मुंबईः भारत और अमेरिका के बीच एक बड़ी डील होने की संभावना है, जिसकी वजह से शुक्रवार को भारतीय शेयर बाजार हरे निशान में खुले। आज कारोबारी सत्र के शुरुआती दौर में पीएसयू बैंक और आईटी सेक्टर में खरीदारी का जोर देखा गया है। भारतीय शेयर बाजार में सुबह की शुरुआत सकारात्मक हुई है। आज सुबह 9:32 बजे सेंसेक्स 150.40 अंकों की बढ़कर 83,906.27 पर पहुंच गया। वहीं दूसरी तरफ निफ्टी सूचकांक में 54.50 अंकों की तेजी के साथ 25,603 अंकों पर था।
शेयर बाजार की शुरुआत बहुत ही सकारात्मक अंदाज में हुई है। बाजार खुलने के बाद निफ्टी बैंक का शुरुआती कारोबार बेहतर स्थिति में देखा गया है। आज सुबह निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 59,505.65 पर कारोबार कर रहा था। जबकि, निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 18,920.30 अंकों पर था। निवेशक मिडकैप और स्माल कैप में जमकर निवेश कर रहे हैं। सेंसेक्स पैक में टाटा मोटर्स, टाटा स्टील, एचसीएल टेक, एलएंडटी, एसबीआई और एनटीपीसी के शेयर टॉप गेनर्स में शामिल रहे हैं। जबकि, बजाज फाइनेंस, कोटक महिंद्रा बैंक, एचडीएफसी बैंक और बजाज फिनसर्व टॉप लूजर्स में थे। भारतीय शेयर बाजार में विदेशी संस्थागत निवेशक लगातार रुचि ले रहे हैं। आंकड़ों पर गौर करें, तो 26 जून को कारोबारी सत्र का समापन होने तक विदेशी संस्थागत निवेशकों ने सिर्फ खरीदारी की थी, जिन्होंने 12,594.38 करोड़ रुपए के शेयर ही खरीदे हैं। इस बीच, घरेलू संस्थागत निवेशक विक्रेता बने रहे, जिन्होंने 195.23 करोड़ रुपए के शेयर बेचे हैं। इसकी वजह से भी शेयर बाजार काफी संतुलित बना रहा।
एशियाई बाजारों में चीन, बैंकॉक, सोल और हांगकांग के शेयर बाजार लाल निशान में कारोबार कर रहे थे। जबकि केवल जापान हरे निशान में कारोबार कर रहा था। पिछले कारोबारी सत्र में, अमेरिका में डाउ जोंस 404.41 अंक की बढ़त के साथ 43,386.84 पर बंद हुआ। एसएंडपी 500 इंडेक्स 48.86 अंक की बढ़त के साथ 6,141.02 पर और नैस्डैक 194.36 अंक की बढ़त के साथ 20,167.91 पर बंद हुआ था।
दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के साथ बड़ी ट्रेड डील के संकेत दिए हैं, इससे कुछ सप्ताह पहले दोनों देशों के वार्ताकारों की एक टीम के बीच समझौते पर चार दिवसीय बंद कमरे की बातचीत हुई थी। व्हाइट हाउस में ‘बिग ब्यूटीफुल इवेंट’ को संबोधित करते हुए ट्रंप ने कहा कि भारत के साथ उनका बहुत बड़ा समझौता होने जा रहा है। इसके बाद से ही बाजार में सकारात्मक संकेत नजर आने लगे हैं। बाजार विश्लेषकों के अनुसार, 9 जुलाई की अमेरिकी टैरिफ समयसीमा बढ़ाए जाने की संभावना से जुड़ी रिपोर्ट्स भी मार्केट सेंटीमेंट के लिए सकारात्मक बनी हुई है। बजार विश्लेषक डॉ. वीके विजयकुमार के मुताबिक उच्च मुद्रास्फीति, केंद्रीय बैंकों द्वारा सख्त मौद्रिक उपाय, युद्धों और संघर्षों सहित भू-राजनीतिक घटनाएं और अभूतपूर्व टैरिफ खतरों ने रैली के लिए कुछ खतरे पैदा किए हैं, लेकिन निवेशक उस पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे रहे हैं। एक्सिस सिक्योरिटीज के शोध प्रमुख अक्षय चिंचलकर का कहना है कि शेयर बाजार में निवेश का प्रवाह और अधिक बढ़ सकता है, जिसमें 25,700-25,800 जोन अगले तत्काल उछाल के लिए एक बाधा हो सकता है, जबकि 25,000 पर समर्थन बना हुआ है, बुल्स जल्द ही वहां पहुंचने और आगे बढ़ने को लेकर आशावादी होंगे।
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