Mobile Export on Top: 2025 में सबसे अधिक निर्यात होने वाला प्रोडक्ट बना मोबाइल

खबर सार :-
भारत सरकार की मेक इन इंडिया और डिजिटल इंडिया जैसी योजनाओं का असर दिखने लगा है। वर्ष 2025 में भारत से निर्यात होने वाले प्रोडक्ट्स की लिस्ट में सबसे टॉप पर मोबाइल फोन को रखा गया है। ये मोबाइल फोन एप्पल और सैमसंग जैसी कंपनियों ने भारत में स्थापित अपनी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट में बनाए हैं, जिन्हें विदेशों में कारोबार के दौरान निर्यात किया गया है।

खबर विस्तार : -

नई दिल्लीः केंद्र सरकार की आत्मनिर्भर भारत योजना और डिजिटल इंडिया को बढ़ावा देने की योजनाओं का असर अर्थव्यवस्था पर भी दिखने लगा है। अब देश में बने सामानों का विदेशों में निर्यात का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। सरकार की ओर से जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2025 में भारत से निर्यात होने वाले प्रोडक्ट की लिस्ट में सबसे टॉप पर मोबाइल पहुंच गया है। यह निश्चित तौर पर एक बड़ा बदलाव है, जिससे भारत में मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग का कारोबार करने वाली कंपनियों का जोश बढ़ाने में मदद मिलेगी।

पेट्रोलियम उत्पाद और ट्रेडिशनल हेवीवेट को छोड़ा पीछे

सरकार की ओर से जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2025 में मोबाइल फोन भारत का शीर्ष निर्यातित सामान बन गया है, जिसने पेट्रोलियम उत्पादों और कटे हुए हीरे जैसे ट्रेडिशनल हेवीवेट को भी पीछे छोड़ दिया है। सरकार की डिजिटल इंडिया और आत्मनिर्भर भारत जैसी योजनाओं के माध्यम से मिल रहे समर्थन के कारण एप्पल और सैमसंग जैसे टेक दिग्गजों ने मजबूती से मार्केट में अपनी पैठ बना ली है। इन कंपनियों  द्वारा भारत में मोबाइल प्रोडक्ट्स की बड़े पैमाने पर मैन्युफैक्चरिंग होने के कारण लोगों को बड़े पैमाने पर रोजगार मिले हैं। वहीं, दूसरी तरफ स्मार्टफोन का निर्यात वित्त वर्ष 2025 में 55 प्रतिशत बढ़कर 24.14 बिलियन डॉलर हो गया है, जबकि पिछले वित्त वर्ष में यह 15.57 बिलियन डॉलर और वित्त वर्ष 2023 में 10.96 बिलियन डॉलर था। जबकि पिछले तीन वर्षों में संयुक्त राज्य अमेरिका और जापान में शिपमेंट में सबसे बड़ा उछाल देखने को मिला है। इसमें अमेरिका का निर्यात लगभग पांच गुना बढ़ा है, जो कि वित्त वर्ष 2023 में 2.16 बिलियन डॉलर से वित्त वर्ष 2025 में 10.6 बिलियन डॉलर हो गया। जापान का शिपमेंट भी तीन साल में चार गुना बढ़कर 120 मिलियन डॉलर से अब 520 मिलियन डॉलर हो गया है।

पीएलआई योजना का दिख रहा असर

भारत से होने वाले निर्यात में लगातार वृद्धि का श्रेय मुख्य रूप से सरकार की उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना को जाता है। इस योजना ने वैश्विक निवेश को आकर्षित करने, घरेलू विनिर्माण को बढ़ाने और भारतीय उत्पादन को ग्लोबल वैल्यू चेन में इंटीग्रेट करने में मदद की है। काउंटरपॉइंट रिसर्च की रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2024 में भारत के स्मार्टफोन निर्यात में एप्पल और सैमसंग का संयुक्त रूप से 94 प्रतिशत योगदान रहा है। स्थानीय विनिर्माण में उनके निरंतर निवेश के कारण स्मार्टफोन को देश की शीर्ष निर्यात वस्तु बनाने में सफलता मिली है। वर्ष 2024 में मेड-इन-इंडिया स्मार्टफोन शिपमेंट में सालाना आधार पर 6 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।

तेजी से बढ़ रही एप्पल के फोन की डिमांड

वित्त वर्ष 2025 में, भारत में प्रीमियम स्मार्टफोन की मांग में उछाल देखा गया, जिसमें विशेष रूप से एप्पल की डिमांड सर्वाधिक रही है। आईडीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी-मार्च 2025 की तिमाही में एप्पल ने सभी ब्रांडों में सबसे अधिक वृद्धि दर्ज की, जिसने रिकॉर्ड 3 मिलियन आईफोन की शिपिंग की है। अकेले आईफोन 16 सबसे अधिक शिप किया गया मॉडल था, जिसने तिमाही में सभी स्मार्टफोन की बिक्री में 4 प्रतिशत की हिस्सेदारी हासिल की। भारत का स्मार्टफोन बाजार भी अधिक महंगे मॉडल की ओर तेजी से बढ़ रहा है। वर्ष 2025 की पहली तिमाही में औसत बिक्री मूल्य (एएसपी) रिकॉर्ड 274 डॉलर पर पहुंच गया है, जबकि प्रीमियम सेगमेंट (600-800 डॉलर) में लगभग 79 प्रतिशत की वृद्धि हुई। इस क्षेत्र में एप्पल के आईफोन 13 और 16 का दबदबा कायम रहा, जिसकी वजह से एप्पल की बाजार में हिस्सेदारी और भी बढ़ गई है।

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