रोहतक हरियाणा के मुल निवासी और वर्तमान में जर्मनी में रह रहे ध्रुव राठी 2014 से अपना यूट्यूब चैनल चला रहे हैं। वह भारतीय राजनीति, सामाजिक सरोकार,पर्यावरण सहित तमाम विषयों के साथ धार्मिक विषयों पर वीडियो बनाते आ रहे है। सबसे प्रमुख बात यह है कि वह भारतीय मामलों का ऐसा तोड़-मरोड़ कर विश्लेषण करते है मानो वह विपक्षी दलों अथवा देश विरोधी तत्वों के नेरेटिव को बढावा दे रहे हो। राठी के इस कृत्य से कई बार सरकार के प्रति लोगों के दिलों में गलत धारणा बनती रही है।
ध्रुव राठी क़ा ताजा विवाद सिख धर्मानुयायियों से जुड़ा है। अभी 18 मई को ध्रुव राठी ने अपने यूट्यूब चैनल पर एक एआई वीडियो ’’द सिक्ख वारियर हू टेरिफाइड़ द मुगल’’ अपलोड किया। इसमें दिखाया गया है कि किस तरह सिख योद्धाओं ने मुगल शासकों को अपना लोहा मनवाया। राठी के इस वीडियो का सिख समाज में प्रबल विरोध हुआ। सिख संगठनो का आरोप था कि वीडियो में सिख धर्म गुरुओं को आम इंसान की तरह दिखाया गया है जबकि सिख परम्परा के अनुसार गुरुओं, साहिबजादों और उनके परिवार को फिल्मों में या इंसान के रूप में नहीं दिखाया जा सकता है। दिल्ली सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी के अध्यक्ष हरमीत सिंह कालका का कहना था कि इसमें अधूरा सच ही दिखाया गया है। सिख धर्म में गुरुओं को एनिमेटेड फार्म में दिखाना गुनाह है। बाबा बंदा बहादुर सिंह और गुरु तेग बहादुर सिंह की शहादत का अपमान किया गया है। उन्होंने तो साइबर क्राइम सेल में शिकायत भी दर्ज करा दी। इस मामले में अकाल तख्त, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी, शिरोमणि अकाली दल तथा दिल्ली सरकार में मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा भी राठी के वीडियो पर गहरी आपत्ति दर्ज कराते हुये कार्रवाई की मांग की। विरोध के स्वर मुखर होते ही राठी ने अगले ही दिन वीडियो को हटा दिया।
राठी के वीडियो के विरोध का यह पहला मामला नहीं है। वह पिछले कुछ वर्षो से अपने वीडियो, व्यक्तिगत टिप्पणियों के कारण लगातार विवादों में बने रह रहे हैं। पिछले वर्ष जुलाई में लोक सभा स्पीकर ओम बिरला की आईएएस बेटी अंजलि बिरला को लेकर सोशल मीडिया पर दावा किया गया कि वह विना संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा पास किये ही आईएएस बन गईं। जांच में यह दावा झूठा पाया गया। इस प्रचार में ध्रुव राठी का सोशल मीडिया अकाउंट पैरोडी भी शामिल पाया गया। इस मामले में बिरला परिवार द्वारा महाराष्ट्र साइबर सेल में शिकायत दर्ज करायी गई। मुंबई पुलिस द्वारा इस मामले में भारतीय न्याय संहिता की विभिन्न धाराओं में मानहानि, शांति भंग करने और आईटी एक्ट की धाराओं में मुकदमा दर्ज करके जांच शुरू की गई। मुंबई पुलिस ने जैसे ही जांच तेज की ध्रुव राठी के पैरोडी अकाउंट से ट्वीट कर माफी मांग ली गई। राठी की ओर से माफीनामे में लिखा गया कि मैने अंजलि बिरला पर अपने सभी पोस्ट और टिप्पणियां हटा दी है। मैं माफी मांगना चाहूंगा क्योंकि मै तथ्यों से अन्जान था और किसी दूसरे के पोस्ट की कापी करके इसे साझा किया था।
