Indian Stock Market: पर्यावरण स्टार्टअप्स ने बाजार में जगाई नई उम्मीद, ग्रीन इकोनॉमी बनी निवेशकों की नई पसंद

खबर सार :-
भारतीय अर्थव्यवस्था तेजी से आगे बढ़ रही है। सरकार ऊर्जा और पर्यावरण के क्षेत्र में तेजी से काम कर रही है। इसका असर भारतीय शेयर बाजारों पर भी दिखने लगा है। घरेलू शेयर बाजार में मंगलवार को पर्यावरण स्टार्टअप्स ने नई उम्मीद जगा दी, निवेशकों ने ग्रीन इकॉनमी में न सिर्फ रुचि दिखाई बल्कि बड़े स्तर पर निवेश भी किया है।

Indian Stock Market: पर्यावरण स्टार्टअप्स ने बाजार में जगाई नई उम्मीद, ग्रीन इकोनॉमी बनी निवेशकों की नई पसंद
खबर विस्तार : -

मुंबईः ग्लोबल मार्केट में उतार-चढ़ाव के कारण निवेशक वेट एंड वाच की स्थिति में हैं। इसके साथ ही वह नए विकल्प भी तलाश रहे हैं। इस बीच भारतीय शेयर बाजार में मंगलवार को सुस्ती छाई रही, लेकिन एक नया ट्रेंड तेजी से उभरता दिखाई दे रहा है। पारंपरिक आईटी और फाइनेंस सेक्टर की कमजोरी के बीच ग्रीन टेक और क्लाइमेट-फोकस्ड स्टार्टअप्स ने निवेशकों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है। घरेलू शेयर बाजार में आज शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स और निफ्टी में मामूली गिरावट देखने को मिली, लेकिन ग्रीन इकोनॉमी से जुड़ी कंपनियों में निवेशक उत्साहित दिखे। ग्रीन एनर्जी, वेस्ट मैनेजमेंट और कस्टेनेबल इन्फ्रास्ट्रक्चर से जुड़ी कंपनियों में ट्रेडिंग वॉल्यूम में तेज उछाल दर्ज किया गया।

गुड़गांव की स्टार्टअप  कंपनी में 150 करोड़ का निवेश

यूपी में गुड़गांव स्थित स्टार्टअप ग्रीनवर्स (Greenverse) ने घोषणा की है कि उसे इंटरनेशनल क्लाइमेट फंड से 150 करोड़ रुपये का निवेश प्राप्त हुआ है। कंपनी अगले दो वर्षों में भारत के 20 प्रमुख शहरों में सोलर माइक्रो-ग्रिड्स स्थापित करने की योजना पर काम कर रही है। SME एक्सचेंज पर इसके शेयर 9.6 प्रतिशत की तेजी के साथ बंद हुए हैं। वहीं, पुणे की स्टार्टअप सस्टेनिया (Sustainia) ने स्मार्ट वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम के लिए एक सरकारी प्रोजेक्ट जीतने का ऐलान किया, जिससे उसके स्टॉक्स में 7.8 प्रतिशथ की बढ़त देखी गई। विश्लेषकों का मानना है कि इस समय निवेशक उन क्षेत्रों की ओर देख रहे हैं जो जलवायु परिवर्तन, ऊर्जा संकट और संसाधन प्रबंधन जैसी वैश्विक चुनौतियों के स्थायी समाधान प्रस्तुत कर रहे हैं।

विश्लेषकों की राय में बाजार

मार्केट एक्सपर्ट संजीव रस्तोगी ने कहा कि ग्रीन इकोनॉमी अब सिर्फ CSR का विषय नहीं रहा, यह अब वास्तविक आर्थिक ग्रोथ और निवेश का केंद्र बनता जा रहा है। खासतौर पर जब आईटी और ग्लोबल ट्रेड से जुड़ी अस्थिरता बरकरार है। अंतरराष्ट्रीय निवेशकों द्वारा लगातार हो रहे फंडिंग और सरकारी समर्थन ने इस सेक्टर को मजबूत बना दिया है। बाजार संकेत दे रहा है कि अगले दशक में ग्रीन सेक्टर पारंपरिक सेक्टरों को टक्कर दे सकता है।

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