Prithvi Shaw Double Century : क्या यह तूफानी पारी भारतीय क्रिकेट में उनकी वापसी का संकेत है?

खबर सार :-
Prithvi Shaw Double Century : पृथ्वी शॉ ने रणजी ट्रॉफी में धमाकेदार डबल सेंचुरी जड़कर भारतीय क्रिकेट में वापसी की उम्मीदों को फिर से जगाया। उनकी आक्रामक पारी ने उनकी फिटनेस और आत्मविश्वास की वापसी का संकेत दिया, जिससे टीम इंडिया में उनकी वापसी की संभावना बढ़ गई है।

Prithvi Shaw Double Century : क्या यह तूफानी पारी भारतीय क्रिकेट में उनकी वापसी का संकेत है?
खबर विस्तार : -

Prithvi Shaw Double Century : चंडीगढ़ के सेक्टर-16 स्टेडियम में एक ऐसी पारी खेली गई, जिसने न केवल क्रिकेट प्रेमियों को स्तब्ध किया, बल्कि एक गुमनाम खिलाड़ी को फिर से किक्रेट की चर्चा के केंद्र में लाकर खड़ा दिया। यह खिलाड़ी कोई और नहीं, बल्कि पृथ्वी शॉ हैं। इनके बारे में लगभग सभी ने मान लिया था कि उनका करियर समाप्तक हो चुका है। लेकिन सोमवार को रणजी ट्रॉफी में खेलते हुए उन्होंने साबित कर दिया कि वह अभी खत्म नहीं हुए हैं। उनके अंदर अभी बहुुत बल्लेबाजी बाकि हैं। पृथ्वी शॉ के बारे में कई बार यह कहा गया था कि उनकी फिटनेस, अनुशासन और फॉर्म के कारण उनका करियर धीमी गति से खत्म हो रहा है, अब एक बार फिर से अपनी पुरानी लय में लौट आए हैं। चंडीगढ़ के खिलाफ पहली पारी में वह केवल 8 रन पर आउट हो गए थे, लेकिन दूसरे प्रयास में उन्होंने अपना जादू दिखाया।

Prithvi Shaw Double Century : शॉ की पारी ने खींचा सबका ध्यान

महाराष्ट्र के लिए खेलते हुए शॉ ने दूसरी पारी में धमाकेदार बल्लेबाजी का प्रदर्शन किया। पहले 55 गेंदों में उन्होंने 80 रन बना दिए और फिर तेजी से रन बढ़ाते हुए अपना शतक केवल 72 गेंदों में पूरा कर लिया। यही नहीं, उन्होंने 141 गेंदों में अपनी डबल सेंचुरी पूरी की। यह रणजी ट्रॉफी के इतिहास में सबसे तेज डबल सेंचुरी का रिकॉर्ड बन गया, जब तक कि प्लेट ग्रुप मैचों को छोड़ दिया जाए। शॉ की यह पारी न केवल एक क्रिकेट मैच की रोमांचक घटना थी, बल्कि यह आत्मविश्वास और पुनरुत्थान की प्रतीक बन गई। उनका यह प्रदर्शन उनकी बेमिसाल तकनीक और आक्रामक शैली का गवाह था, जो एक समय भारतीय क्रिकेट में उन्हें एक चमकते हुए सितारे के रूप में स्थापित कर चुका था।

Prithvi Shaw Double Century : क्या टीम इंडिया में वापसी तय?

पृथ्वी शॉ की पारी ने कई सवालों को जन्म दे दिया है। क्या यह पारी भारतीय क्रिकेट में उनकी वापसी की शुरुआत करा पाएगी? क्या वह अपनी आक्रामक शैली के साथ एक बार फिर से भारत के ओपनिंग बल्लेबाज के रूप में जगह बनाने में कामयाब हो सकते हैं? उनकी यह पारी एक संकेत हो सकती है कि वह अब पूरी तरह से तैयार हैं। शॉ की यह पारी सिर्फ रन बनाने तक सीमित नहीं थी। यह उनकी वापसी की कहानी थी, उनकी आत्मविश्वास की कहानी थी, और उनकी मेहनत के साथ अपनी पहचान को फिर से स्थापित करने की कहानी थी।

Prithvi Shaw Double Century : एक नई शुरुआत की ओर

पृथ्वी शॉ ने इस पारी से साबित कर दिया कि उनका जुनून और आत्मविश्वास पहले जैसा ही है। 25 साल के इस बल्लेबाज ने अपनी पुरानी शैली को वापस लाकर यह संदेश दिया कि उनका क्रिकेट करियर अभी खत्म नहीं हुआ है, बल्कि यह एक नई शुरुआत हो सकती है। मुंबई छोड़कर महाराष्ट्र में खेलने के बाद शॉ ने अपनी जिद और मेहनत से यह साबित किया है कि वह अभी भी भारतीय क्रिकेट के सबसे विस्फोटक बल्लेबाजों में से एक हैं। उनकी पारी को देखकर उम्मीद की जा रही है कि शायद भारतीय टीम में उनका स्थान फिर से बन जाए। क्या शॉ की यह पारी उन्हें अगले भारत-ऑस्ट्रेलिया सीरीज में टीम इंडिया में वापसी का मौका दिला सकती है? आने वाले दिनों में यह सवाल क्रिकेट प्रेमियों के बीच चर्चा का विषय बना रहेगा।
 

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