IPPB 8th Foundation Day: संचार मंत्रालय के अनुसार, इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (आईपीपीबी) ने 12 करोड़ ग्राहकों का आंकड़ा पार कर लिया है और हाल ही में अपना आठवां स्थापना दिवस मनाया है। आईपीपीबी ने एक और मील का पत्थर पार किया है, जिसमें लास्ट माइल तक सुलभ, किफायती और इंक्लूसिव बैंकिंग सेवाएं प्रदान की हैं, जिससे बैंकिंग परिदृश्य को एक नया दिशा मिली है।
आईपीपीबी, जो सितंबर 2018 में स्थापित किया गया था, अब वैश्विक स्तर पर सबसे बड़ी वित्तीय समावेशन पहलों में से एक के रूप में उभरा है। इस बैंक ने 1.64 लाख से अधिक डाकघरों और 1.90 लाख से अधिक पोस्टमैन और ग्रामीण डाक सेवकों (जीडीएस) की बेजोड़ पहुंच का लाभ उठाते हुए, एक मजबूत और व्यापक वित्तीय सेवा नेटवर्क स्थापित किया है। मंत्रालय ने कहा कि आईपीपीबी ने अब तक अरबों डिजिटल लेनदेन किए हैं और भारतीय गांवों, अर्ध-शहरी क्षेत्रों और दूरदराज के इलाकों में डोर-स्टेप बैंकिंग सेवाओं को सक्षम किया है।
आईपीपीबी की अध्यक्ष वंदिता कौल ने बताया कि आईपीपीबी ने यह साबित कर दिया है कि वित्तीय समावेशन सिर्फ एक विचार नहीं, बल्कि एक साकारात्मक और व्यवहारिक वास्तविकता बन सकता है। हमने पोस्टल बैंकिंग के अनूठे मॉडल के माध्यम से लाखों भारतीयों को बैंकिंग सेवाएं उनके घरों तक पहुंचाई हैं। इस सफलता के बाद, बैंक ने कई नए उत्पाद और सेवाएं शुरू की हैं, जैसे डिजिस्मार्ट (डिजिटल सेविंग अकाउंट), प्रीमियम आरोग्य सेविंग अकाउंट (स्वास्थ्य लाभ वाले बैंक खाते), और आधार-आधारित फेस ऑथेंटिकेशन। इन सेवाओं से ग्राहकों की सुविधा और डिजिटल बैंकिंग की मांग को पूरा किया गया है।
इसके अलावा, आईपीपीबी ने विभिन्न साझेदार संस्थानों के सहयोग से प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) वितरण, पेंशन भुगतान, और ऋण और बीमा उत्पादों का विस्तार किया है। साथ ही, बैंक ने रुपे वर्चुअल डेबिट कार्ड, एईपीएस (आधार-सक्षम भुगतान सेवाएं), सीमा-पार प्रेषण, और भारत बिल-पे इंटीग्रेशन जैसी सेवाएं भी शुरू की हैं।
आईपीपीबी के एमडी और सीईओ आर. विश्वेश्वरन ने कहा कि हमारे 8वें स्थापना दिवस पर, हम 12 करोड़ से अधिक ग्राहकों के लिए वित्तीय सेवाओं तक पहुंच को नया रूप देने में आईपीपीबी की भूमिका पर गर्व महसूस करते हैं। हमारे पोस्टमैन और जीडीएस अब बैंकर बन गए हैं, जो लाखों-करोड़ों रुपए के लेनदेन को लोगों के डोर-स्टेप पर लाते हैं। आईपीपीबी का उद्देश्य एक मजबूत और समावेशी वित्तीय इकोसिस्टम का निर्माण करना है और यह भविष्य में बैंकिंग के क्षेत्र में बदलाव की दिशा तय करेगा।
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