Conflict Between ICC and PCB: बैठक की वीडियो रिकॉर्डिंग पर विवाद गहराया

खबर सार :-
Conflict Between ICC and PCB: एशिया कप मैच से पूर्व पाक बोर्ड द्वारा ICC बैठक को रिकॉर्ड करने पर विवाद खड़ा हो गया। आईसीसी ने इसे प्रोटोकॉल उल्लंघन माना और कड़ी आपत्ति जताई। PCB की टीम ने मैच का बहिष्कार करने की धमकी दी, लेकिन बाद में समझौते के तहत मामला शांत हुआ। विवाद ने क्रिकेट प्रशासन की पारदर्शिता पर सवाल उठाए।

Conflict Between ICC and PCB: बैठक की वीडियो रिकॉर्डिंग पर विवाद गहराया
खबर विस्तार : -

Conflict Between ICC and PCB:  एशिया कप के दौरान पाक और यूएई के बीच मुकाबले से पहले पाक क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के बीच नियमों को लेकर विवाद गहरा गया है। मामले में उस समय तूल पकड़ा जब पाक टीम मैनेजमेंट ने मैच रेफरी एंडी पायक्रॉफ्ट के साथ हुई बैठक को मोबाइल से रिकॉर्ड किया, जो कि आईसीसी के नियमों के खिलाफ है।

आईसीसी ने स्पष्ट किया है कि खिलाड़ियों और मैच अधिकारियों के लिए निर्धारित क्षेत्र (पीएमओए) में मोबाइल फोन का उपयोग करना मना है, और बैठक को रिकॉर्ड करना प्रोटोकॉल का उल्लंघन माना जाएगा। आईसीसी के सीईओ संजोग गुप्ता ने इस मामले में पाक बोर्ड को एक तीखा ईमेल भेजा है, जिसमें इसे अनुशासनहीनता और मल्टी लेवल नियम उल्लंघन करार दिया गया है।

Conflict Between ICC and PCB:  पीसीबी ने  बैठक को रिकॉर्ड करने पर जोर दिया था

सूत्रों के मुताबिक, पीसीबी ने पहले ही बैठक को रिकॉर्ड करने पर जोर दिया था, यह तक कह दिया गया कि अगर वीडियो की अनुमति नहीं दी गई, तो पाक यूएई के खिलाफ मैच खेलने नहीं उतरेगा। बाद में एक समझौते के तहत वीडियो रिकॉर्डिंग की अनुमति तो दी गई, लेकिन केवल वीडियो, ऑडियो नहीं।

इस बैठक का उद्देश्य लीग मैच में भारत-पाक मैच के दौरान हुए नो हैंडशेक विवाद को सुलझाना था, जिसमें भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव द्वारा पाक कप्तान सलमान आगा से हाथ नहीं मिलाने की घटना को लेकर पाक नाराज़ था। पीसीबी का दावा है कि एंडी पायक्रॉफ्ट ने इसके लिए माफ़ी मांगी थी, लेकिन आईसीसी ने इसे गलत बताया है। आईसीसी का कहना है कि पायक्रॉफ्ट ने केवल खेद जताया था, माफ़ी नहीं मांगी।

पीसीबी ने खिलाड़ियों को होटल में रूकने को कहा था

हालात इतने बिगड़े कि पीसीबी ने पाक खिलाड़ियों को होटल में ही रूकने का आदेश दे दिया था और मैच में शामिल होने से इनकार करने की धमकी तक दे डाली थी। बाद में आईसीसी की मध्यस्थता से एक बार फिर बातचीत हुई और मैच लगभग एक घंटे की देरी से शुरू हो पाया।

इस घटना ने न सिर्फ क्रिकेट प्रशासन की पारदर्शिता पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि यह भी दिखाया है कि टूर्नामेंट के दौरान भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर राजनीति और गलतफहमियों की कितनी बड़ी भूमिका हो सकती है।
 

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