Pahalgam Attack: पहलगाम में आतंकी हमले के बाद बदल गई कुणाल बहल की राय

खबर सार :-
पहलगाम में 22 अप्रैल को पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले के बाद स्नैपडील के सह संस्थापक कुणाल बहल की राय भी बदल गई है। उन्होंने कहा कि अब कभी भी किसी को जम्मू कश्मीर जाने को नहीं कहेंगे। अब यह जोखिम उठाने लायक नहीं है। इस हादसे के बाद जम्मू-कश्मीर का पर्यटन उद्योग बुरी तरह प्रभावित हुआ है। बड़ी संख्या में पर्यटकों ने अपनी बुकिंग कैंसिल करा दी है।

Pahalgam Attack: पहलगाम में आतंकी हमले के बाद बदल गई कुणाल बहल की राय
खबर विस्तार : -

नई दिल्लीः पहलगाम में 22 अप्रैल को पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले के बाद देश और दुनिया के लोगों का नजरिया जम्मू कश्मीर को लेकर पूरी तरह से बदल चुका है। यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या में तेजी से गिरावट आई है। हजारों की संख्या में जम्मू-कश्मीर जाने वाले पर्यटकों ने अपना प्रोग्राम कैंसिल कर दिया है, वे देश के अन्य हिस्सों में घूमने की प्लानिंग कर रहे हैं। जम्मू-कश्मीर की उमर अब्दुल्ला सरकार और कश्मीरियों की पर्यटकों को लुभाने की आकर्षक कोशिशें भी नाकाफी साबित हो रही हैं। इस बीच कश्मीर को दुनिया का स्वर्ग मानकर वहां घूमने की वकालत करने वालों की राय भी पहलगाम हमले के बाद पूरी तरह से बदल चुकी है, इनमें एक नाम स्नैपडील के सह-संस्थापक कुणाल बहल की भी शामिल हैं। उन्‍होंने कहा कि अब वह लोगों को कश्मीर जाने के लिए नहीं कहेंगे। अब यह जोखिम उठाने लायक नहीं है। इस हमले में 26 लोगों की जान चली गई। इनमें ज्यादातर पर्यटन के सिलसिले में पहलगाम जाने वाले मासूम लोग शामिल थे।

जम्मू-कश्मीर जाने का जोखिम उठाने लायक नहीं: कुणाल

पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद स्नैपडील के सह-संस्थापक कुणाल बहल ने जम्मू-कश्मीर जाने को लेकर एक बड़ा फैसला किया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्‍स' पर लिखा कि मेरी पिछली यात्रा से पहलगाम की सुंदरता। कश्मीर जाने से लोगों के डर के बावजूद मैं हमेशा अपने आसपास के लोगों को इसकी सुंदरता, संस्कृति का अनुभव करने के लिए कहने वाला रहा हूं। शायद भारत का सबसे अच्छा पर्यटन स्थल है। मैं अब ऐसा करना बंद कर दूंगा। जोखिम उठाने लायक नहीं है।' दरअसल, पहलगाम में हुए आतंकी हमले में मारे गये 26 लोगों में गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, उड़ीसा, बिहार, चंडीगढ़, मध्यप्रदेश, हरियाणा, कोलकाता, केरल, कर्नाटक, बेंगलुरु, अरुणाचल प्रदेश, विशाखापत्तनम के पर्यक शामिल थे। आतंकी हमले में एक स्थानीय नागरिक भी मारा गया था। आतंकियों ने पर्यटकों से उनका धर्म पूछकर गोली मारी थी। इस आतंकी हमले में भारतीय नागरिकों के साथ ही यूएई और नेपाल के दो विदेशी नागरिक को भी मौत के घाट उतार दिया गया था। यह पहली बार है जब पर्यटकों को सीधे तौर पर निशाना बनाया गया है। इस घटना से लोगों में डर का माहौल है। कई लोगों ने अपनी यात्रा रद्द कर दी है। इससे जम्मू और कश्मीर के पर्यटन उद्योग को भारी नुकसान हो रहा है। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पर्यटकों के पलायन की बात को स्वीकार किया है। उन्होंने एक्स पर लिखा कि 'पहलगाम में दुखद आतंकी हमले के बाद घाटी से हमारे मेहमानों का पलायन देखकर दुख होता है। साथ ही हम पूरी तरह से समझते हैं कि लोग क्यों जाना चाहेंगे। मुख्यमंत्री ने विधानसभा में विशेष सत्र के दौरान पर्यटकों को सुरक्षा देने में नाकाम रहने को अपनी गलती भी माना है। इसके साथ ही भावुक होकर कहा कि हम आतंकी हमले में मरने वालों से परिवारों से किस तरह माफी मांगे, समझ नहीं आ रहा है। 

