पान मसाला के हर पैक पर अब जरूरी होगा एमआरपी लिखना, सरकार ने जारी किए नए नियम

खबर सार :-
अब हर आकार और वजन के पान मसाला पैक पर खुदरा बिक्री मूल्य यानि एमआरपी-आरएसपी समेत अन्य जरूरी जानकारियां लिखना अनिवार्य होगा। सरकार ने यह नया नियम जारी किया है। नए नियम एक फरवरी 2026 से लागू होंगे। जिसके बाद सभी पान मसाला निर्माता, पैकर और आयातकों को इन नियमों का पालन करना होगा। अभी तक 10 ग्राम या उससे कम वजन वाले छोटे पान मसाला पैक पर एमआरपी लिखने की छूट थी।

पान मसाला के हर पैक पर अब जरूरी होगा एमआरपी लिखना, सरकार ने जारी किए नए नियम
खबर विस्तार : -

नई दिल्ली : उपभोक्ता मामलों के विभाग ने जीएसआर 881 (ई) के तहत विधिक माप विज्ञान (पैकेज्ड कमोडिटीज) द्वितीय (संशोधन) नियम, 2025 अधिसूचित किए हैं। अब हर आकार और वजन के पान मसाला पैक पर खुदरा बिक्री मूल्य (एमआरपी /आरएसपी) और अन्य सभी जरूरी जानकारी लिखना अनिवार्य हो गया है।

आदेश के मुताबिक, ये नियम 1 फरवरी 2026 से लागू होंगे। इसके बाद सभी पान मसाला निर्माता, पैकर और आयातकों को इनका पालन करना होगा। अधिसूचना उपभोक्ता मामले विभाग के संयुक्त सचिव अनुपम मिश्रा ने जारी की है।

छोटे पान मसाला पैक पर लागू किए गए नए नियम 

अब तक 10 ग्राम या उससे कम वजन वाले छोटे पान मसाला पैक, जिन्हें पहले एमआरपी लिखने से छूट थी, उन पर भी अब आरएसपी लिखना अनिवार्य होगा। अब हर पान मसाला पैकेट पर विधिक माप विज्ञान नियम, 2011 में तय सभी घोषणाएं जैसे वजन, निर्माण तिथि, निर्माता का नाम आदि साफ-साफ लिखना अनिवार्य कर दिया गया है। पहले नियम 26(ए) के तहत छोटे पैक को कुछ जानकारी देने से छूट थी, लेकिन अब यह छूट हटाकर नए नियम लागू कर दिए गए हैं।

छोटे पैक पर भी लिखी होगी एमआरपी)

सरकार के नए नियम से अब छोटे पैक पर भी स्पष्ट अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) लिखी होगी। इससे किसी भी तरह के गलत या भ्रामक मूल्य निर्धारण को रोका जा सकेगा। उपभोक्ता सही जानकारी के आधार पर खरीदारी कर सकेंगे। इससे बाजार में पारदर्शिता बढ़ेगी।

रिटेल सेलिंग प्राइस आधारित जीएसटी का हो सकेगा सही आकलन 

नया नियम लागू होने से सरकार को उम्मीद है कि पान मसाला पर रिटेल सेलिंग प्राइस (आरएसपी) आधारित जीएसटी का सही-सही आकलन किया जा सकेगा। इससे जीएसटी परिषद के निर्णयों का बेहतर पालन हो सकेगा। हर पैक चाहे वह छोटा हो या बड़ा, उस पर सही टैक्स वसूली की जा सकेगी।

इसके साथ ही टैक्स चोरी पर भी नकेल कसी जा सकेगी। सरकार का मानना है कि ये नए नियम उपभोक्ताओं की सुरक्षा और पारदर्शिता को मजबूत करेंगे। उपभोक्ता पारदर्शिता बढ़ाने और जीएसटी अनुपालन को समर्थन देने के लिए इसमें संशोधन किया गया है।
 

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