Luxury Homes:  लग्जरी घरों की बिक्री 28 प्रतिशत तक बढ़ी

Summary : भारत के शीर्ष सात शहरों में लग्जरी हाउसिंग सेगमेंट की बिक्री में जोरदार बढ़ोत्तरी हुई है। आंकड़ों के मुताबिक इस साल जनवरी से मार्च की अवधि के दौरान सालाना आधार पर 28 प्रतिशत की बढ़त देखने को मिली है।

नई दिल्लीः हर इंसान का सपना एक खूबसूरत घर बनाने का होता है। इंसान अपने जीवन भर की जमा पूंजी से हर तरह की सुख-सुविधायुक्त घर लेकर अपने उस सपने को पूरा करता है। भारत के शीर्ष सात शहरों में लग्जरी हाउसिंग सेगमेंट की बिक्री में जोरदार बढ़ोत्तरी हुई है। आंकड़ों के मुताबिक इस साल जनवरी से मार्च की अवधि के दौरान सालाना आधार पर 28 प्रतिशत की बढ़त देखने को मिली है। रियल एस्टेट कंसल्टेंट सीबीआरई साउथ एशिया की रिपोर्ट में बताया गया कि 2025 की पहली तिमाही में 4 करोड़ से अधिक कीमत वाले लग्जरी सेगमेंट में 1,930 यूनिट्स की बिक्री हुई है। देश के शीर्ष सात शहरों में सबसे ज्यादा 950 लग्जरी घरों की बिक्री दिल्ली एनसीआर में हुई। इसके बाद मुंबई का स्थान था, जिसकी कुल बिक्री में हिस्सेदारी 23 प्रतिशत के करीब थी।

Sales increased in Bengluru

रिपोर्ट के मुताबिक दक्षिण भारतीय शहरों में बेंगलुरु में लग्जरी घरों की बिक्री में सबसे अधिक बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। शहर में 2025 की जनवरी-मार्च अवधि में कुल 190 लग्जरी घरों की बिक्री हुई है। यह आंकड़ा 2024 की समान अवधि में 20 यूनिट्स पर था, जिसमें नौ गुणा से अधिक की बढ़ोत्तरी हुई है। कोलकाता और चेन्नई की कुल लग्जरी सेगमेंट में हिस्सेदारी 0.5 प्रतिशत रही है। रिपोर्ट में बताया गया कि हाई-एंड सेगमेंट की कुल बिक्री में हिस्सेदारी 27 प्रतिशत और मिड-एंड सेगमेंट की हिस्सेदारी 25 प्रतिशत थी। कोल्डवेल बैंकर रिचर्ड एलिस यानी सीबीआरई में इंडिया, साउथ-ईस्ट एशिया, मीडिल ईस्ट और अफ्रीका के चेयरमैन और सीईओ, अंशुमन मैगजीन के मुताबिक बढ़ती डिस्पोजेबल आय, जीवनशैली में सुधार और फ्यूचर-रेडी लिविंग स्पेस की चाहत के कारण लक्जरी और हाई-एंड सेगमेंट में लगातार तेजी बनी हुई है। हमें उम्मीद है कि आवासीय मांग काफी हद तक स्थिर रहेगी, क्योंकि इन्फ्रास्ट्रक्चर में सुधार और फंडिंग तक पहुंच प्रमुख शहरों में घरों की मांग को लगातार सपोर्ट कर रही है।

 Effect of reduction in repo rate

यह भी माना जा रहा है कि भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई की ओर से रेपो दर में हाल ही में की गई कटौती से खरीदारी में काफी सुधार आ सकता है। यह भी बताया कि  भारत का आवासीय बाजार 2025 में स्थिर रह सकता है, जिसे घरों की बढ़ती मांग, आय में बढ़ोत्तरी होने और इन्फ्रास्ट्रक्चर में सुधार का लाभ मिलेगा। बता दें, आरबीआई द्वारा रेपो में कटौती से ईएमआई और रेंटल के बीच अंतर कम होगा। इससे घरों की मांग में बढ़ोत्तरी भी देखने को मिलेगी। वर्ष 2023-24 के दौरान पर्याप्त भूमि अधिग्रहण के कारण, वर्ष के दौरान नए प्रोजेक्ट लॉन्च उच्च स्तर पर रहने की उम्मीद भी व्यक्त की जा रही है।

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