जम्मू-कश्मीर के पर्यटन पर होगा बुरा प्रभाव

पहलगाम में हुए आतंकी हमले का असर जम्मू-कश्मीर के पर्यटन पर भी दिख रहा है। यह हमला ऐसे समय में हुआ है, जब सरकार पर्यटन को बढ़ावा देने की भरपूर कोशिशें कर रही थी। जब जम्मू-कश्मीर की अर्थव्यवस्था में ऐतिहासिक रूप से बढ़ोत्तरी दिखने लगी थी। सरकार बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने और प्रचार-प्रसार करने में जुटी थी, जिसकी वजह से पर्यटकों की संख्या बढ़ने लगी थी। इस अटैक को जम्मू-कश्मीर की अर्थव्यवस्था की रीढ़ और इंसानियत पर किया गया हमला माना जा रहा है।  आंकड़ों पर गौर करें, तो इस क्षेत्र में वर्ष 2024 में 2.35 करोड़ पर्यटक आए थे। इससे पूर्व वर्ष 2023 में 2.11 करोड़ और 2022 में 1.88 करोड़ पर्यटकों ने जम्मू-कश्मीर की यात्रा की थी। सबसे खास बात यह है कि मई 2024 में श्रीनगर में जी20 टूरिज्म वर्किंग ग्रुप की मेजबानी भी जम्मू-कश्मीर में ही की गई थी, लेकिन अब पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद जम्मू-कश्मीर का पर्यटन उद्योग फिर से बदहाल हो जाएगा। ट्रैवल एजेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के सदस्य अनिल पंजाबी का कहना है कि पहलगाम में हुए आतंकी हमले के दंभीर परिणाम होंगे। कश्मीर में आने वाले पर्यटकों में से 30 प्रतिशत से अधिक पूर्वी भारत, खासकर पश्चिम बंगाल से आते हैं। इनमें से ज्यादातर पर्यटकों ने या तो अपनी बुकिंग रद्द कर दी है या अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी है। इससे निश्चित तौर पर टूर ऑपरेटरों को भारी नुकसान होगा।

जानिए कौन हैं कुणाल बहल

कुणाल बहल ई-कॉमर्स इंडस्ट्री का जाना-माना नाम है। कुणाल स्नैपडील कंपनी के सह संस्थापक हैं। स्नैपडील एक भारतीय ई-कॉमर्स कंपनी है, जो एक ऑनलाइन मार्केटप्लेस के रूप में काम करती है। इसकी स्थापना फरवरी 2010 में कुणाल बहल और रोहित बंसल ने मिलकर की थी। स्नैपडील कंपनी मूल्य-आधारित ई-कॉमर्स सेगमेंट को टार्गेट करती है। स्नैपडील भारत के शीर्ष 5 ऑनलाइन मार्केटप्लेस में से एक है। कुणाल ने कई कंपनियों में पैसा निवेश किया हुआ है। दिल्ली में पैदा हुआ कुणाल ने अपनी स्कूली शिक्षा दिल्ली से पूरी की है। इसके बाद उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ पेंसिलवेनिया अपनी हायर एजुकेशन की पढ़ाई कंप्लीट की है। कुणाल ने दो अलग-अलग सब्जेक्ट से ग्रेजुएशन किया है। उनके पास दो अलग-अलग सब्जेक्ट में बैचलर डिग्री है। कुणाल ने अमेरिका के केलॉग स्कूल ऑफ मैनेजमेंट से एग्जीक्यूटिव मार्केटिंग की पढ़ाई भी की है।

अन्य प्रमुख खबरें