नई दिल्लीः देश की अर्थव्यवस्था को ऊंचाइयों पर ले जाने में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की भूमिका महत्वपूर्ण होने वाली है। अब अनेकों कंपनियों ने एआई बेस्ड तकनीक के सहारे अपनी कार्यक्षमता और एक्युरेसी को बेहतर बनाने की दिशा में काम करना शुरू कर दिया है। नैसकॉम-लेड की ओर से गुरुवार को एक रिपोर्ट जारी की गई है, जिसमें कहा गया है कि इस साल एंटरप्राइजेज 'एआई एजेंट' पर 3-4 गुना अधिक धनराशि खर्च कर सकते हैं, जो क्लासिकल एआई और यहां तक कि जेनएआई से हटकर ज्यादा इंटरैक्टिव, स्वायत्त एजेंट-बेस्ड सिस्टम की ओर बजट के रणनीतिक पुनर्वितरण का संकेत है। यह दर्शाता है कि उद्यम परिवर्तन को अब एआई एजेंट एक नया आकार दे रहे हैं, जो एक्सपेरिमेंटेशन से लेकर डिप्लॉयमेंट तक की भूमिका में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।
नैसकॉम की रिपोर्ट के अनुसार जैसे-जैसे संगठन सिंक्रोनस एआई आर्किटेक्चर की ओर बढ़ रहे हैं, वैसे-वैसे एआई एजेंट एक मुख्य क्षमता के रूप में उभर रहे हैं। आज 27 प्रतिशत उद्यम अपने उत्पादन में एआई एजेंट का इस्तेमाल कर रहे हैं। 31 प्रतिशत उद्यम प्रूफ-ऑफ-कॉन्सेप्ट स्टेज में हैं, जबकि 30 प्रतिशत 2025 में डिप्लॉयमेंट की योजना बना रहे हैं। इस संबंध में नैसकॉम की वरिष्ठ उपाध्यक्ष और मुख्य रणनीति अधिकारी संगीता गुप्ता ने बहुत ही विस्तार से जानकारी दी है। उनका कहना है कि वित्त वर्ष 2025 के लिए आउटलुक, डिजिटल रणनीतियों में परिवर्तन के संकेत मिल रहे हैं, जहां डिजिटल-फर्स्ट से एआई-फर्स्ट की नीति हमारे उद्यम को अच्छी प्रकार से संचालित करने की आवश्यकता बन गई है। सिंक्रोनस एआई एजेंट में ट्रांजिशन ह्युमन-मशीन कोलैबरेशन की ओर एक बड़े परिवर्तन को दिखाता है, जो उत्पादकता और इनोवेशन के नए लेवल के लिए बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि मॉड्यूलर, बेहतर आर्किटेक्चर में निवेश करने और एआई-रेडी वर्कफोर्स बनाने वाले उद्यम आने वाले दशक में अनिश्चितता को दूर करने और विकास के अवसरों को हासिल करने के लिए सबसे अच्छी स्थिति में होंगे।
देश और दुनिया में उद्यम केवल डिजिटल होने से लेकर वास्तव में एआई-फर्स्ट बनने की ओर बढ़ रहे हैं। अब जितने भी उद्यमी हैं, वो अपने वर्कफ्लो, निर्णयों और अनुभवों में इंटेलिजेंस को जोड़ रहे हैं। आंकड़ों पर गौर करें, तो वर्ष 2024 में, 40 प्रतिशत कंपनियों ने अपने तकनीकी बजट का 40 प्रतिशत से अधिक हिस्सा डिजिटल इक्यूपमेंट और इम्प्रूवमेंट पर खर्च किया, जबकि 2023 में यह आंकड़ा केवल 15 प्रतिशत था। सर्वे के निष्कर्षों के अनुसार, वर्ष 2024 में 67 प्रतिशत वैश्विक उद्यमों ने एआई पर डिजिटल बजट का 10 प्रतिशत या उससे अधिक खर्च किया। वैश्विक बाजार में अस्थिरता के बावजूद, डिजिटल खर्च 2025 में भी जारी रहने की संभावना है।
नैसकॉम की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि उद्यम वर्ष 2025 में अपने डिजिटल तकनीक पोर्टफोलियो खर्च का 18 प्रतिशत से अधिक एआई पर खर्च करने की योजना बना रहे हैं, जो कि वर्ष 2024 में खर्च होने वाले 14 प्रतिशत से कहीं अधिक है। इस संबंध में अवसंत के मैनेजिंग पार्टनर अक्षय खन्ना का कहना है कि इस वर्ष हम डिजिटल निवेश में एक बड़ा उछाल देख रहे हैं। 81 प्रतिशत उद्यमों से पिछले वर्ष की तुलना में अधिक डिजिटल खर्च की उम्मीद है, जिसमें प्रिडिक्टिव, जनरेटिव और सिंक्रोनस एआई सहित एआई टेक्नोलॉजी पर मजबूती से ध्यान दिया जाएगा।
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