोशल मीडिया पर आठ लाख सब्सक्राइबर है जिसमें उसके यूट्यूब चैनल ’ट्रैवेल विद जो’ के 3.77 लाख सब्सक्राइबर शामिल है। ज्योति 2023 से पाकिस्तान के जासूसी नेटवर्क से जुड़ी है। पहले उसकी मुलाकात पाकिस्तानी उच्चायोग में कार्यरत एहसान उर रहीम ऊर्फ दानिश से हुई। दानिश के सम्पर्क में आने के बाद से ज्योति तीन बार पाकिस्तान गई जहां उसके रहने और खानपान की व्यवस्था दानिश के दोस्त अली अहवान के माध्यम से हुई और उसी ने ज्योति को पाक के सुरक्षा और खुफिया अधिकारियों से मिलवाया था। पुलिस को पूछताछ में पता चला कि ज्योति को पाकिस्तानी एजेंट शाकिर और राणा शहबाज से भी मिलवाया गया। शहबाज का मोबाइल नम्बर ज्योति के मोबाइल में जट्ट रंधावा के नाम से सेव किया गया है। ज्योति ने भारतीय सैन्य स्थलों से जुड़ी कई संवेदनशील सूचनायें व्हाट्सएप, टेलीग्राम और स्नैपचैट के जरिये पाकिस्तान भेजी। दोनों देशों के बीच चल रहे तनावों के बीच ज्योति का चैनल भारत विरोधी और साम्प्रदायिक कंटेंट के साथ पाकिस्तान की साकारात्मक छवि पेश करता रहा। कहा जा रहा है कि आईएसआई की ओर से यूट्यूब पेज के सब्सक्राइबर बढाने के लिये पैसा भी मिले। आपरेशन सिंदूर के बाद दानिश को भारत सरकार ने जासूसी के आरोप में देश से निष्कासित कर दिया है। फिलहाल ज्योति पांच दिन के पुलिस रिमांड पर है।
आपरेशन सिंदूर के बाद सबसे पहले पंजाब से दो जासूसों को गिरफ्तार किया गया। पाकिस्तान को खुफिया सूचनायें देने के मामले में पंजाब के मलेरकोटला क्षेत्र की 31 वर्षीय गजाला और यामीन मोहम्मद को 11 मई को पकड़ा गया। वह इसी साल 27 फरवरी को वीजा बनवाने के लिये दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग गई थी जहां उसकी मुलाकात दानिश से हुयी। इस मुलाकात के बाद दानिश और गजाला एक दूसरे के नजदीक आये। जांच में पुलिस को एक वित्तीय नेटवर्क का पता चला जो पाकिस्तान से आये पैसों को देश के कई राज्यों में भेजा रहा था। दानिश के माध्यम से पैसे गजाला के खाते में आते और गजाला उसे यूपीआई के माध्यम से अलग अलग लोगों को भेजती थी। पैसा किसको और कितना भेजना है उसका यूपीआई स्कैनर दानिश उसे भेजता था।
गजाला के साथ ही मलेरकोटला के यामीन मोहम्मद को भी गिरफ्तार किया गया क्योंकि यह भी दानिश के माध्यम पाकिस्तान को खुफिया सूचनायें देने और वित्तीय लेन देन में शामिल था। बताया जा रहा है कि दानिश ने गजाला को यामीन के कहने पर ही अपने नेटवर्क में जोड़ा था। दानिश के माध्यम से मिले पैसे पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र और उ0प्र0 में लोगों को भेजे जाते थे। यामीन ने तमाम लोगों को वीजा बनवाने और पैसे का लालच देकर दानिश के नेटवर्क में जोड़ा है। पंजाब के डीजीपी ने सोशल मीडिया एक्स पर बताया कि एक आरोपी भारतीय सेना की गतिविधियों से जुड़ी जानकारी पाकिस्तान में बैठे हैंडलर तक पहुंचा रहा था जिसकी गिरफ्तारी होने पर दूसरे का पता चला।
हरियाणा से पकड़े गये जासूसों में पहला नाम 24 वर्षीय नोमान इलाही का है जिसे 13 मई को पानीपत से गिरफ्तार किया गया। नोमान मूलतः उ0प्र0 के शामली जनपद के कैराना कस्बे का रहने वाला है और पानीपत में एक फैक्ट्री में सुरक्षा गार्ड की नौकरी करता था। बताया जा रहा है कि पानीपत से ही वह खुफिया जानकारी के साथ ही फौजियों की फोटो और वीडियो पाकिस्तानी हैंडलरों को भेजता था। हवाला के जरिये पाक से उसके पास धन भी भेजा जाता रहा है। पाक के जिसे आतंकी से उसका जुड़ाव था उसका नाम इकबाल काना बताया जा रहा है।
