आदर्श प्रकाश सिंह
पूरा देश बेचैन था कि भारत बदला लेने में इतनी देर क्यों कर रहा है। पहलगाम आतंकी हमले को हुए 15 दिन बीत गए थे, लेकिन सरकार 26 मासूम पर्यटकों की मौत का बदला नहीं ले पाई थी। इस बीच 7 मई 2025 की सुबह जब भारतीयों ने आंखें खोली तो उन्हें शुभ सूचना मिली कि 6 मई को देर रात लगभग एक बजे हमारी वायु सेना ने पाकिस्तान स्थित 9 आतंकी ठिकानों को एयर स्ट्राइक करके ध्वस्त कर दिया। पुख्ता जानकारी के बाद भारत ने यह निर्णायक कदम उठाया है। इसे ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम दिया गया है। आतंकियों ने जिन बहनों के सिंदूर उजाड़े हैं, उन्हें यह माकूल जवाब है। इस हमले में पाकिस्तान के सैन्य ठिकाने अथवा किसी भी नागरिक को नुकसान नहीं पहुंचाया गया।
भारतीय सेना की तरफ से की गई एयर स्ट्राइक के बाद देश भर में खुशियां मनाई जा रही हैं। सोशल मीडिया पर ‘जय हिंद’ की बौछार हो रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि आतंकी और उनके आकाओं के अड्डों को इस बार मिट्टी में मिला देंगे। इस बार सेना ने बिल्कुल ऐसा ही किया है। यह बात और है कि हाफिज सईद और मसूद अजहर जैसे कुख्यात आतंकी अभी बचे हुए हैं। पाकिस्तान की सेना और आईएसआई ने उन्हें सुरक्षित जगहों पर पहुंचा दिया है। भारत के हमले में तकरीबन 90 आतंकियों के मारे जाने की खबर है। हमारी वायु सेना ने लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के मुख्यालय को निशाना बना कर जो हमला किया है, उससे इन आतंकी संगठनों की कमर टूट चुकी है। भारत की सीमा के निकट ही इन्होंने आतंकियों के लिए प्रशिक्षण शिविर बना रखे थे। इन सबको ध्वस्त कर दिया गया है। तस्वीरों की फुटेज देख कर हर भारतीय के दिल को ठंडक पहुंच रही है, मगर भारत का काम अभी पूरा नहीं हुआ है। हाफिज सईद और मसूद अजहर जब तक जिंदा रहेंगे, आतंकवाद का जहर पूरी तरह समाप्त नहीं होगा। ये जहां भी छिपे हों, उनको वहां से निकाल कर मारने की जरूरत है। देखना यह है कि सांप कितने दिनों तक बिलों में रहता है। उसका फन कुचलना नितांत आवश्यक है। आतंकियों के असली आका यही हैं। भारत के हमले के डर से ये पहले ही आतंकी शिविर छोड़ कर कहीं और चले गए हैं। वहां की सेना इन्हें सुरक्षा कवच दे रही है। भारत की सैन्य ताकत पाकिस्तान से तीन गुनी ज्यादा है। अतः हमें डरने की जरूरत नहीं है।
भारत को मिला दुनिया का समर्थन
22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम गए पर्यटकों पर जिस तरह आतंकियों ने हमला किया उसकी निंदा पूरी दुनिया कर रही है। धर्म पूछ कर सैलानियों को मारा गया। आतंकवाद के विरुद्ध लड़ाई में अमेरिका और रूस समेत सभी प्रमुख देश भारत के साथ खड़े हैं। तुर्किए को छोड़ दें, तो इस्लामी देश भी भारत के समर्थन में आ गए हैं। पुराना दोस्त चीन भी पाकिस्तान का साथ नहीं देगा। इसके साथ ही भारत ने वैश्विक स्तर पर पाकिस्तान की मजबूत घेराबंदी कर रखी है। पाकिस्तान को अलग-थलग करने की भारत की रणनीति सफल रही है। इसमें विदेश मंत्री जयशंकर का योगदान अहम् है। यही वजह है कि आतंकवाद को पालने पोसने वाले देश