प्लेटिनम आभूषणों पर सरकार सख्त, अप्रैल 2026 तक आयात पर लगाया प्रतिबंध

खबर सार :-
प्लैटिनम आभूषणों के आयात पर 30 अप्रैल 2026 तक लगाए गए प्रतिबंध का मुख्य उद्देश्य शुल्क चोरी और मुक्त व्यापार समझौते के दुरुपयोग को रोकना है। यह कदम थाईलैंड से आने वाले गलत वर्गीकृत आयात पर अंकुश लगाएगा और घरेलू उद्योग को संरक्षण प्रदान करेगा। सरकार की आयात निगरानी सख्त होने से पारदर्शिता बढ़ेगी और बाजार में संतुलन कायम रहने की उम्मीद है।

प्लेटिनम आभूषणों पर सरकार सख्त, अप्रैल 2026 तक आयात पर लगाया प्रतिबंध
खबर विस्तार : -

PLATINUM IMPORT: केंद्र सरकार ने प्लैटिनम आभूषणों के आयात पर बड़ा कदम उठाते हुए 17 नवंबर 2024 से 30 अप्रैल 2026 तक इनकी आयात नीति में बदलाव कर दिया है। विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) द्वारा सोमवार को जारी अधिसूचना के अनुसार, अब कुछ विशिष्ट प्रकार के प्लैटिनम आभूषणों का आयात ‘मुक्त’ श्रेणी से हटाकर ‘प्रतिबंधित’ कर दिया गया है। नियम बदलने के बाद अब आयातकों को इन आभूषणों को देश में लाने के लिए अनिवार्य रूप से डीजीएफटी से लाइसेंस लेना होगा।

क्यों लिया गया यह निर्णय?

सरकार का यह कदम मुक्त व्यापार समझौतों (FTA) के संभावित दुरुपयोग को रोकने के उद्देश्य से उठाया गया है। हाल के महीनों में देखा गया कि कुछ आयातक प्लैटिनम और चांदी के आभूषणों के आयात में गलत वर्गीकरण करके कम शुल्क का लाभ उठा रहे थे। विशेष रूप से थाईलैंड से आने वाले बिना जड़ाऊ आभूषणों को गलत श्रेणी में दिखाकर सस्ते दरों पर आयात किया जा रहा था। थाईलैंड आसियान देशों के समूह का हिस्सा है, जहां से भारत का मुक्त व्यापार समझौता लागू है, और यही वजह थी कि शुल्क चोरी की संभावनाएं बढ़ रही थीं। सरकार ने इसी पैटर्न को रोकने के लिए सितंबर में चांदी के आभूषणों के आयात पर भी मार्च 2025 तक प्रतिबंध लगाया था। अब प्लैटिनम ज्वेलरी पर यह प्रतिबंध उसी प्रक्रिया का विस्तार माना जा रहा है।

आयातकों के लिए नई शर्तें

अधिसूचना में स्पष्ट किया गया है कि अब प्लैटिनम ज्वेलरी वर्ग के अंतर्गत आने वाले कुछ उत्पादों के लिए आयातकों को लाइसेंस प्राप्त करना जरूरी होगा। बिना लाइसेंस के इन आभूषणों का आयात नहीं किया जा सकेगा। सरकार का मानना है कि इससे बाजार में पारदर्शिता आएगी और अनधिकृत आयात पर रोक लगेगी। डीजीएफटी ने यह भी संकेत दिया कि आयात संबंधी निगरानी को और कड़ा किया जाएगा ताकि घरेलू उद्योग को नुकसान न हो। सरकार का उद्देश्य भारतीय ज्वेलरी उद्योग को अनुचित विदेशी प्रतिस्पर्धा से बचाना और बाजार में संतुलन बनाए रखना है।

घरेलू उद्योग को मिलेगी सुरक्षा

प्लैटिनम और चांदी के बाजार में पिछले कुछ समय से आयात बढ़ने के कारण स्थानीय निर्माताओं पर दबाव बढ़ रहा था। उद्योग संगठनों ने सरकार के सामने FTA के दुरुपयोग और कम शुल्क पर आयात होने की शिकायतें उठाई थीं। प्रतिबंध लागू होने से अब घरेलू आभूषण उद्योग को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है, साथ ही राजस्व क्षति भी रुक सकेगी।

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