जीएसटी सुधारों का असर, सितंबर-अक्टूबर अवधि में 15 प्रतिशत बढ़ी खपत

खबर सार :-
जीएसटी सुधारों का असर देश में खपत पर अब सीधे दिखाई पड़ने लगा है। सितंबर-अक्टूबर की अवधि में जीएसटी के तहत आने वाली वस्तुओं की आपूर्ति का कर योग्य मूल्य 15 प्रतिशत बढ़ा है। सरकार द्वारा सितंबर में जीएसटी सुधार लागू करने के साथ लोगों को इसके लाभों को बताने के साथ बचत उत्सव की भी शुरूआत की गई थी। जीएसटी लाभ को उद्योग जगत ने अंतिम उपभोक्ता तक पहुंचाया।

जीएसटी सुधारों का असर, सितंबर-अक्टूबर अवधि में 15 प्रतिशत बढ़ी खपत
खबर विस्तार : -

नई दिल्ली : जीएसटी सुधारों का असर देश में खपत पर प्रत्यक्ष तौर पर देखने को मिला है। सितंबर-अक्टूबर अवधि में जीएसटी के अंतर्गत आने वाली वस्तुओं की आपूर्ति का कर योग्य मूल्य 15 प्रतिशत बढ़ा है। पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में यह आंकड़ा 8.6 प्रतिशत था। यह जानकारी सरकारी सूत्रों के हवाले से सोमवार को दी गई। सरकारी सूत्रों ने बताया कि वस्तुओं की आपूर्ति का कर योग्य मूल्य बढ़ाना दिखाता है कि जीएसटी दरों में कमी से खपत में मजबूत सुधार हुआ है। 

बचत उत्सव से मिली खपत बढ़ाने में मदद 

सरकार की ओर से जीएसटी के लाभों से लोगों को अवगत कराने के लिए बचत उत्सव की भी शुरुआत की थी। इससे खपत बढ़ाने में मदद मिली है। सूत्रों के मुताबिक, जिन सेक्टर में मजबूत वृद्धि देखी गई है। उनमें एफएमसीजी, फार्मा, फूड प्रोडक्ट्स, ऑटोमोबाइल, मेडिकल डिवाइस और टेक्सटाइल शामिल हैं। इन सेक्टरों का मजबूत होना दिखाता है कि जीएसटी में कमी से ग्राहक खर्च को बढ़ावा मिला है।

जीएसटी लाभ को उद्योग जगत ने अंतिम उपभोक्ता तक पहुंचाया 

सरकारी सूत्रों ने बताया कि यह वृद्धि मूल्य के संदर्भ में है, क्योंकि जीएसटी दरें कम थीं, इसलिए मात्रा के संदर्भ में वृद्धि और भी अधिक होगी। यह दिखाता है कि अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधारों ने बड़े स्तर पर उपभोग को बढ़ाने में मदद की है। साथ ही, उद्योग जगत ने जीएसटी लाभ को अंतिम उपभोक्ता तक पहुंचाया है।

सूत्रों के मुताबिक, समीक्षा अवधि के जीडीपी निजी उपभोग के आंकड़े काफी समय बाद जारी किए जाएंगे। इस कारण जीएसटी कर योग्य मूल्य उपभोग के लिए सबसे विश्वसनीय रियल टाइम प्रॉक्सी के रूप में कार्य करता हैऔर वर्तमान संख्या स्पष्ट रूप से निरंतर मांग विस्तार का संकेत देती है।

सितंबर में लागू किया गया था जीएसटी सुधार 

सितंबर में लागू हुए जीएसटी सुधारों के तहत सरकार ने स्लैब की संख्या को चार -5 प्रतिशत, 12 प्रतिशत, 18 प्रतिशत और 28 प्रतिशत से घटाकर दो - 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत कर दिया था। साथ ही लग्जरी और सिन गुड्स पर 40 प्रतिशत का टैक्स लगाया गया है। इसके साथ ही, सरकार की ओर से कई चीजों पर सेस को घटाकर शून्य कर दिया गया था।

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