टैरिफ पर ट्रंप के नए फैसले से भारत से मसालों, चाय और काजू का निर्यात बढ़ेगा

खबर सार :-
अमेरिका द्वारा 200 खाद्य उत्पादों पर टैरिफ वापस लेने का निर्णय भारतीय कृषि और खाद्य निर्यातकों के लिए बड़ा अवसर लेकर आया है। मसाले, चाय, काजू और फल-मेवे जैसी प्रमुख कैटेगरी में निर्यात बढ़कर भारत-अमेरिका व्यापार संबंधों को मजबूत करेगा। राजनीतिक दबाव और महंगाई नियंत्रण की जरूरत से शुरू हुआ यह फैसला आगे दोनों देशों के लिए लाभकारी साबित हो सकता है।

टैरिफ पर ट्रंप के नए फैसले से भारत से मसालों, चाय और काजू का निर्यात बढ़ेगा
खबर विस्तार : -

Trump Tariff: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा करीब 200 खाद्य उत्पादों पर लगाए गए टैरिफ वापस लेने के फैसले से भारत से मसालों, चाय और काजू का निर्यात तेज़ी से बढ़ने की उम्मीद है। अमेरिकी घरेलू बाजार में खाद्य कीमतों में लगातार इजाफे और विपक्ष के बढ़ते दबाव के बीच यह कदम उपभोक्ताओं को राहत देने के उद्देश्य से उठाया गया है। ट्रंप प्रशासन ने माना कि कई उत्पाद ऐसे हैं जिनका उत्पादन अमेरिका में पर्याप्त मात्रा में नहीं होता, इसलिए आयातित वस्तुओं पर शुल्क कम करना अनिवार्य था।

भारत को मिलेगा बड़ा निर्यात अवसर

अमेरिका ने जिन उत्पादों पर टैरिफ कम किया है, उनमें भारत से बड़े पैमाने पर निर्यात होने वाले मसाले जैसे काली मिर्च, लौंग, जीरा, इलायची, हल्दी, अदरक और विभिन्न प्रकार की चाय शामिल हैं। इसके अलावा आम आधारित उत्पाद, फलों के रस, कोको से बने उत्पाद, वनस्पति मोम और काजू जैसे मेवों पर भी शुल्क में राहत दी गई है। साल 2024 में भारत ने अमेरिका को 500 मिलियन डॉलर से अधिक मूल्य के मसाले निर्यात किए थे। वहीं चाय और कॉफी का निर्यात लगभग 83 मिलियन डॉलर का रहा था। काजू का निर्यात भी करीब 200 मिलियन डॉलर तक पहुंच गया था। भारतीय निर्यातकों के अनुसार शुल्क में कमी से इन सभी श्रेणियों में 15–20 प्रतिशत तक निर्यात वृद्धि संभव है।

50 से अधिक प्रोसेस्ड फूड कैटेगरी को मिलेगा लाभ

भारतीय अधिकारियों का कहना है कि लगभग 50 प्रकार की प्रोसेसेड फूड कैटेगरी इस निर्णय से सीधे लाभान्वित होंगी। पिछले वर्ष इन कैटेगरी में भारत से अमेरिका को 491 मिलियन डॉलर मूल्य के उत्पाद भेजे गए थे। इनमें कॉफी-चाय के अर्क, फलों के रस, आम आधारित उत्पाद और कोको उत्पाद प्रमुख हैं। इसके अलावा फल और मेवों की 48 अतिरिक्त कैटेगरी—जैसे नारियल, अमरूद, आम, काजू, केला, सुपारी और अनानास—पर भी टैरिफ कमी का असर पड़ेगा। निर्यातक उम्मीद कर रहे हैं कि शुल्क में कमी से भारतीय उत्पाद अमेरिकी बाजार में अधिक प्रतिस्पर्धी बनेंगे और नए खरीदार भी जोड़ेंगे।

राजनीतिक दबाव में लिया गया फैसला

अमेरिका में खाद्य कीमतों में तेजी से बढ़ोतरी ने ट्रंप प्रशासन की परेशानियां बढ़ा दी थीं। कीमतों में लगातार उछाल के कारण वहां की जनता की जीवन-यापन लागत बढ़ रही थी, जिसे लेकर राष्ट्रपति ट्रंप कई बार चिंता व्यक्त कर चुके थे। हाल ही में वर्जीनिया और न्यू जर्सी में हुए चुनावों में रिपब्लिकन पार्टी की हार ने भी प्रशासन पर दबाव बढ़ाया। परिणामस्वरूप महंगाई पर लगाम लगाने के लिए यह शुल्क छूट लागू की गई, जो गुरुवार, 13 नवंबर की मध्यरात्रि से प्रभावी होगी।

 

अन्य प्रमुख खबरें