SEBI Approoval For IPO: आईपीओ को आगे बढ़ाने में जुटा सेबी, 1.4 लाख करोड़ के पब्लिक इश्यू को दी मंजूरी

खबर सार :-
सेबी ने 1.4 लाख करोड़ रुपए की वैल्यू के 72 कंपनियों के इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग यानी आईपीओ को मंजूरी दे दी है। जिन कंपनियों के आईपीओ की मंजूरी मिल चुकी है, उसमें एचडीबी फाइनेंशियल के 12,500 करोड़ रुपए, डॉर्फ केटल केम्स के 5,000 करोड़ रुपए और विक्रम सोलर के 1,500 करोड़ रुपए शामिल हैं।

SEBI Approoval For IPO: आईपीओ को आगे बढ़ाने में जुटा सेबी, 1.4 लाख करोड़ के पब्लिक इश्यू को दी मंजूरी
खबर विस्तार : -

मुंबईः आईपीओ बाजार में कई महीनों तक सुस्त प्रदर्शन के बाद फिर से हलचल देखने को मिल सकती है। करीब 1.4 लाख करोड़ रुपए के पब्लिक इश्यू आने वाले समय में आ सकते हैं। प्राइम डेटाबेस के आंकड़ों के अनुसार भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड यानी सेबी ने 1.4 लाख करोड़ रुपए की वैल्यू के 72 कंपनियों के इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग यानी आईपीओ को मंजूरी दे दी है। जिन कंपनियों के आईपीओ की मंजूरी मिल चुकी है। इसमें एचडीबी फाइनेंशियल के 12,500 करोड़ रुपए, डॉर्फ केटल केम्स के 5,000 करोड़ रुपए और विक्रम सोलर के 1,500 करोड़ रुपए शामिल हैं। इसके अलावा 68 अन्य कंपनियां आईपीओ के जरिए लगभग 95,000 करोड़ रुपए जुटाने के लिए सेबी की मंजूरी का इंतजार कर रही हैं। अब दोनों आंकड़ों को मिला दें, तो आने वाले महीनों में 140 कंपनियां 2.35 लाख करोड़ रुपए आईपीओ के जरिए जुटा सकती हैं।

पब्लिक इश्यू की निराशजनक लिस्टिंग के कारण बना मंदी का माहौल

आईपीओ बाजार में कुछ महीनों से उतार-चढ़ाव और कुछ बड़े पब्लिक इश्यू की निराशाजनक लिस्टिंग के कारण मंदी का माहौल बना हुआ है। आंकड़ों को देखें, तो एथर एनर्जी की लिस्टिंग सिर्फ 2.18 प्रतिशत ऊपर हुई है, जबकि एजिस वोपैक और श्लॉस बैंगलोर दोनों की लिस्टिंग 6 प्रतिशत से भी नीचे हुई है। वहीं दूसरी तरफ, स्कोडा ट्यूब्स की लिस्टिंग सपाट हुई थी। सेबी की वेबसाइट पर मौजूद आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2025 में शुरुआती पांच महीनों यानी जनवरी से मई के बीच में पब्लिक इश्यू लाने के लिए करीब 90 कंपनियों ने नियामक के पास ड्राफ्ट पेपर जमा कराए हैं।

अब तक जिन कंपनियों ने ड्राफ्ट पेपर जमा कराए हैं, उनमें केनरा एचएसबीसी लाइफ इंश्योरेंस, आनंद राठी शेयर एंड स्टॉक ब्रोकर्स, केनरा रोबेको एसेट मैनेजमेंट कंपनी, वीवर्क इंडिया जैसी कंपनियों का नाम भी शामिल है। आईपीओ बाजार के खराब प्रदर्शन की वजह शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव जारी रहना है। पिछले छह महीनों में निफ्टी भी करीब-करीब सपाट रहा है। वहीं, पिछले एक महीने में करीब एक प्रतिशत का रिटर्न दिया है।

 

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