हरियाणा के कैथल जिले के मस्तगढ निवासी 25 वर्षीय देवेन्द्र सिंह को भी पाक के लिये जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है जो एक पूर्व सैन्यकर्मी का बेटा है। देवेन्द्र सिंह पर आरोप है कि वह भारत द्वारा आतंकवादियों के विरुद्ध चलाये गये आपरेशन सिंदूर के बीच उससे जुड़ी तमाम जानकारी और सैन्य प्रतिष्ठानों से संबंधित सूचनायें पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई तक पहुंचाई है। पुलिस पूछताछ में आरोपी ने स्वीकार किया है कि वह लगभग दो वर्ष पूर्व कारीडोर के रास्ते पाकिस्तान स्थित करतारपुर साहिब,ननकाना साहिब, लाहौर और पंजा साहिब जैसे प्रमुख धार्मिक स्थलों पर दर्शन करने गया था। उसी बीच उसकी मुलाकात पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के अधिकारियों से हुई। कहा जा रहा है कि उसके पास से पठानकोट एयरबेस सहित तमाम सैन्य प्रतिष्ठानों के फोटो और नक्शे पुलिस ने बरामद किये है।
हरियाणा के नूंह जिले के गांव रजाका से 16 मई को जासूसी के आरोप अरमान की गिरफ्तारी हुई है। वह भी अपने व्हाट्सएप के माध्यम से देश की सैन्य गतिविधियों को पाकिस्तान स्थित अपने हैंडलर को भेज रहा था। अरमान का परिवार पहले से ही आपराधिक गतिविधियों से जुड़ा रहा है। अरमान का पिता जमील वाहन चोरी करने वाले एक बड़े गैंग का सदस्य है। उसे अप्रैल में ही छत्तीसगढ पुलिस ने गिरफ्तार किया है। अरमान का भाई अल्ताफ पिछले पंचायत के कार्यकाल में मनरेगा घोटाले में जेल जा चुका है। अरमान पर यह भी आरोप है कि वह पाक ऐजेंटो को भारतीय सिम कार्ड उपलब्ध कराता रहा है।
उ0प्र0 के रामपुर जनपद के आजाद नगर टांडा के रहने वाले शहजाद को पाकिस्तान के लिये तस्करी के साथ जासूसी करने के आरोप में एटीएस द्वारा 18 मई को गिरफ्तार किया गया है। शहजाद अवैध रुप से कास्मेटिक, कपड़े और मशाले पाकिस्तान ले जाता रहा है। इसी बीच उसका सम्पर्क आईएसआई से हुआ और वह भारत की तमाम संवेदनशील सूचनायें उन्हें देने लगा। उस पर देश विरोधी गतिविधियों में संलग्न होने, संवेदनशील सूचनायें आईएसआई को उपलब्ध कराने तथा संदिग्ध लोगों से लेनदेन के आरोप है।
इसके पूर्व पाक के लिये जासूसी करने के आरोप में फिरोजाबाद आर्डिनेंस फैक्ट्री के चार्जमैन राविंद्र कुमार को गिरफ्तार किया गया था जो व्हाट्सएप के जरिये पाकिस्तानी जासूसों के शिकंजे में फस कर संवेदनशील सूचनायें उपलब्ध करा रहा था। उससे हुई पूछताछ के बाद कानपुर आर्डिनेंस फैक्ट्री के मैनेजर कुमार विकास को गिरफ्तार किया है। कुमार विकास लम्बे समय से तमाम महत्वपूर्ण जानकारियां आईएसआई को भेज रहा था।
आपरेशन सिंदूर के बाद भारतीय एजेंसियों द्वारा देश के गद्दारों के विरुद्ध चलाये गये अभियान में बड़ी संख्या में गिरफ्तारी से यह तो तय हो गया कि भारत को बाहरी दुश्मनों से कहीं ज्यादा खतरा देश में छिपे इन गद्दारों से है।
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