Parliament Monsoon Session: हंगामे के बीच विधेयक पारित, खड़गे बोले- ये लोकतंत्र से धोखा

खबर सार :-
राज्यसभा ने सोमवार को मणिपुर में राष्ट्रपति शासन को 6 महीने के लिए और बढ़ाने का प्रस्ताव पारित कर दिया। यह अवधि 13 अगस्त, 2025 से शुरू होगी। इससे पहले 30 जुलाई को लोकसभा इस प्रस्ताव को मंजूरी दे चुकी थी।  इस पर बोलते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने इसे लोकतंत्र के साथ विश्वासघत करार दिया। बता दें कि विपक्ष के जोरदार हंगामे की वजह से कई बार कार्यवाही को रोकना पड़ा।

Parliament Monsoon Session: हंगामे के बीच विधेयक पारित, खड़गे बोले- ये लोकतंत्र से धोखा
खबर विस्तार : -

Parliament Monsoon Session: बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर विपक्ष के हंगामे के कारण सोमवार को संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही कई बार बाधित हुई। सरकार हंगामे के बीच आवश्यक विधायी कार्य निपटाने में जुटी है। राज्यसभा ने आज हंगामे के बीच ही मणिपुर से संबंधित बजटीय विधेयकों को संक्षिप्त चर्चा के बाद वापस कर दिया। वहीं, सरकार ने कराधान संबंधी विधेयकों को लोकसभा में विचारार्थ प्रस्तुत किया। इसके अलावा, लोकसभा ने खेल से संबंधित विधेयकों को चर्चा के बाद पारित कर दिया।

लोकतंत्र के साथ विश्वासघातः खड़गे

राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने आज हंगामे के बीच विधेयक के पारित होने पर सवाल उठाए। उन्होंने इसे लोकतंत्र के साथ बड़ा विश्वासघात बताया। वहीं, सदन के नेता जेपी नड्डा ने कहा कि सदन को बंधक नहीं बनाया जा सकता। उन्हें आश्चर्य है कि कार्य मंत्रणा समिति में चर्चा के बाद भी विपक्ष विधेयकों के पारित होने के दौरान हंगामा कर रहा है। विपक्ष एक साल से मणिपुर पर चर्चा की मांग कर रहा है और अब चर्चा की बजाय हंगामा कर रहा है।

आज सुबह 11 बजे लोकसभा की कार्यवाही शुरू होने पर विपक्ष के हंगामे के कारण लगभग 15 मिनट बाद कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। दोपहर 2 बजे सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर भी विपक्ष का हंगामा जारी रहा और इसी बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कराधान अधिनियम (संशोधन) विधेयक, 2025 और आयकर विधेयक (संख्या 2) को लोकसभा में विचारार्थ रखा। इसके अलावा, केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी ने खान एवं खनिज (विकास एवं विनियमन) (संशोधन) विधेयक 2025 को विचारार्थ प्रस्तुत किया।

खेल मंत्री मनसुख मंडाविया ने खेलों से संबंधित दो विधेयकों को लोकसभा में चर्चा के लिए पेश किया। संक्षिप्त चर्चा के बाद दोनों विधेयक पारित कर दिए गए। दोनों विधेयकों - राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक, 2025 और राष्ट्रीय डोपिंग रोधी संशोधन विधेयक, 2025 - को सरकार द्वारा ओलंपिक खेलों के आयोजन और खेल क्षेत्र के विकास के उद्देश्य से लाया गया है। इसके बाद लोकसभा की कार्यवाही शाम 4 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

लोकसभा की कार्यवाही शाम चार बजे फिर शुरू हुई और वित्त मंत्री ने कर संबंधी दोनों विधेयक चर्चा और पारित कराने के लिए पेश किए। हंगामे के बीच दोनों विधेयक बिना चर्चा के पारित हो गए। महासचिव ने सदन को सूचित किया कि मणिपुर के बजट के संबंध में राज्यसभा से कोई अनुशंसा प्राप्त नहीं हुई है। इसके बाद पीठासीन अधिकारी साधना राय ने कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी।

मणिपुर पर संक्षिप्त चर्चा

उधर, सुबह कार्यवाही शुरू होने के कुछ ही देर बाद राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। राज्यसभा में मणिपुर के बजट से संबंधित विधेयकों को संक्षिप्त चर्चा के बाद लोकसभा को लौटा दिया गया। इसके बाद केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने मर्चेंट शिपिंग विधेयक 2025 पेश किया। खड़गे और नड्डा ने विधेयक पेश करते हुए अपने विचार रखे। हालाँकि, हंगामा जारी रहा और कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई। सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर विधेयक पारित कर दिया गया। इसके बाद केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने गोवा राज्य विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों में अनुसूचित जनजातियों के प्रतिनिधित्व का पुनर्समायोजन विधेयक, 2025 पेश किया। हंगामे के बीच विपक्ष की अनुपस्थिति में चर्चा के बाद इसे पारित कर दिया गया।

इस दौरान महाराष्ट्र भाजपा सदस्य डॉ. माधवराव गोपछड़े ने विशेष उल्लेख के तहत मोबाइल के अत्यधिक उपयोग का मुद्दा उठाया और इसके प्रभाव पर अपने विचार रखे। उन्होंने अभिभावकों से बच्चों का डिजिटल समय कम करने का अनुरोध किया। मणिपुर से भाजपा सदस्य महाराजा सनाजाओबा लीशेम्बा ने अवैध प्रवासियों का मुद्दा उठाया और स्थानीय मणिपुरी लोगों के अधिकारों की रक्षा की माँग की। उन्होंने जनगणना का हवाला देते हुए मणिपुर के विभिन्न क्षेत्रों में बढ़ती जनसंख्या का उल्लेख किया। उन्होंने केंद्र सरकार से जनसंख्या और परिसीमन की प्रक्रिया शुरू करने से पहले अवैध विदेशियों की पहचान कर उन्हें निर्वासित करने का अनुरोध किया। इसके अलावा अन्य सदस्यों ने भी विशेष उल्लेख किए। इसके बाद पीठासीन अधिकारी घनश्याम तिवारी ने सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी।

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