नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा, उनके सहयोगी सत्यनंद याजी, केवल सिंह विरक और कुछ कंपनियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। ईडी की इस कार्रवाई से राजनीतिक गलियारों में खलबली मच गई है।
प्रवर्तन निदेशालय की तरफ से दाखिल की गई चार्जशीट में स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी प्रा. लि. (SLHPL), स्काई लाइट रियल्टी प्रा. लि. (SLRPL) और ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज प्रा. लि. (अब SGY Properties) जैसी कंपनियों को शामिल किया गया है। ईडी का दावा है कि इन कंपनियों का इस्तेमाल फर्जी दस्तावेजों और गैर-कानूनी लेन-देन के जरिए करोड़ों की मनी लॉन्ड्रिंग के लिए किया गया।
इस पूरे मामले की जड़ें 1 सितंबर 2018 को गुरुग्राम के खेड़की दौला थाने में दर्ज एफआईआर नंबर 0288 से जुड़ी हैं। इसमें रॉबर्ट वाड्रा, हरियाणा के तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, DLF और अन्य के खिलाफ IPC की धाराएं 120-B (षड्यंत्र), 420 (धोखाधड़ी), 467, 471 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13 के तहत केस दर्ज किया गया। ईडी की जांच में यह खुलासा हुआ कि कम पूंजी वाली कंपनी SLHPL ने गुरुग्राम के शिकोहपुर गांव में 3.5 एकड़ जमीन ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज से मात्र 7.5 करोड़ रुपए में खरीदी। जबकि असली सौदा 15 करोड़ में हुआ था। इस सौदे को वैध दिखाने के लिए चेक भुगतान का झूठा दावा किया गया, लेकिन वास्तव में भुगतान हुआ ही नहीं था।
ईडी का आरोप है कि यह एक "घूस डील" थी, जिसमें बिना भुगतान के जमीन ट्रांसफर कर दी गई ताकि वाड्रा और उनकी कंपनी को भूपेंद्र सिंह हुड्डा से लाइसेंस दिलवाया जा सके। नियमों की अनदेखी कर SLHPL को कमर्शियल लाइसेंस जारी किया गया और बाद में वही जमीन DLF को 58 करोड़ रुपए में बेची गई। जांच में पता चला कि लाइसेंस के लिए 2 एकड़ जमीन अनिवार्य थी, जबकि SLHPL के पास केवल 1.35 एकड़ भूमि थी। शेष जमीन सड़क निर्माण के लिए आरक्षित थी, जिसे गलत तरीके से जोड़कर नक्शों में हेराफेरी की गई। दस्तावेजों में तिथि के साथ छेड़छाड़ और बैकडेटिंग भी पाई गई।
ईडी ने 21 दिसंबर 2018 को पीएमएलए के तहत जांच शुरू की थी। बाद में 16 जनवरी 2025 को FIR में IPC की धारा 423 (गलत जानकारी वाले दस्तावेज बनाना) भी जोड़ी गई। ईडी के अनुसार, रॉबर्ट वाड्रा ने इस सौदे से कुल 58 करोड़ रुपए की अवैध कमाई की। इनमें से 5 करोड़ ब्लू ब्रीज ट्रेडिंग प्रा. लि. के जरिए और 53 करोड़ SLHPL के जरिए अर्जित किए गए। इन पैसों से रियल एस्टेट में निवेश, प्रॉपर्टी की खरीद और कर्ज चुकता किया गया।
पीएमएलए की धारा 70 के अनुसार, अगर कोई कंपनी अपराध करती है तो उस समय कंपनी के सभी जिम्मेदार अधिकारियों पर भी कार्रवाई हो सकती है। इसी प्रावधान के तहत SLHPL, SLRPL और SGY Properties के निदेशकों की भूमिका भी संदेह के घेरे में है।
अन्य प्रमुख खबरें
Guru Gobind Singh: प्रकाशोत्सव पर PM मोदी ने गुरु गोविंद सिंह जी को किया नमन
चोमू मस्जिद विवाद: आधी रात को पथराव, छह जवान घायल, इंटरनेट सेवाएं निलंबित
सोनांचल सेवा मंच का स्थापना दिवस संपन्न, अनूप सेठ बने अध्यक्ष
Veer Bal Diwas 2025: वीर बाल दिवस पर PM मोदी ने साहिबजादों की शहादत को किया नमन
Jaipur Chomu Violence: जयपुर के चौमू में मस्जिद के बाहर भारी बवाल, पुलिस पर पथराव, इंटरनेट बंद
Alhind Air: तीन नई एयरलाइंस को मिली मंजूरी, अल हिंद एयर, शंख एयर और फ्लाईएक्सप्रेस को मिला NOC
PM मोदी ने भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी को दी श्रद्धाजलि, बोले- उनका योगदान कभी नहीं भूलेगा देश
आधुनिकता के बीच अपनी जड़ों की ओर लौटता भारतः 25 दिसंबर को देश मना रहा तुलसी पूजन दिवस
रामपुर में खनन प्रकरण पर डीएम सख्त, देर रात सड़क पर उतरकर किया औचक चेकिंग अभियान