Global Market Crashed: वैश्विक बाजार में टैरिफ को लेकर अनिश्चितता बरकरार, लाल निशान में हो रहा कारोबार

खबर सार :-
वैश्विक बाजार में पिछले कुछ दिनों से अनिश्चचितता का माहौल बना हुआ है। इसकी सबसे बड़ी वजह अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से दुनिया के कई देशों पर लगाया जा रहा टैरिफ है। टैरिफ के कारण दुनिया भर के निवेशक भ्रमित हैं, वे समझ नहीं पा रहे हैं कि हमारे लिए किस देश और कंपनी में निवेश करना लाभकारी रहेगा और कहां निवेश करने पर नुकसान होगा।

Global Market Crashed: वैश्विक बाजार में टैरिफ को लेकर अनिश्चितता बरकरार, लाल निशान में हो रहा कारोबार
खबर विस्तार : -

मुंबईः अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से लगाए गए टैरिफ को लेकर वैश्विक बाजार में अनिश्चितता का माहौल बना हुआ है। भारतीय शेयर बाजार में भी उसका असर देखने को मिला है, जिसकी वजह से शुक्रवार को कारोबारी सत्र की शुरुआत लाल निशान से हुई है। आज सुबह सेंसेक्स में 216 अंकों की गिरावट आने के कारण एनएसई 82,973 और निफ्टी 51 अंक की गिरावट के साथ 25,310 पर कारोबार करता नजर आया।

 टाप गेनर्स और टॉप लूजर्स में शामिल रहीं ये कंपनियां

भारतीय शेयर बाजार में शुक्रवार को शुरुआती कारोबार में लार्जकैप, मिडकैप और स्मॉलकैप में भी बिकवाली का जोर देखा गया। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 0.13 प्रतिशत और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 0.15 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 18,928 अंकों पर कारोबार कर रहा था। सेंसेक्स पैक में टाटा स्टील, एशियन पेंट्स,, एसबीआई, अदाणी पोर्ट्स, एचयूएल, एक्सिस बैंक, एनटीपीसी, पावर ग्रिड, सन फार्मा और आईटीसी टॉप गेनर्स में शामिल थे। जबकि,  टीसीएस, इन्फोसिस, एमएंडएम, टेक महिंद्रा, एचसीएल टेक, भारती एयरटेल, बजाज फिनसर्व और ट्रेंट टॉप लूजर्स की सूची में थे। यही नहीं, सेक्टोरल आधार पर, पीएसयू बैंक, एफएमसीजी, फाइनेंशियल सर्विसेज, फार्मा और मेटल हरे निशान में कारोबार करते नजर आये। ऑटो, आईटी, रियल्टी और मीडिया से जुड़ी कंपनियों के शेयर लाल निशान में थे।

विदेशी बाजारों में मिला-जुला कारोबार

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ की वजह से अमेरिका, यूरोप और एशिया के शेयर बाजारों में भी मिला-जुला असर देखने को मिल रहा है। ट्रंप ने कनाडा पर 35 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा की है। इसके साथ ही ओटावा को जवाबी कार्रवाई करने पर और भी ज्यादा टैरिफ लगाने की चेतावनी दी है। ये टैरिफ 1 अगस्त से प्रभावी होंगे। इस वजह से अमेरिकी शेयर बाजारों की स्थिति भी खराब है। आखिरी कारोबारी सत्र में अमेरिका में वॉल स्ट्रीट के प्रमुख सूचकांक, एसएंडपी 500 और टेक्नोलॉजी इंडेक्स नैस्डैक कंपोजिट ने रिकॉर्ड बढ़त दर्ज की थी। इसके अलावा डॉउ जोन्स में 0.43 प्रतिशत और एसएंडपी 500 में 0.27 प्रतिशत की बढ़त देखी गई है। एशिया के शेयर बाजारों में मिला-जुला कारोबार होता नजर आ रहा है। जापान के निक्केई 225 और दक्षिण कोरिया के कोस्पी में सपाट कारोबार हो रहा था। हालाँकि, चीन के शंघाई कंपोजिट और हांगकांग के हैंग सेंग में एक प्रतिशत से ज्यादा की तेजी थी। वहीं दूसरी तरफ, भारतीय शेयर बाजारों में विदेशी संस्थागत निवेशकों यानी एफआईआई ने 10 जुलाई को 221 करोड़ रुपए के शेयर खरीदे, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों यानी डीआईआई ने भी उसी दिन 591 करोड़ रुपए के शेयर खरीदे थे।

वेट एंड वाच का दृष्टिकोण अपनाएं निवेशकः विश्लेषक

बाजार विश्लेषक मंदार भोजने के अनुसार बाजार में अत्यधिक अस्थिरता और अनिश्चितता का माहौल बना हुआ है। इस कारण ट्रेडर्स को ‘वेट एंड वॉच’ का दृष्टिकोण अपनाना चाहिए। ऐसी स्थिति में तेजी के समय आंशिक मुनाफा कमाना और सख्त ट्रेलिंग स्टॉप-लॉस लगाना एक बेहतर रणनीति साबित हो सकती है। इसलिए सबसे बेहतर यही है कि जब तक बाजार में स्थिति न सुधरे, तब तक कोई भी बड़ा निवेश करने से बचें। 

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