2022 में ध्रुव राठी ने किसान आन्दोलन के समर्थन में कई वीडियो बना कर अपने चैनल पर पोस्ट किया। इन सारे वीडियो में सरकार की नीतियों की आलोचना की गई थी जिसको लेकर भाजपा सहित देश के तमाम दर्शकों द्वारा आलोचना की गई थी।
2020 में कोविड-19 के कारण लगे लाक डाउन में सरकार अपने नागरिकों को तमाम प्रकार से सुरक्षा और सुविधायें उपलब्ध कराने का प्रयास कर रही थी तब राठी का चैनल सरकार की नीतियों और डेटा प्रबंधन पर सवाल उठा कर वीडियो पोस्ट कर रहा था। राठी पर आरोप लगे कि उसने सरकार द्वारा जारी किये गये डेटा को तोड़-मरोड़ कर अपने ढं़ग से विश्लेषित किया जिससे जनता में भय का माहौल बना और सरकार की बदनामी हुई।
2020 में ही हिन्दुओं के आराध्य प्रभु श्रीराम के अयोध्या स्थित राम मन्दिर निर्माण पर बनाये गये एक वीडियो में उसकी ऐतिहासिकता और कानूनी पहलुओं को लेकर राठी द्वारा विश्लेषण किया गया था। इस वीडियो में राठी की भाषा और दृष्ट्रिकोण को लेकर हिन्दू संगठनो ने आरोप लगाये कि राठी जानबूझ कर हिन्दुओं की भावनायें आहत कर रहे है। 2021 में ध्रुव राठी ने अपने चैनल पर भारत पाकिस्तान संबंधो पर चर्चा करते हुये पाक के कुछ मुद्दों की तुलना भारत से की थी जिस पर तमाम दर्शको ने उन पर भारत विरोधी दुष्प्रचार करने का आरोप लगाया था।
22 अप्रैल को पहलगाम में 26 पर्यटकों की हत्या के बाद ध्रुव राठी अपने चैनल पर देश की आवाज और मीडिया कवरेज को दरकिनार कर सरकार की आलोचना करते रहे। वह आतंकी हमले के लिये सरकार की सुरक्षा विफलताओं को जिम्मेदार बता रहे थे जबकि सारा देश इस नृशंस घटना से स्तब्ध होकर आतंकवाद को जड़ से मिटाने के लिये सरकार के साथ खड़ा था।
ध्रुव राठी के वीडियो और व्यक्तिगत टिप्पणियों से देश में आये दिन पैदा हो रहे विवादों से तो ऐसा लगता है कि वह अपने सबस्क्राइबर्स, लाइक्स और व्यूज बढ़ाने के लिये जानबूझ कर विवाद पैदा कर रहे हैं क्योंकि वह विवादासपद मुद्दों पर विवादित नहीं हो रहे हैं बल्कि विषयों को विवादास्पद बनाने के लिये चर्चा में रहते है।
विवादो में रहने वाले इस सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर के पास आज 28 मिलियन सबस्क्राइबर्स है जबकि इंस्टाग्राम पर 13 मिलियन फालोअर्स है। 2023 में टाइम्स मैगजीन ने उसका नाम ’नेक्स्ट जनरेशन लीडर्स’ की लिस्ट में रखा है।
फिलहाल इन आरोप से इनकार नही किया जा सकता है कि ध्रुव राठी जैसे लोग आज सोशल मीडिया का दुरुपयोग करते हुये सरकार की आलोचना के लिये जिन भ्रामक सूचनाओं और मनगढ़ंत तथ्यों का सहारा ले रहे हैं वह उनका एजेंडा न होकर विपक्षी दलों या देश विरोधी तत्वों द्वारा तैयार नेरेटिव है। इससे न केवल देश की छवि धूमिल हो रही है अपितु तमाम लोगों के मन में देश और सरकार के प्रति गलत धारणायें बन सकती है।
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