Indian Economy: अमेरिकी टैरिफ के बाद भी भारत में नई कंपनियों के पंजीकरण में हुई वृद्धि

खबर सार :-
अमेरिकी टैरिफ में वृद्धि के बावजूद भारत में कारोबारी गतिविधियां बढ़ रही हैं, और नए व्यवसायों के पंजीकरण में वृद्धि देखने को मिल रही है। सरकार के सुधारात्मक कदम, जैसे जीएसटी में बदलाव और मजबूत जीडीपी ग्रोथ, देश के कारोबारी माहौल को और प्रोत्साहित कर रहे हैं। यह दर्शाता है कि भारत आर्थिक दृष्टिकोण से मजबूत स्थिति में है। यह सकारात्मक रुझान जारी रहने की संभावना है।

Indian Economy: अमेरिकी टैरिफ के बाद भी भारत में नई कंपनियों के पंजीकरण में हुई वृद्धि
खबर विस्तार : -

नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लागू किए गए टैरिफ में वृद्धि के बावजूद भारत में कारोबारी गतिविधियों की रफ्तार तेज बनी हुई है। अगस्त में भारत में नई कंपनियों और लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनशिप (एलएलपी) के पंजीकरण में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। यह जानकारी कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय द्वारा साझा की गई। मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, अगस्त में करीब 20,170 कंपनियों का पंजीकरण हुआ, जो पिछले साल की तुलना में 37 प्रतिशत अधिक है। यह लगातार आठवां महीना है, जब कंपनियों के पंजीकरण में वृद्धि देखी जा रही है। साथ ही, अगस्त में एलएलपी पंजीकरण में भी 22 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई, जो 6,939 तक पहुंच गया। यह लगातार छठा महीना है, जब एलएलपी पंजीकरण में वृद्धि हो रही है।

कारोबारी माहौल और जीडीपी वृद्धि

भारत में कंपनियों और एलएलपी के पंजीकरण में वृद्धि के पीछे सबसे बड़ा कारण देश का सकारात्मक कारोबारी माहौल और मजबूत जीडीपी ग्रोथ है। सरकार ने व्यापारिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के लिए कई सुधारात्मक कदम उठाए हैं। खासकर जीएसटी के सुधार में सरकार लगातार काम कर रही है। जीएसटी परिषद की बैठक बुधवार से शुरू हो गई है, जो 4 सितंबर तक चलेगी, जिसमें जीएसटी के दो स्तरीय टैक्स स्लैब पर चर्चा होगी। इस प्रस्तावित सुधार से करीब 150 उत्पादों पर जीएसटी दरों में कमी आ सकती है, जो छोटे और मंझले व्यापारियों के लिए सहायक साबित होगा।

आर्थिक विकास और जीडीपी आंकड़े

नेशनल स्टैटिस्टिक्स ऑफिस (एनएसओ) द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल-जून 2025 की अवधि में भारत की रियल जीडीपी 47.89 लाख करोड़ रुपए रही, जो पिछले साल की समान अवधि की जीडीपी से 7.8 प्रतिशत अधिक है। इस दौरान कृषि और उससे जुड़े क्षेत्रों की विकास दर 3.7 प्रतिशत रही, जो पिछले साल की समान तिमाही की दर से काफी बेहतर है। द्वितीय क्षेत्र, जिसमें मैन्युफैक्चरिंग और कंस्ट्रक्शन शामिल हैं, की विकास दर 7.5 प्रतिशत रही, जबकि तृतीय क्षेत्र, जिसमें सर्विसेज को शामिल किया गया है, ने 9.3 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की।

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