Indian Stock Market Crashed: मध्य एशिया में युद्ध के हालातों के बीच लाल निशान में खुला भारतीय शेयर बाजार

खबर सार :-
ईरान और इजराइल के बीच चल रहे युद्ध का असर वैश्विक बाजार पर दिख रहा है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नाराजगी भी बाजार को प्रभावित कर रही है। भारतीय शेयर बाजार मंगलवार की सुबह लाल निशान में खुले हैं। यही स्थिति एशिया के प्रमुख बाजारों में भी देखने को मिली है।

Indian Stock Market Crashed: मध्य एशिया में युद्ध के हालातों के बीच लाल निशान में खुला भारतीय शेयर बाजार
खबर विस्तार : -

मुंबईः मध्य एशिया में ईरान और इजराइल के बीच चल रहे युद्ध के हालातों का असर एशियाई देशों के शेयर बाजार पर मंगलवार को दिखा। भारतीय शेयर बाजार आज सुबह लाल निशान में ओपेन हुआ है। यहां के शुरुआती कारोबार में आईटी, ऑटो और फार्मा सेक्टर में जोरदार बिकवाली देखी गई, लेकिन सेंसेक्स में 186.35 अंक और निफ्टी में 68.20 अंकों की गिरावट दर्ज की गई है। आज का सेंसेक्स 81609.80 अंकों पर और निफ्टी 24,878.30 पर कारोबार करता हुआ नजर आ रहा है।

 शेयर बाजार के आज के कारोबार पर गौर करें, तो सुबह 10 बजे के करीब निफ्टी बैंक 30.10 अंकों की गिरावट के साथ 55,914.80 पर, निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 36.40 अंकों की गिरावट के साथ 58,732.10 पर और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 66.30 अंकों की गिरावट के साथ 18,482.90 अंकों के आंकड़े पर कारोबार करता हुआ नजर आया है। इस संंबंध में बाजार विश्लेषकों का कहना है कि ईरान पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लेटेस्ट कमेंट ने भू-राजनीतिक आउटलुक के बारे में निवेशकों को चिंतित कर दिया है। वहीं दूसरी तरफ ईरान-इजराइल के बीच युद्द के हालातों के बावजूद, शेयर बाजार स्थिर बने हुए हैं, यह किसी चमत्कार से कम नहीं है। अमेरिकी अस्थिरता सूचकांक सीबीओई में आई गिरावट से पता चलता है कि बाजार में तब तक कोई बड़ी गिरावट नहीं आएगी, जब तक कि ईरान-इजराइल युद्ध में कोई नाटकीय मोड़ नहीं आ जाता है।

बाजार की मजबूती में खुदरा निवेशकों का मुख्य योगदानः वीके विजय कुमार

जियोजित इन्वेस्टमेंट लिमिटेड के मुख्य निवेश रणनीतिकार डॉ. वीके विजयकुमार ने वर्तमान में बाजार की स्थिति पर सटीक विश्लेषण किया है। उन्होंने कहा कि बाजार की मजबूती में मुख्य योगदान खुदरा निवेशकों का है, जो बाजार में हर गिरावट को खरीदारी के अवसर के रूप में उपयोग करते हैं। वैल्यूएशन खुदरा निवेशकों को हतोत्साहित नहीं करते हैं। इसी वजह से सेंसेक्स पैक में एक्सिस बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, टीसीएस, कोटक महिंद्रा बैंक, एनटीपीसी, पावरग्रिड, अदाणी पोर्ट्स, एसबीआई और एचसीएल टेक टॉप गेनर्स में शामिल थे। जबकि, टाटा मोटर्स, सन फार्मा, इंडसइंड बैंक, अल्ट्राटेक सीमेंट, टाइटन और बजाज फाइनेंस टॉप लूजर्स की लिस्ट में थे। संस्थागत मोर्चे पर, विदेशी संस्थागत निवेशक यानी एफआईआई शुद्ध विक्रेता थे और उन्होंने 16 जून को 2,287.69 करोड़ रुपए की इक्विटी बेची, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों यानी डीआईआई ने 5,607.64 करोड़ रुपए की इक्विटी खरीदी है।

अमेरिकी व एशियाई बाजारों का हाल 

बाजार विश्लेषकों के अनुसार इजराइल और ईरान के बीच चल रहे युद्ध का असर वैश्विक बाजार पर दिखने लगा है। एशियाई बाजारों में, बैंकॉक, जकार्ता, जापान और सोल में स्थिति बेहतर है। यहां आज सुबह शेयर बाजार हरे निशान में खुले और अच्छा कारोबार कर रहे थे, जबकि हांगकांग और चीन  की स्थिति खराब है। यहां शेयर बाजार लाल निशान में कारोबार कर रहे हैं। अमेरिकी बाजारों में पिछले कारोबारी सत्र में डॉव जोन्स फ्यूचर्स 317.30 अंकों की बढ़त के साथ 42,515.09 पर बंद हुआ है। एसएंडपी 500 इंडेक्स 56.14 अंकों की बढ़त के साथ 6,033.11 पर और नैस्डैक 294.39 अंकों की बढ़त के साथ 19,701.21 पर बंद हुआ। अमेरिकी फेडरल रिजर्व की दो दिवसीय बैठक शुरू हो चुकी है। यह बुधवार को समाप्त होगी। इसके बाद केंद्रीय बैंक द्वारा ब्याज दरों को उनके मौजूदा स्तर पर बनाए रखने की उम्मीद की जा रही है। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के प्राइम रिसर्च के प्रमुख देवर्ष वकील ने कहा कि मुद्रास्फीति में कमी के हालिया संकेतों और निरंतर आर्थिक मजबूती को देखते हुए ब्याज दरों के भविष्य को लेकर अध्यक्ष जेरोम पॉवेल के कमेंट्स की बारीकी से जांच की जाएगी।

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