पाकिस्तान को कड़ा सबक सिखाने की मांग हो रही थी। इससे पहले सिंधु जल समझौता निरस्त करने और ऐसे ही कुछ अन्य प्रतिबंधात्मक कदम उठाने से पाकिस्तान की कमर टूट चुकी है। उसकी आर्थिक दशा पहले से ही खराब है। अरब देशों से वह भीख मांग रहा है। कुछ महीने पहले पाक में आटे के लिए लूटमार मची थी। खाने की चीजें वहां बहुत महंगी बिक रही हैं। भारत की रणनीतिक तैयारी से पाकिस्तान सहमा हुआ था। पाकिस्तान के सेना प्रमुख मुनीर आलम और उनके कई नेताओं ने अपने परिवार को विदेश भेज दिया है। उसके नेता आए दिन गीदड़ भभकियां दे रहे हैं। सिंधु नदी का पानी रोकने से भड़के पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने कहा, ‘अब इस नदी में भारतीयों का खून बहेगा’।
पानी रोकने से बौखलाया पाकिस्तान
भारत ने दो दिन पहले चिनाब नदी का पानी रोक कर पाकिस्तान को एक और झटका दिया है। इससे उसकी खेती-किसानी पूरी तरह से चौपट हो गई है। वह बूंद-बूंद पानी को तरसेगा। वाघा बॉर्डर से आवाजाही बंद हो गई है। इन कदमों से पाकिस्तान के हुक्मरान बौखलाए हुए हैं। पाकिस्तान में युद्ध की आशंका से लोग इतने डरे हुए हैं कि एक सांसद का कहना है कि जंग शुरू हुई तो मैं विदेश भाग जाउंगा। पाकिस्तान की सेना ने भारत के हमले पर अभी कोई बयान नहीं दिया है, लेकिन वे जवाब दे सकते हैं। इसके लिए भारत की सेना भी पूरी तरह तैयार है।
यूएन में मिला करारा झटका
इस बीच दो दिन पहले संयुक्त राष्ट्र (यूएन) में भी पाकिस्तान को लताड़ लगाई गई। दरअसल, उसने इस वैश्विक मंच से गुहार लगाई थी कि भारत को हमले से रोका जाए। पर, यूएनओ ने यह कह कर उसकी निंदा की कि वह भारत पर परमाणु हमले की धमकी क्यों दे रहा है? मिसाइल का परीक्षण क्यों कर रहा है? पाकिस्तान में माहौल कितना खराब है और लोग कितने डरे हुए हैं, यह इससे पता चलता है कि हाल ही में पाकिस्तान की लाल मस्जिद में एक सभा हुई है। इसमें लोगों से युद्ध के पक्ष में जब हाथ उठाने को कहा गया तो किसी ने हाथ नहीं उठाया। उनका कहना था कि यह कोई इस्लाम के पक्ष में लड़ाई नहीं लड़ी जा रही। कहने का अर्थ यह है कि पाकिस्तान की जनता का रुख भी नकारात्मक ही दिखता है। पाकिस्तान के पास इतने गोला बारूद या सैन्य साजो सामान नहीं है कि वह भारत के सामने अधिक दिन तक टिक सके।
अन्य प्रमुख खबरें
महाकुंभ से सनातनी विरासत को ‘संजीवनी’
संपादकीय
10:22:02
संभल से सिकंदरा तक 'गाजी मेले' पर गाज
संपादकीय
10:00:38
ट्रंप का ‘अमेरिका फर्स्ट’ बनाम मोदी का ‘इंडिया फर्स्ट’
संपादकीय
07:56:22
पहलगाम आतंकी घटना के बाद एक्शन में मोदी सरकार
संपादकीय
12:15:01
आतंकी अंड्डों पर एयरस्ट्राइक से 'मोदी हैं तो मुमकिन है' पर फिर लगी मुहर
संपादकीय
08:53:36
भारत की तैयारी देख घबराया पाकिस्तान
संपादकीय
12:30:21
बलूचिस्तान की आजादी का दावा, पाकिस्तान होगा पस्त
संपादकीय
08:48:28
कश्मीर से कैलिफोर्निया तक कट्टरपंथियों के निशाने पर सनातनी समाज
संपादकीय
07:30:20
चित्रकूट धाम, जहां पधारे थे प्रभु श्रीराम
संपादकीय
10:18:28
सोनिया-राहुल के लिए जी का जंजाल बना नेशनल हेराल्ड केस
संपादकीय
10:17:22