नई दिल्ली: भारत सरकार की मेक इन इंडिया स्कीम और मेड इन इंडिया प्रोडक्ट्स की धूम पूरी दुनिया में मची हुई है। भारत ने अमेरिका के स्मार्टफोन बाजार में अपनी गहरी पैठ बना ली है। एक ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने 2025 की दूसरी तिमाही में अमेरिका के स्मार्टफोन बाजार में चीन को पछाड़कर सबसे बड़ा निर्यातक बनने की दिशा में महत्वपूर्ण बढ़त बनाई है। रिपोर्ट के मुताबिक, चीन में असेंबल किए गए अमेरिकी स्मार्टफोन शिपमेंट का हिस्सा 2024 की दूसरी तिमाही में 61 प्रतिशत से घटकर 2025 की दूसरी तिमाही में केवल 25 प्रतिशत रह गया है। यह गिरावट भारत के पक्ष में आई है, जहां मेड-इन-इंडिया स्मार्टफोन की मात्रा में 240 प्रतिशत की सालाना वृद्धि दर्ज की गई है।
कैनालिस (जो अब ओमडिया का हिस्सा है) की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि 2024 के अंत तक भारत, अमेरिका में बिकने वाले स्मार्टफोनों का 44 प्रतिशत हिस्सा बनाने वाला प्रमुख हब बन गया है, जबकि 2024 की दूसरी तिमाही में यह आंकड़ा केवल 13 प्रतिशत था। कैनालिस के प्रमुख विश्लेषक संयम चौरसिया ने कहा कि भारत अब अमेरिका में बिकने वाले स्मार्टफोन का प्रमुख उत्पादन स्थल बन गया है, और इसकी मुख्य वजह अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक अनिश्चितता और एप्पल का भारत में अपनी सप्लाई चेन को तेजी से शिफ्ट करना है।
एप्पल ने अपनी 'चाइना प्लस वन' रणनीति के तहत भारत में उत्पादन क्षमता को तेजी से बढ़ाया है। 2025 तक, एप्पल अपने अधिकांश स्मार्टफोन निर्यात को अमेरिका के बाजार में भेजने के लिए भारत को अपनी सप्लाई चेन का केंद्र बनाएगा। एप्पल ने भारत में iPhone 16 सीरीज़ के प्रो मॉडल की मैन्युफैक्चरिंग और असेंबलिंग भी शुरू कर दी है, हालांकि अमेरिकी बाजार के लिए प्रो मॉडल की सप्लाई के लिए अभी भी चीन पर निर्भरता बनी हुई है।
सैमसंग और मोटोरोला भी भारत से अमेरिका को स्मार्टफोन निर्यात करने में वृद्धि कर रहे हैं, हालांकि उनकी गतिविधियां एप्पल की तुलना में धीमी हैं। मोटोरोला का प्रमुख उत्पादन केंद्र चीन में है, जबकि सैमसंग मुख्य रूप से वियतनाम में स्मार्टफोन का उत्पादन करता है। फिर भी, इन कंपनियों ने भारत से अपनी सप्लाई बढ़ाई है, जो अमेरिकी बाजार में स्मार्टफोन की बढ़ती मांग को पूरा करने में मदद कर रही है।
2025 की दूसरी तिमाही में अमेरिका में स्मार्टफोन शिपमेंट में 1 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, जो मुख्य रूप से टैरिफ संबंधी चिंताओं और वैश्विक सप्लाई चेन की अनिश्चितताओं के बीच विक्रेताओं द्वारा डिवाइस इन्वेंट्री को बढ़ाने के कारण हुआ। रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि सैमसंग ने दूसरी तिमाही में अपनी स्टॉक वृद्धि के साथ सालाना आधार पर 38 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की, जो मुख्य रूप से गैलेक्सी ए-सीरीज़ डिवाइस की बढ़ी हुई मांग से प्रभावित था।
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